क्यों ना परहेज करें हम प्लास्टिक से
या
प्लास्टिक की दुनिया
प्रारूप -
प्रस्तावना
प्लास्टिक की दुनिया
प्लास्टिक के दुष्प्रभाव
प्लास्टिक का निपटान
निष्कर्ष
1 प्रस्तावना : प्लास्टिक एक तरह का पॉलीमर है, जो पूर्णतः मनुष्य द्वारा निर्मित है। आज मानव अपनी जीवन को सुविधापूर्ण बनाने के लिए अनेक आविष्कार किए हैं। उन्हीं आविष्कारों में प्लास्टिक भी एक है। प्लास्टिक में अनेक गुण है जिसके कारण इससे बनी वस्तुओं की लोकप्रियता बढ़ती ही जा रही है।
2 प्लास्टिक की दुनिया : आज जहां देखो वहां प्लास्टिक से बनी वस्तुएं ही नजर आती है। अतः वर्तमान समय को प्लास्टिक की दुनिया कहना गलत नहीं होगा। प्लास्टिक ना तो स्वयं पानी में घुलती है और ना ही अन्य वस्तुएं, जो इससे ढंके होते हैं वे पानी में घुलते हैं। प्लास्टिक के इसी गुण के कारण इसका उपयोग कापियों, पुस्तकों को कवर करने में किया जाता है। आज छोटे से पेन से लेकर बड़े-बड़े उद्योगों, मशीन आदि में प्लास्टिक का उपयोग कर रहे है।
3 प्लास्टिक के दुष्प्रभाव : प्लास्टिक एक ऐसा पॉलीमर है, जो मिट्टी में नहीं मिलता। इसे पूरी तरह से नष्ट करना संभव नहीं है। फलस्वरुप यह प्रदूषण का मुख्य कारण बना हुआ है। वर्तमान में हम जहां देखें वहां प्लास्टिक के ढेर नजर आते हैं। पशुओं द्वारा पॉलिथीन को भोजन समझकर ग्रहण कर लिया जाता है, जिससे अंत में उनकी मृत्यु हो जाती है।
4 प्लास्टिक का निपटान : प्लास्टिक के बूरे प्रभाव से विश्व के कई देश सचेत हो चुके हैं। उन देशों में प्लास्टिक के बैग के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। भारत की राजधानी दिल्ली में भी प्लास्टिक बैग के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।
5 निष्कर्ष : आज प्लास्टिक के उपयोग से निपटने में आम जनता को शासन की मदद करनी होगी। हमें स्वयं जागृत होना होगा कि यदि हम बाजार जाएं या कहीं दुकान जाए तो अपने साथ कपड़े या कागज का बैग लेकर जाए। हमें शासन के नियमों का पालन करना होगा अन्यथा मानव जीवन इन प्लास्टिक के ढेरों के बीच ही नष्ट हो जा सकता है।