Q.1 द्रव्यानुपाती क्रिया का नियम लिखिए।
Ans: द्रव्यानुपाती क्रिया का नियम : इस नियम के अनुसार,
किसी अभिक्रिया की दर उस अभिक्रिया में प्रयुक्त अभिकारको की सांद्रताओं के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती होती हैं। इन पर गुणांकों की घात लगी होती है।
aA + bB → cC + dD
r = K [A]^a[B]^b
-d[R]/dt = K [A]^a[B]^b
जहां
K = दर स्थिरांक
Q.2 अभिक्रिया का वेग किसे कहते हैं? अभिक्रिया कितने प्रकार के होते हैं? लिखिए।
Ans: किसी रासायनिक अभिक्रिया की दर या वेग उसके अभिकारक या उत्पाद की सांद्रता में परिवर्तन तथा समयांतराल के अनुपात के बराबर होता है।
अभिक्रिया का वेग = अभिकारक या उत्पाद की सांद्रता में परिवर्तन / समयांतराल
अभिक्रिया निम्नलिखित प्रकार की होती है -
तीव्र अभिक्रिया : वह अभिक्रिया जो माइक्रो सेकंड में पूर्ण हो जाती है उसे तीव्र अभिक्रिया कहते हैं।
Ex. आयनिक अभिक्रिया।
मध्यम अभिक्रिया : वे अभिक्रिया जो तीव्र वह मंद अभिक्रिया के मध्य में होता है उसे मध्यम अभिक्रिया कहते हैं।
Ex. हीरे को ग्रेफाइट में बदलना।
मंद अभिक्रिया : वे अभिक्रिया जो अधिक समय में पूर्ण होती है उसे मंद अभिक्रिया कहते हैं।
Ex. लोहे में जंग लगना।
Q.3 अभिक्रिया के दर को प्रभावित करने वाले कारकों को लिखिए।
Ans: निम्नलिखित कारक अभिक्रिया की दर को प्रभावित करते हैं -
अभिकारकों की सांद्रता : अभिकारकों की सांद्रता बढ़ाने से अभिक्रिया का दर भी बढ़ता है।
तापमान : यदि ऊष्माशोषी अभिक्रिया है तो ताप बढ़ाने पर अभिक्रिया की दर बढ़ती है। यदि ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया हो तो ताप बढ़ाने पर अभिक्रिया की दर घटती है।
उत्प्रेरक : उत्प्रेरक की उपस्थिति में रासायनिक अभिक्रिया की दर परिवर्तित हो जाती है।
धनात्मक उत्प्रेरक की उपस्थिति में अभिक्रिया की दर बढ़ जाती है तथा ऋणात्मक उत्प्रेरक की उपस्थिति में अभिक्रिया की दर घट जाती है।
कारण : उत्प्रेरक की उपस्थिति में अभिक्रिया की सक्रियण ऊर्जा का मन कम हो जाता है जिसके कारण अभिक्रिया की दर बढ़ जाती है।
विकिरण : विकिरण की उपस्थिति में अभिक्रिया की दर बढ़ जाती है।
दाब का प्रभाव : यदि अभिकारक एवं उत्पाद गैस है तो दाब बढ़ाने पर अभिक्रिया की दर ली-शीतालिए के नियम अनुसार परिवर्तित होती है।
अभिकारकों की प्रकृति :
अभिकारक का क्षेत्रफल : अभिकारक यदि छोटे आकार के होते हैं तो उनका क्षेत्रफल अधिक होता है जिसके परिणामस्वरुप अभिक्रिया की दर बढ़ जाती है।
अभिकारकों की रासायनिक प्रकृति : यदि अभिकारको के मध्य दुर्बल बंध उपस्थित हो तो अभिक्रिया की दर अधिक होती है तथा ऐसे अभिकारक जिनमें प्रबल बंध पाया जाता है आमतौर पर उसकी अभिक्रिया की दर कम होती है।
Q.4 आर्हिनियस समीकरण किसे कहते हैं? इसके रासायनिक सूत्र की व्युत्पत्ति कीजिए।
या
आर्हिनियस समीकरण किसे कहते हैं? इस समीकरण से सक्रियण ऊर्जा की गणना हेतु समीकरण ज्ञात कीजिए।
Ans: आर्हिनियस समीकरण : किसी रासायनिक अभिक्रिया की दर e^-Ea/RT के अनुक्रमानुपाती होती है।
अतः K = Ae^-Ea/RT
log
logK = logA - Ea/RT loge
loge = 1
2.303 log10K = 2.303log10A - Ea/RT
log10K = (2.303log10A - Ea/RT) / 2.303
log10K = logA - (Ea/RT) / 2.303
T1, T2
log10K1 = logA - (Ea/RT1) / 2.303
log10K2 = logA - (Ea/RT2) / 2.303
log10K2 - log10K1 = logA - (Ea/RT2) / 2.303 - [logA - (Ea/RT1) / 2.303]
log10K2 / K1 = logA - (Ea/RT2) / 2.303 - logA + (Ea/RT1) / 2.303
log10K2 / K1 = Ea/2.303R × [1/T1 - 1/T2]
log10K2 / K1 = Ea/2.303R × [T2 - T1 / T1T2]
Q.5 अभिक्रिया की दर व दर स्थिरांक में अंतर लिखिए।
Q.6 अणुसंख्यता (आण्विकता) तथा अभिक्रिया की कोटि में अंतर लिखिए।