Q.1 निम्नलिखित का पूरा नाम लिखिए।
ZIFT - Zygote Intra Fallopian Transfer
IUT - Intra Uterine Transfer
GIFT - Gamete Intra Fallopian Transfer
IVF - Invitro Fertilization
IUI - Intra Uterine Insemination
ICSI - Intra Cytoplasmic Sperm Injection
Q.2 जनसंख्या में वृद्धि के कारण लिखिए।
Ans: जनसंख्या में वृद्धि के निम्नलिखित कारण है -
मृत्यु दर कम होना : चिकित्सा सुविधाओं के कारण मृत्यु दर में कमी आई है जिसके फल स्वरुप जनसंख्या में वृद्धि हो रही है।
मातृ मृत्यु दर में कमी : चिकित्सा सुविधाओं के कारण शिशु की के जन्म के समय मातृ मृत्यु दर में कमी आई है जो भी जनसंख्या वृद्धि का कारण हो सकता है।
शिक्षा : लोगों को उचित शिक्षा प्राप्त नहीं है तथा उन्हें गर्भनिरोधक जैसे जन्म नियंत्रण तकनीक के बारे में जानकारी नहीं है।
जागरूकता की कमी : लोगों को लघु परिवार के लाभ के बारे में जानकारी नहीं है गरीब परिवार में लोगों की सोच होती है कि जितने ज्यादा बच्चे होंगे उतने से ज्यादा आए के स्रोत होंगे जो कि गलत है।
जनन योग्य व्यक्तियों की संख्या अधिक होना : जनन के योग्य लोगों की संख्या अधिक होने से जनसंख्या में वृद्धि होती है।
Q.3 जनसंख्या में वृद्धि को कम करने के उपाय लिखिए।
Ans: जनसंख्या में वृद्धि को कम करने के उपाय निम्नलिखित है -
विवाह की आयु को बढ़ाना : जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए विवाह की आयु को बढ़ाया जा सकता है।
अविवाहित जीवन व्यतीत करना : अविवाहित जीवन अपनाकर जनसंख्या वृद्धि को कम करने में योगदान दिया जा सकता है।
गर्भनिरोधकों का प्रयोग : विभिन्न प्रकार के जन्म नियंत्रण तकनीक जैसे गर्भनिरोधकों का प्रयोग कर जनसंख्या वृद्धि को रोकने में योगदान दिया जा सकता है।
जागरूकता फैलाना : लोगों को लघु परिवार के महत्व के बारे में बतलाना होगा। गरीब परिवारों को यह समझाना होगा कि जितने बच्चे होते हैं उतनी अधिक आय प्राप्त हो यह आवश्यक नहीं है तथा इससे गरीबी और भी बढ़ जाती है।
कंडोम का उपयोग : मैथुन के दौरान किया जा सकता है। यह न केवल सगर्भता को रोकता है बल्कि विभिन्न प्रकार के सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज को भी फैलने से रोकता है।
Q.4 गर्भनिरोधक युक्तियां क्या है? आदर्श गर्भनिरोधक युक्तियों के गुण लिखिए?
Ans: गर्भनिरोधक युक्तियां ऐसी युक्तियां जिसका प्रयोग मैथुन के दौरान सगर्भता रोकने के लिए किया जाता है, गर्भनिरोधक युक्तियां कहलाता है।
आदर्श गर्भनिरोधक युक्तियों के गुण निम्नलिखित हैं -
गर्भनिरोधक युक्तियां सस्ता होना चाहिए।
गर्भनिरोधक युक्तियां का दुष्प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए।
आसानी से उपलब्ध होना चाहिए।
गर्भनिरोधक युक्तियों से मैथुन में बांधा उत्पन्न नहीं होना चाहिए।
गर्भनिरोधक युक्तियों का प्रयोग स्वयं ही किया जा सके अर्थात् निजता (privacy) बनी रहनी चाहिए।
गर्भनिरोधक युक्तियां प्रभावित होना चाहिए।
Q.5 गर्भनिरोधक युक्ति के प्राकृतिक विधियां कौन-कौन सी है? समझाइए।
Ans: युक्ति के प्राकृतिक विज्ञान निम्नलिखित है
A) आवधिक संयम : इस विधि में आर्तव चक्र के 10 से 17 दिनों के बीच मैथुन से बचना चाहिए क्योंकि इसे निषेचन काल कहते हैं। इसके मध्य अर्थात् आर्तव चक्र के 14 से 16 दिन के बीच अण्डोत्सर्ग होता है व अंडाणु बनता है, जिसका जीवन काल 2 से 3 दिन होता है।
B) स्तनपान अनार्तव : इस विधि में यदि मां शिशु को लगातार 6 महीने तक दुग्ध पान करती है, तो उसमें प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की अधिकता बनी रहती है अर्थात् आर्तव चक्र शुरू नहीं होता, जिसके कारण अंडाणु भी नहीं बनते हैं अर्थात् निषेचन नहीं होता है।
C) बाह्य स्खलन : यदि मैथुन के दौरान वीर्यसेचन योनि के बाहर हो तो उसे बाह्य स्खलन कहते हैं इस विधि के द्वारा शुक्राणु योनि में प्रवेश नहीं कर पाता अर्थात् निषेचन नहीं होता है।
Q.6 गर्भनिरोधक युक्ति के रोधक विधियां को समझाइए।
Ans: गर्भनिरोधक युक्ति के रोधक विधियां निम्नलिखित है
A) कंडोम : यह पॉलीयूरेथ्रिन रबड़ की बनी होती है। इसे पुरुष के लिए कंडोम कहते हैं तथा इसे शिश्न को ढंका जाता है जबकि मादा में इसे फेवीडोम कहते हैं तथा इसे योनि व ग्रीवानाल में लगाया जाता है।
B) वाल्ट, डायफ्राम, सर्विकल कैप : यह एक ढक्कन होता है, जिसमें शुक्राणु भक्षक भरे होते हैं। कभी-कभी इसमें ZnSO4, BaSO4 आदि रसायन मिलाए जाते हैं। इसे मादा के गर्भाशय की टोपी (ग्रीवानाल) में लगाया जाता है।
Q.7 गर्भनिरोधक युक्ति के IUD विधियां कौन-कौन सी है?
