आरोह
आत्म परिचय, एक गीत
पतंग
कविता के बहाने, बात सीधी थी पर
कैमरे में बंद अपाहिज
उषा
बादल राग
कवितावली, राम का विलाप
रूबाइयाॅं, गजल
छोटा मेरा खेत, बगुलों के पंख
भक्तिन
बाजार दर्शन
काले मेघा पानी दे
पहलवान की ढोलक
शिरीष के फूल
श्रम विभाजन एवं जाति प्रथा
वितान
सिल्वर वेडिंग
जूझ
अतीत में दबे पांव