वन है तो हम हैं
या
वनों का महत्व
या
वृक्षों का महत्व
या
वृक्ष धरा के भूषण
या
वन रहेंगे, हम रहेंगे
प्रारूप -
प्रस्तावना
वनों का महत्व
वनों से लाभ
वनों की कटाई के दुष्परिणाम
निष्कर्ष
1 प्रस्तावना : प्रकृति एक बहुत ही सुंदर वातावरण है जो हमारे चारों ओर विद्यमान है। इसके अंतर्गत पेड़ पौधे, जीव जंतु, सूर्य, चंद्रमा, पुष्प, नीला आकाश आदि शामिल है। हम मनुष्य भी प्रकृति का हिस्सा है। भारतीय संस्कृति में वृक्षों का बड़ा महत्व है। प्राचीन काल से ही यहां वृक्षों की पूजा होती आ रही है। पीपल का वृक्ष तो भगवान वासुदेव का प्रतीक माना जाता है। लाभालाभ की दृष्टि से वृक्ष बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधन होते हैं।
2 वनों का महत्व : इस पृथ्वी पर जीवन हेतु वनों, वृक्षों का बहुत ही महत्व है। वनों के कारण ही यह पृथ्वी जीवन योग्य बनी हुई है। वृक्ष पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वन हमारे प्राकृतिक संपदा है। वनों से अनेक प्रकार के लाभ भी होते हैं।
3 वनों से लाभ : वनों से हमें दो प्रकार के लाभ होते हैं जो इस प्रकार है
प्रत्यक्ष लाभ :
वनों से हमें लकड़ियां प्राप्त होती हैं जिसकी सहायता से खिड़की, दरवाजे, टेबल, आलमारियां आदि बनायें जाते है।
वनों से गोंद, रेजिन, रबर आदि प्राप्त होते हैं।
वन पशुओं के लिए उत्तम चारागाह होता है।
वनों से हमें कंदमूल, फल फूल और विभिन्न प्रकार की औषधियां प्राप्त होती है।
अप्रत्यक्ष लाभ :
वनों के कारण ही वातावरण संतुलित रहता है।
वृक्ष प्रदूषण को काम करते हैं ।
वृक्ष अन्य जीवधारी को प्राणवायु प्रदान करते हैं।
वृक्षों के कारण मृदा अपरदन नहीं होता।
वन वाले क्षेत्रों में खूब वर्षा भी होती है।
4 वनों की कटाई के दुष्परिणाम : जैसे-जैसे वन कटते जा रहे हैं, वैसे-वैसे अनेक प्रकार की समस्याएं सामने आती जा रही है। वनों की कटाई से पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है, वर्षा भी प्रभावित हो रही है, मृदा अपरदन हो रहा है। वनों के अविवेकपूर्ण दोहन से प्रदूषण की समस्या बढ़ती ही जा रही है।
5 निष्कर्ष : वृक्ष है तो जल है, जल है तो अन्न है और अन्य है तो जीवन है अर्थात् वृक्षों की रक्षा करना हमारा उत्तरदायित्व है। अतः पेड़ लगाए, लगवाए और दूसरों को भी पेड़ लगाने हेतु प्रोत्साहित करें।
"वृक्षारोपण के द्वारा पृथ्वी की संरचना में सुधार किया जा सकता है।"
पंडित जवाहरलाल नेहरू ने वृक्षों की महत्ता को देखकर कहा था कि "उगता हुआ वृक्ष उभरते हुए राष्ट्र का प्रतीक होता है।"