Q.1 डाल्टन का परमाणु सिद्धांत लिखिए।
Ans:
पदार्थ छोटे-छोटे परमाणुओं से मिलकर बना होता है।
परमाणु अविभाज्य होता है।
एक ही तत्व के सभी परमाणुओं के गुण समान होते हैं।
परमाणु विद्युत उदासीन होते हैं।
Q.2 थॉमसन का परमाणु मॉडल क्या है?
Ans: थॉमसन के परमाणु मॉडल के अनुसार, परमाणु 10-¹⁰m त्रिज्या का धन आवेशित गोला होता है। इसमें धन आवेश समान रूप से वितरित होते हैं। इसमें बीच-बीच में इलेक्ट्रॉन (ऋण आवेश) गुथें होते हैं। ऋण आवेश की संख्या संपूर्ण धन आवेश को उदासीन करने के लिए पर्याप्त होती है अर्थात् परमाणु में धन आवेश और ऋण आवेश की संख्या समान होती है। अतः परमाणु विद्युत उदासीन होता है। इस मॉडल को तरबूज मॉडल भी कहा जाता है।
थॉमसन के परमाणु मॉडल के दोष
इसके द्वारा रदरफोर्ड के अल्फा कण प्रकीर्णन की व्याख्या नहीं की जा सकती।
इससे परमाणु के रेखीय स्पेक्ट्रम की व्याख्या नहीं की जा सकती।
Q.3 रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल की सचित्र व्याख्या करें।
Ans: रदरफोर्ड परमाणु मॉडल : रदरफोर्ड ने सन् 1911 में स्वर्ण पत्र पर अल्फा कणों की बौछार की तथा परमाणु का एक मॉडल प्रस्तुत किया जो निम्न अनुसार है-
इसके अनुसार रदरफोर्ड द्वारा दिए गए निष्कर्ष निम्नलिखित है-
परमाणु का अधिकांश भाग खोखला होता है।
परमाणु का केंद्रीय भाग धन आवेशित होता है जिसे नाभिक कहा गया।
नाभिक का आकार परमाणु की तुलना में बहुत छोटा होता है।
Q.4 रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल के प्रमुख अधिगृहीत (बिंदु) लिखिए।
Ans: रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल के प्रमुख अधिगृहीत निम्नानुसार है -
रदरफोर्ड ने अल्फा कणों के प्रकीर्णन में देखा कि अधिकांश अल्फा कण स्वर्ण पत्र से सीधे निकल जाते हैं अर्थात् परमाणु का अधिकांश भाग खोखला होता है।
कुछ अल्फा कण निम्न बिंदुओं पर प्रक्रीर्णित हो जाते है अर्थात् चूंकि अल्फा कण धन आवेशित होता है अतः परमाणु के केंद्रीय भाग में धनावेश होता है जिसके कारण अल्फा कण प्रतिकर्षित हो जाते हैं।
बहुत ही कम अल्फा कण अपने मार्ग में वापस लौट आते हैं अतः परमाणु का केंद्रीय भाग धनावेशित होता है तथा इसे नाभिक कहा गया।
परमाणु की तुलना में नाभिक का आकार अत्यंत छोटा होता है।
Q.5 रदरफोर्ड मॉडल के असफल होने के क्या कारण है? लिखिए।
या
रदरफोर्ड मॉडल के दोष लिखिए।
Ans: रदरफोर्ड परमाणु मॉडल के दोष निम्नलिखित है-
1) परमाणु का स्थायित्व : रदरफोर्ड के अनुसार परमाणु में इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर गति करते रहता है अर्थात् इलेक्ट्रॉन एक त्वरित आवेश है। चुंबकीय तरंगों के सिद्धांत के अनुसार त्वरित आवेश विद्युत चुंबकीय तरंगे उत्सर्जित करता है इसलिए इलेक्ट्रॉन को भी विद्युत चुंबकीय तरंगे उत्सर्जित करनी चाहिए। इस प्रकार यदि इलेक्ट्रॉन विद्युत चुंबकीय तरंग उत्सर्जित करेगा तो उसकी ऊर्जा कम होते जाएगी, फलस्वरुप उसकी वृत्तीय कक्षा की त्रिज्या कम हो जाएगी और इलेक्ट्रॉन नाभिक में गिर जाएगा अर्थात् परमाणु अस्थाई होगा।
2) सतत् स्पेक्ट्रम की व्याख्या : यदि त्वरित इलेक्ट्रॉन विद्युत चुंबकीय तरंगे उत्सर्जित करता है, तब हम जानते हैं कि विद्युत चुंबकीय तरंगों का स्पेक्ट्रम सतत् होता है किंतु परमाणु का स्पेक्ट्रम रेखीय होता है। अतः रदरफोर्ड इसकी व्याख्या नहीं कर पाए।
Q.6 रदरफोर्ड परमाणु मॉडल की सहायता से परमाणु की कुल ऊर्जा का समीकरण दीजिए।
Q.7 नील बोर के परमाणु मॉडल के मुख्य अभिगृहित लिखिए।
Ans: नील बोर के परमाणु मॉडल के मुख्य अभिगृहित निम्नानुसार है -
बोर के अनुसार, इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर निश्चित बंद वृताकार मार्ग में गति करते हैं, इस वृताकार मार्ग को कक्षा कहते हैं।
