तरंगें भौतिक विज्ञान की वह शाखा हैं जो ऊर्जा और गति का अध्ययन बिना पदार्थ के स्थानांतरण के साथ करती हैं। सरल शब्दों में, जब कोई कंपन या विचलन किसी माध्यम (medium) के कणों में उत्पन्न होता है और यह ऊर्जा अगले कणों तक पहुँचती है, तो इसे तरंग कहते हैं।
तरंगें ऊर्जा और impulse के परिवहन का माध्यम हैं, जबकि माध्यम के कण अपने equilibrium स्थिति के चारों ओर हल्की गति करते हैं। तरंगें प्राकृतिक और मानव निर्मित दोनों क्षेत्रों में महत्वपूर्ण हैं। उदाहरण: ध्वनि तरंग, प्रकाश तरंग, पानी की लहरें।
तरंगों के प्रकार
तरंगें दो मुख्य प्रकार की होती हैं:
1 यांत्रिक तरंगें (Mechanical Waves)
ये किसी माध्यम (medium) की आवश्यकता होती हैं।
माध्यम के कणों की कंपन द्वारा ऊर्जा का संचरण होता है।
उदाहरण: ध्वनि तरंग, पानी की लहरें, स्प्रिंग पर लहर।
इनकी गति, माध्यम के गुण (घनत्व, elasticity) पर निर्भर करती है।
2 विद्युत-चुंबकीय तरंगें (Electromagnetic Waves)
ये किसी माध्यम के बिना भी फैल सकती हैं।
विद्युत और चुंबकीय क्षेत्र की दोलन के कारण ऊर्जा का संचरण होता है।
उदाहरण: रेडियो तरंग, माइक्रोवेव, रोशनी।
तरंग की विशेषताएँ
हर तरंग की कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएँ होती हैं:
1. आवृत्ति (Frequency, (f)) – प्रति सेकंड दोलन की संख्या।
2. अवधि (Time Period, (T)) – एक दोलन पूरा होने में लगने वाला समय।
3. तरंगदैর্ঘ्य (Wavelength, (\lambda)) – दो समान चरण के बिंदुओं के बीच दूरी।
4. वेग (Speed, (v)) – तरंग के किसी बिंदु की गति।
5. अम्लिट्यूड (Amplitude, (A)) – अधिकतम विस्थापन।
तरंगों का प्रकार (Propagation Type)
1 लंबी तरंगें (Longitudinal Waves)
कण तरंग के फैलने की दिशा में कंपन करते हैं।
उदाहरण: ध्वनि तरंग, स्प्रिंग की longitudinal तरंग।
दबाव और विरलन (compression and rarefaction) के रूप में फैलती हैं।
2 अनुप्रस्थ तरंगें (Transverse Waves)
कण तरंग की दिशा के लंबवत कंपन करते हैं।
उदाहरण: लहरदार रस्सी, प्रकाश तरंग।
शिखर (crest) और घाटी (trough) के रूप में दिखाई देती हैं।
तरंगों की ऊर्जा
तरंगें ऊर्जा का वाहक होती हैं।
काइनेटिक ऊर्जा (Kinetic Energy) – कणों की गति से।
पोटेंशियल ऊर्जा (Potential Energy) – medium के विस्थापन के कारण elastic force में।
एक सरल harmonic तरंग में कुल ऊर्जा:
[E = 1/2} μω^2 A^2]
जहाँ (μ) = mass per unit length, (A) = amplitude, (ω) = angular frequency।
सुपरपोजीशन और हस्तक्षेप (Interference)
जब दो या अधिक तरंगें एक ही medium में मिलती हैं, तो वे superpose होती हैं।
सकारात्मक हस्तक्षेप (Constructive Interference) – amplitudes जोड़ते हैं।