Ans: गर्भनिरोधक युक्ति के IUD विधियां निम्नलिखित हैं -
A) औषधि रहित IUD : यह पॉलिथीन का बना होता है। कभी-कभी इसमें BaSO4 का उपयोग भी किया जाता है। यह भक्षाणु क्रिया द्वारा स्पर्म को मार देता है जिसके कारण निषेचन नहीं होता है।
उदाहरण : लिप्पेस रूप।
B) तांबा मोचक IUD : यह तांबे का बना होता है, जिसे अंतः गर्भाशय में नर्स या डॉक्टर द्वारा लगाया जाता है। यह स्पर्म की गतिशीलता को कम करता है तथा निषेचन क्षमता कम कर देता है।
उदाहरण : CuT, Cu7, multilod 375
C) हार्मोन मोचक IUD : इस विधि में प्रोजेस्टेरॉन या प्रोजेस्टेरॉन एवं एस्ट्रोजन हार्मोन का उपयोग किया जाता है। यह आगरा पीयूष ग्रंथि से हार्मोन किस तरह बन को रोकते हैं।
उदाहरण : प्रोजेस्टेरैट, LNG 20
Q.8 जनसंख्या विस्फोट क्या है? इसके क्या कारण है?
Ans: जनसंख्या विस्फोट सन् 1900 में विश्व की जनसंख्या 1.5 अरब थी, जो 1950 में विश्व की जनसंख्या 3 अरब हो गयी। सन् 2000 में विश्व की जनसंख्या 6 अरब थी तथा वर्तमान समय में विश्व की जनसंख्या 8 अरब से भी अधिक है। इस प्रकार जनसंख्या में तीव्र वृद्धि जनसंख्या विस्फोट कहलाता है।
जनसंख्या विस्फोट के कारण निम्नलिखित है -
मातृ मृत्यु दर व शिशु मृत्यु दर काम हो गई है।
जनन आयु के लोगों की संख्या अधिक है।
वैज्ञानिक व आधुनिक तकनीक के कारण खाद्यान्न के उत्पादन में वृद्धि होना।
स्वास्थ्य सुविधाएं एवं जीवन स्तर में सुधार होना।
पुत्र प्राप्ति की चाह में दंपति अधिक संतान उत्पन्न करते हैं।
Q.9 क्या गर्भनिरोधकों का उपयोग न्यायोचित है? कारण बताइए।
Ans: विश्व की बढ़ती जनसंख्या को रोकने के लिए आज विभिन्न प्रकार के गर्भनिरोधकों का निर्माण व उपयोग किया जा रहा है। गर्भनिरोधक जैसे कंडोम से न केवल सगर्भता से बचा जा सकता है, बल्कि इसके द्वारा अनेक प्रकार के यौन संचारित रोग जैसे एड्स, गर्भपात, हीमोफीलिया आदि से बचाव होता है। वर्तमान समय में अधिकांश लोग, महिला व पुरुष गर्भनिरोधकों का उपयोग करते हैं। गर्भनिरोधकों के प्रयोग से अवांछनीय परिणाम से बचा जा सकता है। दंपति जब चाहे इनका प्रयोग बंद कर गर्भधारण कर सकते हैं। इन सभी तथ्यों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि गर्भनिरोधकों का उपयोग न्यायोचित है।
Q.10 जनन ग्रंथि को हटाना गर्भनिरोधकों का विकल्प नहीं माना जा सकता है क्यों?
