Q.1 एंटी फ्रिज किसे कहते हैं? उदाहरण दीजिए।
Ans: वे पदार्थ जो जल के हिमांक को कम कर देते हैं जिसके कारण जल बर्फ में परिवर्तित नहीं हो पाता उसे एंटी फ्रिज कहते हैं।
उदाहरण : एथिलीन ग्लाईकाॅल
मोटर गाड़ियों के रेडिऐटर के जल में एथिलीन ग्लाइकाॅल मिलाया जाता है जिससे जल का हिमांक कम हो जाता है तथा कम ताप पर भी जल बर्फ में परिवर्तित नहीं होता है जिससे रेडिऐटर को क्षति नहीं होती।
Q.2 विलयन किसे कहते हैं इसके विभिन्न घटकों के नाम लिखिए।
Ans: विलयन दो या दो से अधिक पदार्थों का समांगी मिश्रण विलयन कहलाता है।
उदाहरण जल व नमक का विलयन पीतल जिंक वर्क कॉपर का मिश्रण जर्मन सिल्वर कॉपर जिंक निखिल का मिश्रण कौन सा कॉपर एवं तीनSn मिश्रण।
विलयन के घटक
विलयन जिन पदार्थों से मिलकर बना होता है उसे विलयन का घटक (अवयव) कहते हैं। यह निम्नलिखित प्रकार के होते हैं -
विलायक (Solvent): विलयन में जिस पदार्थ की मात्रा अधिक होती है उसे विलायक कहते हैं।
विलेय (Solute): विलयन में जिस पदार्थ की मात्रा कम होती है उसे विलेय कहते हैं।
Q.3 विलयन किसे कहते हैं? यह कितने प्रकार के होते हैं? लिखिए।
Ans: विलयन दो या दो से अधिक पदार्थों का समांगी मिश्रण विलयन कहलाता है।
उदाहरण : जल व नमक का विलियन ,पीतल (Zn and Cu का मिश्रण), जर्मन सिल्वर (Cu, Zn and Ni का मिश्रण)।
विलयन के प्रकार
घटक के संख्या के आधार पर विलयन के प्रकार
द्विअंगी विलयन दो पदार्थों से बना विलियन द्विअंगी विलयन कहलाता है।
पीतल (Zn and Cu का मिश्रण)
त्रिअंगी विलयन तीन पदार्थों से बना विलियन त्रिअंगी विलयन कहलाता है।
जर्मन सिल्वर (Cu, Zn and Ni का मिश्रण)
चतु: अंगी विलयन चार पदार्थों से बना विलियन चतु: अंगी विलयन कहलाता है।
अवस्था के आधार पर विलयन के प्रकार
गैसीय विलयन : इसमें विलायक गैस होता है।
द्रव विलियन : इसमें विलायक द्रव होता है।
ठोस विलयन : इसमें विलायक ठोस होता है।
विलयन में विलेय की मात्रा के आधार पर विलयन के प्रकार
सांद्र विलयन : इसमें विलय की मात्रा अधिक होती है।
तनु विलयन : इसमें विलेय की मात्रा विलायक की तुलना में कम होती है।
संतृप्त विलयन : इसमें किसी निश्चित ताप पर विलेय की और अधिक मात्रा नहीं मिलायी जा सकती।
असंतृप्त विलयन : इसमें विलेय और अधिक मात्रा में मिलायी जा सकती है।
अतिसंतृप्त विलयन : इसमें विलेय की मात्रा विलायक की तुलना में अत्यधिक होती है।
विलयन के कण के आधार पर विलयन का प्रकार
वास्तविक विलयन (real solution) : 1nm से छोटा।
कोलाइडी विलयन (colloidal solution) : 1nm - 1000nm के बीच।
निलंबन (suspension) : 1000nm से अधिक।
Q.4 परासरण के आधार पर विलयन कितने प्रकार के होते हैं? लिखिए।
Ans: निम्नलिखित प्रकार के होते हैं -
समपरासरी विलयन (Isotonic Solution) : समान ताप पर विलयनों का परासरण दाब समान होता है तो ऐसे विलयन को समपरासरी विलयन कहते हैं।
अतिपरासरी विलयन (Hypertonic Solution) : समान ताप पर जिस विलयन का परासरण दाब अधिक होता है, उसे अतिपरासरी विलयन कहते हैं।
