बदल रहा मेरा गांव
या
गांव नहीं रहे गांव
वर्तमान समय में गांव का दृश्य बदलते ही जा रहा है। पहले मेरा गांव प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण था। यहां लहराते हुए हरे-भरे खेतों में फैसले होती थी, सुबह-सुबह लोग उठकर अपने कार्य करने लगते थे। सुबह लोग खेतों की ओर टहलने जाते थे और सुबह स्नान करते थे। स्नान करने के पश्चात मंदिरों में पूजा पाठ होते रहता था। आरती होते रहती थी। गांव सदैव पक्षियों के कलरव से गूंजता रहता था। घरों में पक्षियों के लिए कटोरियों में पानी भरकर रखते थे। गांव में विभिन्न प्रकार के पशुओं का पालन किया जाता था, किंतु अब समय के साथ गांव का दृश्य बदलते ही जा रहा है। शहरीकरण के नाम पर गांव का सुंदर वातावरण नष्ट हो रहा है। अब गांव में भी पक्षियों को देखना सपने जैसा हो गया है। मेरा गांव जैसा पहले था, उससे बिल्कुल बदल गया है।