नकारात्मक हस्तक्षेप (Destructive Interference) – amplitudes घटते हैं।
यह सिद्धांत ध्वनि और प्रकाश तरंगों में कई प्रयोगों और उपकरणों में लागू होता है।
खंडन और परावर्तन (Reflection and Refraction)
Reflection – तरंग medium की सीमा पर पलटती है।
Refraction – medium बदलने पर तरंग की गति और दिशा बदलती है।
उदाहरण: ध्वनि का गूँजना (echo), प्रकाश का पानी में मुड़ना।
तरंग की गतिशीलता और समूह वेग (Group Velocity)
Phase Velocity (vp) – किसी phase का गति।
Group Velocity (vg) – तरंग पैकेट की गति, ऊर्जा का वाहक।
विद्युत और यांत्रिक तरंगों में group velocity अधिक महत्वपूर्ण होती है।
डॉपलर प्रभाव (Doppler Effect)
स्रोत और पर्यवेक्षक के बीच गति के कारण तरंग की आवृत्ति बदल जाती है।
उदाहरण: चलती कार की हॉर्न की ध्वनि।
सूत्र:
[f' = f (v ± vo/v ± vs]
जहाँ (f) = वास्तविक आवृत्ति, (v) = तरंग का वेग, (vo) = observer की गति, (vs) = source की गति।
तरंगों के अनुप्रयोग
ध्वनि तरंगें: संगीत, sonar, ultrasound।
प्रकाश तरंगें: राडार, दूरसंचार, ऑप्टिकल फाइबर।
जल तरंगें: नाविकों के लिए मार्गदर्शन।
भौतिक प्रयोग: interference, diffraction, resonance।
तरंगें ऊर्जा और impulse का प्रमुख वाहक हैं। यांत्रिक तरंगें medium में फैलती हैं, जबकि विद्युत-चुंबकीय तरंगें medium की आवश्यकता नहीं रखती। तरंगों के प्रकार, समीकरण, ऊर्जा, हस्तक्षेप, परावर्तन, refraction और Doppler effect का अध्ययन विज्ञान, इंजीनियरिंग और तकनीक में अत्यंत महत्वपूर्ण है।
1. यांत्रिक तरंगें किस माध्यम में फैलती हैं?
(a) किसी भी माध्यम के बिना
(b) किसी माध्यम की आवश्यकता होती है
(c) केवल निर्वात में
(d) केवल तरल में
उत्तर: (b) ✔️
2. विद्युत-चुंबकीय तरंगें किसमें फैल सकती हैं?
(a) केवल ठोस में
(b) केवल तरल में
(c) किसी माध्यम के बिना भी
(d) केवल गैस में
उत्तर: (c) ✔️
3. अनुप्रस्थ तरंगों (Transverse Waves) में कण किस दिशा में कंपन करते हैं?
(a) तरंग की दिशा में
(b) तरंग की दिशा के लंबवत
(c) कण स्थिर रहते हैं
(d) कोई निश्चित दिशा नहीं
उत्तर: (b) ✔️
4. ध्वनि तरंग किस प्रकार की होती है?
(a) लंबवत
(b) अनुप्रस्थ
(c) लंबितरंग (Longitudinal)
(d) मिश्रित
उत्तर: (c) ✔️
5. तरंगदैर्घ्य (Wavelength) का प्रतीक क्या है?
(a) A
(b) f
(c) λ
(d) v
उत्तर: (c) ✔️
6. तरंग की आवृत्ति और तरंगदैर्घ्य का संबंध क्या है?
(a) (v = f \lambda) ✔️
(b) (v = f / \lambda)
(c) (v = \lambda / f)
(d) (v = f^2 \lambda)
उत्तर: (a) ✔️
7. तरंग का अम्प्लिट्यूड (Amplitude) क्या दर्शाता है?
(a) तरंग की गति
(b) अधिकतम विस्थापन
(c) समयावधि
(d) आवृत्ति
उत्तर: (b) ✔️
8. डॉपलर प्रभाव (Doppler Effect) किससे संबंधित है?