अल्पपरासरी विलयन (Hypotonic Solution) :समान ताप पर जिस विलयन का परासरण दाब कम होता है, उसे अल्पपरासरी विलयन कहते हैं।
Q.5 विलयनों की सांद्रता को व्यक्त करने के लिए किन-किन विधियों का प्रयोग किया जाता है? लिखिए।
Ans: द्रव्यमान प्रतिशत : 100 ग्राम विलयन में उपस्थित विलेय की ग्राम में द्रव्यमान को द्रव्यमान प्रतिशत या प्रतिशतता कहते हैं। इसे w/W से प्रदर्शित करते हैं।
द्रव्यमान प्रतिशत = विलेय का द्रव्यमान × 100 / विलयन का द्रव्यमान
आयतन प्रतिशत : 100 ml विलयन में उपस्थित विलेय का ml में आयतन को आयतन प्रतिशत कहते हैं। इसे v/V से प्रदर्शित करते हैं।
आयतन प्रतिशत = विलेय का आयतन × 100 / विलयन का आयतन
द्रव्यमान आयतन प्रतिशत : 100 ml विलयन में उपस्थित विलेय की ग्राम में द्रव्यमान को द्रव्यमान आयतन प्रतिशत कहते हैं। इसे w/V से प्रदर्शित करते हैं।
द्रव्यमान आयतन प्रतिशत = विलेय का द्रव्यमान × 100 / विलयन का आयतन
मोलरता या मोलर सांद्रण (Molarity) : 1 लीटर विलयन में उपस्थित विलेय के मालों की संख्या को विलयन की मोलरता कहते हैं। इसे M से प्रदर्शित करते हैं।
M = विलेय के मोल /विलयन का आयतन (लीटर में)
मोललता या मोलल सांद्रण (Molality) 1 किलोग्राम विलयन में उपस्थित विलेय के मालों की संख्या को विलयन की मोललता कहते हैं। इसे m से प्रदर्शित करते हैं।
m = विलेय के मोल / विलायक का द्रव्यमान (किलोग्राम में)
नॉर्मलता : 1 लीटर विलयन में उपस्थित विलेय के ग्राम तुल्यांको की संख्या को विलयन की नॉर्मलता कहते हैं। इसे N से प्रदर्शित करते हैं।
N = विलेय के ग्राम तुल्यांको की संख्या / विलयन का आयतन (लीटर में)
फॉर्मलता : 1 लीटर विलियन में उपस्थित विलेय के ग्राम सूत्रभारों की संख्या उसकी फॉर्मलता कहलाती है। इसे F से प्रदर्शित करते हैं।
F = विलेय का ग्राम सूत्र भार / विलयन का आयतन (लीटर में)
मोल अंश (मोल प्रभाज) : विलेय या विलायक के कुल मोलों की संख्या तथा विलयन के कुल मोलों की संख्या के अनुपात को मोल प्रभाज कहते हैं। इसे X से प्रदर्शित करते हैं।
X = विलय या विलायक के मोलों की संख्या/ विलयन के कुल मोलों की संख्या
Q.6 वाष्प दाब किसे कहते हैं? वाष्प दाब को प्रभावित करने वाले कारकों को समझाइए।
Ans: वाष्प दाब : किसी द्रव के द्वारा अपनी सतह पर वाष्प में परिवर्तित होने के लिए जो दाब लगाया जाता है उसे वाष्प दाब कहते हैं।
वाष्प दाब को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित है -
तापमान तापमान बढ़ने पर वाष्प दाब भी बढ़ता है।
वाष्पशील विलेय किसी पदार्थ में वाष्पशील विलेय मिलाने पर उसका वाष्प दाब बढ़ जाता है।
क्वथनांक बढ़ाने पर वाष्प दाब घट जाता है।
अंतराणुक आकर्षण बल यदि अंणुओं के मध्य अंतराणुक आकर्षण बल अधिक हो तो उसका वाष्प दाब कम होता है।
Q.7 राउल्ट का नियम क्या है? इसके आधार पर विलयन कितने प्रकार के होते हैं?
