विज्ञापन से घिरा हमारा जीवन
प्रारूप -
प्रस्तावना
विज्ञापन के महत्व
विज्ञापन के दुष्परिणाम
विज्ञापन की दुनिया
विज्ञापन कहां तक?
निष्कर्ष
1. प्रस्तावना : आज हमारा जीवन विज्ञापनों से घिरा हुआ है। आज बड़े-बड़े उद्योगपति से लेकर छोटे-छोटे विक्रेता तक सभी अपने उत्पादों के प्रचार प्रसार के लिए विज्ञापन का ही सहारा लेते है। आज हमारे आसपास ही अनेक विज्ञापन से भरी हुई समाचार पत्र, पुस्तक और अन्य साधन है।
2. विज्ञापन का महत्व : विज्ञापन के माध्यम से उद्योगों में बनने वाले प्रोडक्ट की जानकारी उसके बाजार तक पहुंचने से पहले ही मिल जाती है। विज्ञापन के कारण उस प्रोडक्ट के बारे में उपयोगकर्ता पहले से ही उस प्रोडक्ट के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त कर लेता है। उस प्रोडक्ट के उपयोग के लाभ एवं हानि पहले से ही पता कर लेता है।
3. विज्ञापन के दुष्परिणाम : जहां विज्ञापन के इतने लाभ हैं, वहीं इसके अनेक दुष्परिणाम भी है। कई विज्ञापन खराब प्रोडक्ट का भी प्रचार प्रसार करते हैं, जिसकी ऊपरी आकर्षण में जाकर बच्चों एवं युवा वर्ग उसको जल्द ही खरीद कर उनका उपयोग करने लगते हैं और अपनी जिंदगी को खतरे में डालते हैं। जैसे कि विज्ञापनों में अनेक प्रकार के फेस मास्क, चारकोल की फेस मास्क आदि दिखाएं जाते हैं, जिसे देखकर लड़के लड़कियां सुंदर दिखने के लिए बिना सोचे समझे उसका उपयोग करने लगते हैं, जिसका दुष्परिणाम बाद में सामने आता है।
4. विज्ञापन की दुनिया : आज हम अपने जीवन में विभिन्न प्रकार के विज्ञापनों से गिरे हुए हैं। आज घरों, दुकानों की दीवारों पर, समाचार पत्रों में, टेलीविजन में, मोबाइल फोन में सभी जगह विज्ञापन ही विज्ञापन है। ऐसा लगता है जैसे आज की दुनिया विज्ञापन की ही दुनिया है।
5. विज्ञापन कहां तक? : विज्ञापन अब न केवल समाचार पत्रों तक सीमित रहा है बल्कि टेलीविजन, मोबाइल फोन सभी विज्ञापनों से भरे हुए हैं। आज हर गली, हर मोहल्ले में विज्ञापन व्याप्त है। घरों की दीवारों में साबुन, शैंपू, साड़ियों आदि की छवियां बनी हुई है।
6. निष्कर्ष : विज्ञापनों की आज ऐसी स्थिति निर्मित हो गई है कि हमें किसी सामान के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए कहीं आने जाने की जरूरत ही नहीं पड़ती। हमारा जीवन इन विज्ञापनों पर निर्भर होते जा रहा है।