प्रत्येक कक्षाएं ऊर्जा के निश्चित मात्रा से संलग्न होती है, जिन्हें ऊर्जा कोश कहते हैं। ऊर्जा कोशों को क्रमशः प्रथम, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ या K,L,M,N से प्रदर्शित करते हैं।
नाभिक के सर्वाधिक पास के ऊर्जा कोश को प्रथम या K नाम दिया गया।
इलेक्ट्रॉन केवल उन निश्चित कक्षाओं में गति करते हैं जिनके लिए उसका कोणीय संवेग निम्न होता है -
mvr = nh/2π
m = इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान
v = इलेक्ट्रॉन का वेग
r = कक्षा की त्रिज्या
n = कोशों की संख्या
h = प्लांक स्थिरांक
इलेक्ट्रॉन ऊर्जा ग्रहण कर उच्च ऊर्जा कोश में चले जाते हैं तथा अस्थाई होने के कारण स्थायित्व प्राप्त करने हेतु ऊर्जा मुक्त कर पुनः अपनी मूल कोश में वापस आ जाते हैं।
Q.8 बोर के परमाणु मॉडल की कमियां (दोष) लिखिए।
Ans: बोर के परमाणु मॉडल की कमियां निम्नलिखित है -
यह परमाणु मॉडल केवल हाइड्रोजन जैसे परमाणुओं के स्पेक्ट्रम की व्याख्या करता है जैसे - Li+², He+
अर्थात् यह केवल एक इलेक्ट्रॉन वाले परमाणुओं के स्पेक्ट्रम की व्याख्या करता है किंतु एक से अधिक इलेक्ट्रॉन वाले परमाणुओं के स्पेक्ट्रम की व्याख्या नहीं करता।
बोर इलेक्ट्रॉन को केवल एक कण के रूप में मानता है लेकिन इसमें तरंग की प्रकृति भी होती है।
बोर का सिद्धांत एक इलेक्ट्रॉन की गति एवं स्थिति दोनों को निश्चितता के साथ परिभाषित करता है जबकि यह हाइजेन बर्ग के अनिश्चितता के सिद्धांत के विरुद्ध है, जिसके अनुसार 'किसी भी वस्तु की स्थिति तथा वेग एक ही समय पर सटीक रूप से नहीं मापी जा सकती।'
यह कोणीय संवेग के क्वांटिकरण को नहीं समझ सका।
इसमें माना गया की इलेक्ट्रॉन वृताकार कक्षाओं में गति करते हैं जबकि वे दीर्घ वृताकार कक्षाओं में गति करते हैं।
इसमें नाभिक को स्थाई माना गया जबकि नाभिक में अक्ष घूर्णन पाया जाता है।
Q.9 बोर के परमाणु मॉडल का गणितीय रूप लिखिए।
Q.10 हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम द्वारा लाइमन, बामन, पाश्चन, ब्रैकेट, फूंड श्रेणी को प्रदर्शित करें।
Q.11 हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम की कौन सी श्रेणी दृश्य स्पेक्ट्रम क्षेत्र में होती है? इस श्रेणी के विभिन्न रेखाओं की तरंग संख्याएं (तरंगदैर्ध्य) ज्ञात करने का सूत्र लिखिए।
या
बामर श्रेणी के लिए प्राप्त करें-
तरंगदैर्ध्य का सूत्र
सबसे बड़ा व सबसे छोटा तरंगदैर्ध्य
तरंगदैर्ध्य स्पेक्ट्रम का क्षेत्र
Ans:
तरंगदैर्ध्य का सूत्र - 1/λ = R(1/2²-1/n²)
here R = 1.28×10-¹⁵ m-¹
here (n = 3,4,5,6...)
सबसे बड़ा तरंगदैर्ध्य - λ = 6563 Å
सबसे छोटा तरंगदैर्ध्य - λ = 3646 Å
तरंगदैर्ध्य स्पेक्ट्रम का क्षेत्र - दृश्य प्रकाश क्षेत्र।
Q.12 लाइमन श्रेणी के लिए प्राप्त करें-
तरंगदैर्ध्य का सूत्र
सबसे बड़ा व सबसे छोटा तरंगदैर्ध्य
तरंगदैर्ध्य स्पेक्ट्रम का क्षेत्र
Ans:
तरंगदैर्ध्य का सूत्र - 1/λ = R(1/1²-1/n²)
here (n = 2,3,4,5...)
सबसे बड़ा तरंगदैर्ध्य - λ = 1216 Å (n=2)
सबसे छोटा तरंगदैर्ध्य - λ = 912 Å (n=∞)
तरंगदैर्ध्य स्पेक्ट्रम का क्षेत्र - पराबैंगनी क्षेत्र।
Q.13 पाश्चन श्रेणी के लिए प्राप्त करें-
तरंगदैर्ध्य का सूत्र
सबसे बड़ा व सबसे छोटा तरंगदैर्ध्य
तरंगदैर्ध्य स्पेक्ट्रम का क्षेत्र
Ans:
तरंगदैर्ध्य का सूत्र - 1/λ = R(1/3²-1/n²)
here (n = 4,5,6...)
सबसे बड़ा तरंगदैर्ध्य - λ = 18752 Å
सबसे छोटा तरंगदैर्ध्य - λ = 8204 Å
तरंगदैर्ध्य स्पेक्ट्रम का क्षेत्र - अवरक्त क्षेत्र।
Q.14 सिद्ध करो कि परमाणु में स्थाई कक्षाओं की त्रिज्या का अनुपात r1 : r2 : r3 क्रमशः 1 : 4 : 9 होता है।