नमक का दारोगा
मियाॅं नसीरुद्दीन
अपू के साथ ढाई साल
विदाई संभाषण
गलता लोहा
रजनी
जामुन का पेड़
भारत माता
हम तौ एक एक करि जाना
मीरा : मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई
घर की याद
चंपा काले काले अच्छर नहीं चीन्हती
गजल
हे भूख! मत मचल, हे मेरे जूही के फूल जैसे ईश्वर
सबसे ख़तरनाक
आओं मिलकर बचाएं
भारतीय गायिकाओं में बेजोड़
राजस्थान की रजत बूंदे
आलो ऑंधारि
भारतीय कलाएं