Ans: राउल्ट का नियम राउल्ट के नियमानुसार,
विलायक या विलेय का वाष्प दाब उसके मोल प्रभाज के समानुपाती होता है।
विलायक के लिए वाष्प दाब
Pa ∝ Xa
Pa = KXa-----(1)
जहां K = नियतांक
शुद्ध विलायक के लिए
Pa = P'a and Xa = 1, K = p'a
समीकरण एक में मान रखने पर
Pa = P'aXa----(2)
इसी प्रकार विलेय का वाष्प दाब
Pb = P'bXb----(3)
राउल्ट के नियम के आधार पर विलयन मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं -
1 आदर्श विलयन : विलयन जो किसी ताप पर राउल्ट के नियम का पालन करते हैं तथा जिनके निर्माण से ऐंथैल्पी एवं आयतन में कोई परिवर्तन नहीं होता उसे आदर्श विलयन कहते हैं।
विशेषता या शर्तें
राउल्ट के नियम का पालन करता है।
एंथैल्पी में परिवर्तन = 0
आयतन में परिवर्तन = 0
∆Smix = +Ve
∆Gmix = -Ve
अन्योन्यक्रिया आकर्षण बल A-A=B-B=A-B
उदाहरण
C6H5Cl व C6H5Br का मिश्रण
C6H6 व C6H5CH3 का मिश्रण
C2H5Cl व C2H5Br का मिश्रण
2 अनादर्श विलयन : वे विलयन जो किसी ताप पर राउल्ट के नियम का पालन नहीं करते तथा जिनके निर्माण से एंथैल्पी एवं आयतन में परिवर्तन होता जाता है उसे अनादर्श विलयन कहते हैं।
यह दो प्रकार का होता है
2.1 धनात्मक विचलन प्रदर्शित करने वाला अनादर्श विलयन
ऐसे विलयन जो राउल्ट के नियम से अधिक वाष्प दाब उत्पन्न करते हैं तथा जिनके बनने पर एंथैल्पी व आयतन में वृद्धि होती है उसे धनात्मक विचलन प्रदर्शित करने वाला अनादर्श विलयन कहते हैं।
विशेषता या शर्तें
राउल्ट के नियम से अधिक वाष्प दाब उत्पन्न करता है।
एंथैल्पी में परिवर्तन = +Ve
आयतन में परिवर्तन = +Ve
∆Smix = +Ve
∆Gmix = -Ve
अन्योन्यक्रिया आकर्षण बल A-A=B-B>A-B
उदाहरण
CH3COCH3 & C2H5OH
H2O & CH3OH
CCl4 & CHCl5
2.2 ऋणात्मक विचलन प्रदर्शित करने वाला अनादर्श विलयन
ऐसे विलयन जो राउल्ट के नियम से कम वाष्प दाब उत्पन्न करते हैं तथा जिनके बनने पर एंथैल्पी व आयतन में कमी होती है उसे ऋणात्मक विचलन प्रदर्शित करने वाला अनादर्श विलयन कहते हैं।
विशेषता या शर्तें
राउल्ट के नियम से कम वाष्प दाब उत्पन्न करता है।
एंथैल्पी में परिवर्तन
आयतन में परिवर्तन
∆Smix = +Ve
∆Gmix = -Ve
अन्योन्यक्रिया आकर्षण बल A-A=B-B<A-B
उदाहरण
CHCl3 + CH3COCH3
H2O + HCl
H2O + H2SO4
H2O + NHO3
Q.8 अणुसंख्यक गुणधर्म किसे कहते हैं? यह कितने प्रकार के होते हैं? विस्तार से समझाइए।
Ans: अणुसंख्यक गुणधर्म : विलयन के हुए गुण जो विलय के अंगों की संख्या पर निर्भर करता है उसे अणुसंख्यक गुणधर्म कहते हैं। ये चार प्रकार के होते हैं -
1 वाष्प दाब में आपेक्षिक अवनमन :स्थिर ताप पर किसी अवाष्पशील विलेय युक्त विलयन के वाष्प दाब में आपेक्षिक अवनमन उसके मोल प्रभाज के बराबर होता है।
राउल्ट के नियम से,
Pa = KXa -----------(1)
शुद्ध विलायक के लिए
Pa = P°a, Xa = 1, तो समी 1 से K = P°a
समी. 1 में मान रखने पर,
Pa = P°aXa
हम जानते हैं कि
Xa + Xb = 1 अतः Xa = 1 - Xb
Pa = P°a (1 - Xb)
Pa = P°a - P°aXb
या P°aXb = P°a - Pa
Xb = P°a - Pa / P°a
जहां Xb = विलेय का मोल प्रभाज
2 क्वथनांक उन्नयन : किसी विलयन में अवाष्पशील विलेय मिलाने पर उसका क्वथनांक बढ़ जाता है, इसे क्वथनांक उन्नयन कहते हैं। इसे "∆Tb" से प्रदर्शित करते हैं।