(a) तरंग की लंबाई
(b) स्रोत और पर्यवेक्षक की गति
(c) तरंग का अम्प्लिट्यूड
(d) तरंग का प्रकार
उत्तर: (b) ✔️
9. तरंग में ऊर्जा किसके माध्यम से प्रवाहित होती है?
(a) माध्यम के कण
(b) ऊर्जा
(c) दोनों
(d) कोई नहीं
उत्तर: (b) ✔️
10. सुपरपोजीशन सिद्धांत (Superposition Principle) क्या बताता है?
(a) दोलन स्थिर रहती है
(b) दो या अधिक तरंगें मिलकर परिणामस्वरूप तरंग बनाती हैं
(c) तरंगें रुक जाती हैं
(d) अम्प्लिट्यूड हमेशा घटता है
उत्तर: (b) ✔️
1. तरंग क्या है?
Ans:
तरंग वह आवर्ती गति है जिसमें किसी माध्यम के कण अपने equilibrium स्थिति के चारों ओर कंपन करते हैं और ऊर्जा एक स्थान से दूसरे स्थान तक स्थानांतरित होती है। तरंग केवल ऊर्जा का परिवहन करती है, माध्यम के कण स्थायी रूप से स्थानांतरित नहीं होते। उदाहरण: ध्वनि तरंग, पानी की लहर। तरंगों का अध्ययन हमें गति, आवृत्ति, समयावधि, wavelength और ऊर्जा प्रवाह को समझने में मदद करता है।
2. तरंगों के प्रकार क्या हैं?
Ans: तरंगें मुख्यतः दो प्रकार की होती हैं:
1. यांत्रिक तरंगें (Mechanical Waves): इनमें किसी माध्यम की आवश्यकता होती है, जैसे ध्वनि तरंग, पानी की लहर।
2.विद्युत-चुंबकीय तरंगें (Electromagnetic Waves): ये किसी माध्यम के बिना फैलती हैं, जैसे प्रकाश, रेडियो तरंग। यांत्रिक तरंगों में medium की गुणधर्म गति को प्रभावित करते हैं।
3. लंबितरंग (Longitudinal) और अनुप्रस्थ (Transverse) तरंग में अंतर बताइए।
Ans: Longitudinal: कण तरंग की दिशा में कंपन करते हैं; उदाहरण: ध्वनि तरंग।
Transverse: कण तरंग की दिशा के लंबवत कंपन करते हैं; उदाहरण: रस्सी की लहर।
Longitudinal तरंग में compression और rarefaction होती है, जबकि transverse में crest और trough होते हैं।
4. तरंगदैर्घ्य और आवृत्ति क्या होती है?
Ans: तरंगदैर्घ्य ((\lambda)): दो समान चरण वाले बिंदुओं के बीच की दूरी।
आवृत्ति (f): प्रति सेकंड दोलन की संख्या।
ये दोनों तरंग की गति (v) से संबंधित हैं: (v = f λ)। तरंगदैर्घ्य और आवृत्ति से हम तरंग की गति, ऊर्जा और ऊर्जा प्रवाह को निर्धारित कर सकते हैं।
5. तरंग का अम्प्लिट्यूड क्या होता है?
Ans: अम्प्लिट्यूड (A) किसी तरंग का अधिकतम विस्थापन है। यह तरंग की तीव्रता और ऊर्जा का संकेत देता है। अधिक अम्प्लिट्यूड वाली तरंग में अधिक ऊर्जा संचित होती है। उदाहरण: ध्वनि तरंग में उच्च अम्प्लिट्यूड वाली आवाज अधिक जोर की होती है। तरंग की ऊर्जा (E \propto A^2) के अनुपात में होती है।
7. डॉपलर प्रभाव (Doppler Effect) क्या है?