Ans: गर्भनिरोधक वे युक्ति है जिसके अंतर्गत अवांछनीय सगर्भता को रोका जाता है। गर्भनिरोधक का उपयोग ऐच्छिक रूप से किया जाता है अर्थात् अगर सगर्भता नहीं चाहिए, तब तक इसका उपयोग कर सकते हैं तथा इनका उपयोग बंद करके गर्भधारण कर सकते हैं। जबकि जनन ग्रंथि को हटाने से युग्मक (अंडाणु, शुक्राणु) का निर्माण खत्म हो जाएगा अर्थात् यह ऐच्छिक नहीं होता है। एक बार जनन ग्रंथि हटा देने से वह पुनः गर्भधारण नहीं कर सकता इसलिए जनन ग्रंथि को हटाना गर्भनिरोधकों का विकल्प नहीं माना जा सकता है।
Q.11 क्या विद्यालयों में यौन शिक्षा आवश्यक है? यदि हां तो क्यों?
Ans: विद्यालयों में यौन शिक्षा अति आवश्यक है क्योंकि यौन शिक्षा से छात्रों को किशोरावस्था के दौरान होने वाले शारीरिक एवं मानसिक परिवर्तनों का ज्ञान प्राप्त होगा तथा उन्हें सुरक्षित यौन संबंध, यौन संचारित रोगों , उनके कारकों, उन्हें दूर करने के उपायों तथा अवांछनीय कार्य जैसे बलात्कार को दूर करने की जानकारियां प्राप्त होगी। यौन शिक्षा से लोगों के बीच यौन संबंध को लेकर छाई भ्रांतियां दूर होगी।
Q.12 समाज में जनन स्वास्थ्य के महत्व के बारे में अपने विचार प्रकट कीजिए।
Ans: समाज में जनन स्वास्थ्य के अनुसार स्वस्थ व्यक्ति वह है जो शारीरिक, मानसिक, सामाजिक व प्रजनन के सभी पहलू से परिचित तथा स्वस्थ हो। जनन स्वास्थ्य के अंतर्गत व्यक्तियों को यौन शिक्षा प्राप्त होता है, जिससे समाज में यौन संबंध से संबंधित फैली हुई भ्रांतियां दूर होती है। जनन स्वास्थ्य के अंतर्गत व्यक्तियों को यौन संचारित रोगों, उनके कारकों तथा उन्हें दूर करने के उपायों, परिवार नियोजन, लघु परिवार के लाभ तथा सुरक्षित यौन संबंध के प्रति जागरूक किया जाता है। इसके अंतर्गत लोगों को गर्भावस्था के दौरान माता का देखभाल, शिशु को स्तनपान कराने के महत्व को बताया जाता है, जिससे परिवार जागरूक बने जिससे समाज और देश भी सशक्त होगा।
Q.13 जनन स्वास्थ्य के उन पहलुओं को सुझाए जिन पर आज के परिदृश्य में विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
Ans: जनन स्वास्थ्य के निम्नलिखित पहलु है जिन पर आज के परिदृश्य में विशेष ध्यान देने की जरूरत है -
जनता को जनन संबंधी पहलुओं के प्रति जागरूक करना।
विद्यालयों में यौन शिक्षा प्रदान करना।
लोगों को सुरक्षित यौन संबंध एवं यौन संचारित रोगों से अवगत कराना।
मानव भ्रूण हत्या हेतु उल्वबेधन के दुरुपयोग पर प्रतिबंध लगाना।
जनसंख्या विस्फोट के दुष्परिणामों से अवगत कराना।
Q.14 कृत्रिम गर्भाधान किसे कहते हैं? कृत्रिम गर्भाधान के चरण एवं महत्व को समझाइए।
Ans: कृत्रिम गर्भाधान : वह प्रक्रिया जिसके द्वारा यंत्रों के माध्यम से नर के वीर्य को एकत्रित कर मादा के गर्भाशय में प्रवेश कराया जाता है कृत्रिम गर्भाधान कहलाता है।
कृत्रिम गर्भाधान के चरण -
जनकों का चयन (Selection of parents)
वीर्य का संचयन (Collection of semen)
वीर्य का प्रिजर्वेशन (Preservation of semen)
वीर्य का उपयोग (Introducing of semen)
कृत्रिम गर्भाधान के महत्व
निम्नलिखित है -
अनेक मादाओं में निषेचन एक नर से प्राप्त अच्छे गुण वाले वीर्य को अनेक मादाओं में प्रवेश कराकर निषेचन कराया जा सकता है।
इच्छित गुण वाले पशु प्राप्त करना कृत्रिम गर्भाधान के द्वारा इच्छित गुण वाले पशुओं को प्राप्त किया जा सकता है।
नर की उपलब्धता कृत्रिम गर्भाधान की तकनीक से नर की उपलब्धता की कठिनाई दूर हो जाती है।
अच्छे नर का वीर्य हर जगह अच्छी नर के वीर्य का प्रयोग कर श्रेष्ठ गुण वाले पशुएं प्राप्त कर सकते हैं।
उच्च उत्पादक क्षमता कृत्रिम गर्भाधान के पश्चात् उत्पन्न संतति उच्च उत्पादक क्षमता की होती है।
जैसे- अधिक दूध का उत्पादन इत्यादि।