क्वथनांक उन्नयन विलयन के मोललता के अनुक्रमानुपाती होता है।
∆Tb = Kb × m
m = का मान रखने पर,
∆Tb = Kb × Wb ×1000/Mb × Wa ( in gram)
जहां Kb = मोलल उन्नयन स्थिरांक
Wb = विलेय का द्रव्यमान
Mb = विलेय का अणुभार
Wa = विलायक का द्रव्यमान
3 हिमांक अवनमन : किसी विलयन में अवाष्पशील विलेय मिलाने पर उसका हिमांक कम हो जाता है, इसे हिमांक अवनमन कहते हैं। इसे "∆Tf" से प्रदर्शित करते हैं।
हिमांक अवनमन विलयन के मोललता के अनुक्रमानुपाती होता है।
∆Tf = Kf × m
m का मान रखने पर,
∆Tf = Kf × Wb ×1000/Mb × Wa ( in gram)
जहां Kf = मोलल अवनमन स्थिरांक
Wb = विलेय का द्रव्यमान
Mb = विलेय का अणुभार
Wa = विलायक का द्रव्यमान
4 परासरण दाब : विलायक का अर्ध्दपारगम्य झिल्ली से होकर निम्न सांद्रता से उच्च सांद्रता वाले विलयन की ओर जाना परासण कहलाता है। परासरण क्रिया को रोकने के लिए इसके विपरीत दिशा में लगाया गया दाब परासरण दाब कहलाता है। इसे π से प्रदर्शित करते हैं।
π = RT × Wb × 1000 / Mb × V(in ml)
Q.9 बर्कले हर्कले विधि क्या है? इसकी विधि का सचित्र वर्णन कीजिए एवं इसके लाभ लिखिए।
Ans: बर्कले हर्कले विधि का सिद्धांत : यह विधि इस सिद्धांत पर आधारित है कि किसी विलयन का परासरण दाब विलयन पर लगाए गए उस अतिरिक्त बाह्य दाब के बराबर होता है जो अर्ध्दपारगम्य झिल्ली द्वारा पृथक् किए गए विलयन व विलायक के मध्य परासरण की क्रिया को रोक देती है।
विधि : समकेंद्रित नली में विलयम तथा अर्ध्दपारगम्य झिल्ली वाले नली में विलायक भर दिया जाता है। विलायक के स्तर पर केशनलिका में संकेत लगा दिया जाता है तथा टोटी बंद कर दी जाती है।
परासरण की क्रिया होने पर विलायक का स्तर केशनलिका में कम या संकेत से नीचे गिरने लगता है जिसे स्थिर रखने के लिए एक आवश्यक दाब पिस्टन पर लगाया जाता है, इससे दाबमापी में जो दाब प्रदर्शित होता है, उसे परासरण दाब (Osmotic pressure) कहते हैं।
लाभ
इस विधि में अर्द्ध पारगम्य झिल्ली पर सीधे दाब नहीं लगता जिसके कारण झिल्ली के फटने की संभावना नहीं रहती है।
साम्य स्थापित होने में समय नहीं लगता।
विलयन की सांद्रता अपरिवर्तित रहती है। अतः सही परासरण दाब का मापन होता है।
किसी भी सांद्रता के विलयन का परासरण दाब मापा जा सकता है।
Q.10 स्थिरक्वाथी विलयन किसे कहते हैं? यह कितने प्रकार के होते हैं लिखिए।
Ans: निश्चित संघटन वाला ऐसा विलयन जिसे आसवित करने पर (उबलने पर) उनके संघटन में कोई परिवर्तन नहीं होता, स्थिरक्वाथी विलयन उसे कहते हैं।
यह दो प्रकार के होते हैं -
1 निम्न क्वथन स्थिरक्वाथी विलयन : वे स्थिरक्वाथी विलयन जिसका क्वथनांक उनके संघटकों के क्वथनांकों से कम होता है उसे निम्न क्वथन स्थिरक्वाथी विलयन कहते हैं।
धनात्मक विचलन प्रदर्शित करने वाले अनादर्श विलयन में निम्न क्वथन स्थिरक्वाथी मिश्रण मिलते हैं।
उदाहरण
H2O + Alcohol
H2O + CH3COCH3
CCl4 + C6H6
2 उच्च क्वथन स्थिरक्वाथी विलयन : वे स्थिरक्वाथी विलयन जिसका क्वथनांक उनके संघटकों के क्वथनांकों से अधिक होता है उसे उच्च क्वथन स्थिरक्वाथी विलयन कहते हैं।
ऋणात्मक विचलन प्रदर्शित करने वाले अनादर्श विलयन में उच्च क्वथन स्थिरक्वाथी मिश्रण मिलते हैं।
उदाहरण
CHCl3 + C6H6
H2O + HCl
H2O + H2SO4
H2O + NHO3