Ans: डॉपलर प्रभाव वह घटना है जिसमें स्रोत और पर्यवेक्षक की आपसी गति के कारण तरंग की आवृत्ति और pitch बदल जाती है। उदाहरण: चलती कार की हॉर्न की आवाज का pitch बदलना। यदि स्रोत observer की ओर बढ़ता है तो आवृत्ति बढ़ती है, और दूर जाता है तो घटती है। इसका प्रयोग राडार, सोनार और खगोल विज्ञान में होता है।
1. तरंग क्या है और इसका भौतिक महत्व समझाइए।
Ans: तरंग वह आवर्ती गति है जिसमें किसी माध्यम के कण अपने equilibrium स्थिति के चारों ओर हल्की कंपन करते हैं और ऊर्जा एक स्थान से दूसरे स्थान तक स्थानांतरित होती है। तरंगों का अध्ययन भौतिक विज्ञान में अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ऊर्जा और impulse के परिवहन को समझने में मदद करता है। तरंगें केवल ऊर्जा का प्रवाह करती हैं; माध्यम के कण स्थायी रूप से स्थानांतरित नहीं होते। उदाहरण के लिए, ध्वनि तरंगें, पानी की लहरें, और स्प्रिंग पर लहरें। विद्युत-चुंबकीय तरंगें किसी माध्यम की आवश्यकता के बिना फैल सकती हैं, जैसे प्रकाश और रेडियो तरंग। तरंग सिद्धांत इंजीनियरिंग, संगीत, चिकित्सा (ultrasound), संचार और नेविगेशन सिस्टम में महत्वपूर्ण है। इससे हम आवृत्ति, wavelength, speed, amplitude और ऊर्जा प्रवाह का विश्लेषण कर सकते हैं।
2. तरंगों में ऊर्जा का वितरण समझाइए।
तरंगें ऊर्जा का वाहक होती हैं। यांत्रिक तरंगों में:
काइनेटिक ऊर्जा (Kinetic Energy): कणों की गति से उत्पन्न।
पोटेंशियल ऊर्जा (Potential Energy): medium की elasticity से उत्पन्न।
एक harmonic तरंग में कुल ऊर्जा:
[E = 1/2} μω^2 A^2]
जहाँ (μ) = mass per unit length, (A) = amplitude, (ω) = angular frequency।
कुल ऊर्जा दोलन के दौरान परिवर्तित होती रहती है लेकिन स्थिर रहती है। तरंग की तीव्रता अम्प्लिट्यूड पर निर्भर करती है।
3. डॉपलर प्रभाव (Doppler Effect) समझाइए।
Ans: डॉपलर प्रभाव वह घटना है जिसमें स्रोत और पर्यवेक्षक की आपसी गति के कारण तरंग की आवृत्ति और pitch बदल जाती है। उदाहरण: चलती कार की हॉर्न की आवाज का pitch बदलना।
सूत्र:
[f' = f (v ± vo/v ± vs]
जहाँ (f) = वास्तविक आवृत्ति, (v) = तरंग का वेग, (vo) = observer की गति, (vs) = source की गति।
Doppler effect का प्रयोग राडार, सोनार, खगोल विज्ञान और चिकित्सा (ultrasound imaging) में होता है।
4. परावर्तन और अपवर्तन (Reflection & Refraction) क्या हैं?
Ans: Reflection: जब तरंग किसी medium की सीमा पर पलटती है। उदाहरण: echo।
Refraction: medium बदलने पर तरंग की गति और दिशा बदलती है। उदाहरण: प्रकाश का पानी में मुड़ना।
ये घटनाएँ तरंगों की दिशा और ऊर्जा वितरण को नियंत्रित करती हैं। Reflection और refraction optical instruments, sonar और acoustics में महत्वपूर्ण हैं।
5. तरंगों के वास्तविक जीवन अनुप्रयोग बताइए।
Ans: ध्वनि तरंगें: संगीत वाद्य, sonar, ultrasound।
प्रकाश तरंगें: राडार, दूरसंचार, ऑप्टिकल फाइबर।
जल तरंगें: नाविक मार्गदर्शन।
भौतिक प्रयोग: interference, diffraction, resonance।
तरंगों का ज्ञान विज्ञान, तकनीक और उद्योग में ऊर्जा, सूचना और गति के नियमन के लिए आवश्यक है।