जनसंचार माध्यम और पत्रकारिता के विविध आयाम
संचार : संचार शब्द की उत्पत्ति चार धातु से हुई है जिसका अर्थ है विचरण करना या एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाना सूचनाओं भावनाओं विचारों का लिखित दृश्य श्रव्य मौखिक माध्यमों के द्वारा सफलतापूर्वक एक जगह से दूसरे जगह तक पहुंचना ही संचार कहलाता है।
संचार माध्यम : जो हमारे संदेश को एक जगह से दूसरे जगह पहुंचते हैं वे संचार माध्यम कहलाते हैं उदाहरण समाचार पत्र इंटरनेट टीवी मोबाइल फोन टेलीफोन आदि।
संचार के प्रमुख तत्व
संचारक : संदेश भेजने वाला संचारक कहलाता है।
संदेश का कूटीकरण (एनकोडिंग) : प्राप्तकर्ता को समझने के लिए संदेश को छोटे-छोटे कूटों में बांटना संदेश का कूटीकरण कहलाता है।
संदेश का कूटवाचन (डिकोडिंग) : इनकोडिंग की उल्टी प्रक्रिया डिकोडिंग कहलाती है। इसके लिए आवश्यक है कि प्राप्तकर्ता संदेश का वही अर्थ समझता हो, जो संचारक समझता है।
संचार माध्यम : वह उपकरण जो संदेश भेजने का कार्य करता है संचार माध्यम कहलाता है उदाहरण समाचार पत्र इंटरनेट मोबाइल फोन आदि।
प्राप्तकर्ता : यह संदेश के अर्थ को समझने का प्रयास करता है जिसे डिकोडिंग कहते हैं।
फीडबैक : किसी के द्वारा किए गए कार्य की तारीफ करना या उसकी कमियां बताना फीडबैक कहलाता है। फीडबैक के द्वारा ही पता चलता है कि किसी के द्वारा किया गया कार्य सही है या नहीं या आम जनता उसे कार्य के बारे में क्या सोचती है।
शोर : संचार की प्रक्रिया में जो बाधाएं उत्पन्न होती है उसे शोर कहते हैं।
संचार के प्रकार
मुख्यतः 6 प्रकार के होते हैं -
मौखिक संचार : ऐसा संचार जिसमें मुख द्वारा शब्द बोलकर संदेश दिया जाता है मौखिक संचार कहलाता है।
उदाहरण : बातचीत करना, टेलीफोन, भाषण आदि।
अमौखिक संचार : मौखिक संचार के अलावा अन्य सभी संचार माध्यम अमौखिक संचार कहलाते हैं।
उदाहरण : समाचार पत्र, पत्रिकाएं, सांकेतिक संचार।
अंतः वैयक्तिक संचार : ऐसा संचार जिसमें मनुष्य अपने आप से बात करता है तथा खुद को नृत्य, गीत, नाटक आदि के द्वारा संदेश देता है उसे अंतः वैयक्तिक संचार कहते हैं।
समूह संचार : एक से अधिक लोगों के बीच बातचीत करना, विचार विमर्श करना समूह संचार कहलाता है।
उदाहरण : भाषण, कक्षा में पढ़ना, पढ़ना।
सांकेतिक संचार : जब विभिन्न संकेतों के माध्यम से संदेश पहुंचाया जाता है तो उसे सांकेतिक संचार कहते हैं।
उदाहरण : पैर छूना, हाथ जोड़ना, सिर झुकाना आदि।
जनसंचार : जब हम एक से अधिक व्यक्तियों से या किसी समूह से प्रत्यक्ष संवाद स्थापित करने के बजाय यांत्रिक माध्यम से संवाद स्थापित करते हैं तो उसे जनसंचार कहते हैं।
उदाहरण : टीवी पर पढ़ाया गया पाठ्यक्रम, समाचार पत्र, पत्रिका आदि।
जनसंचार की विशेषताएं लिखिए।
सार्वजनिकता : जनसंचार सार्वजनिक होता है। इसमें एक ही कार्यक्रम एक ही समय पर विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के द्वारा एकसाथ देखे जाते हैं।
व्यापकता : जनसंचार माध्यम अत्यधिक व्यापक है जैसे क्रिकेट का खेल एक ही समय पर करोड़ों लोग एक साथ देखते हैं।
द्वारपाल : यह प्रकाशित सामग्री का नियंत्रण एवं निर्धन करता है आचार संहिता का पालन कराता है।
फीडबैक : किसी के द्वारा किए गए कार्य की प्रशंसा करना या उसकी कमियां बताना फीडबैक कहलाता है। जनसंचार माध्यम में फीडबैक तुरंत प्राप्त नहीं होती।
जनसंचार के कार्य लिखिए।
सूचना देना : जनसंचार का प्रमुख कार्य सूचना देना होता है।
शिक्षित करना : जनसंचार के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाता है।
मनोरंजन करना : मनोरंजन करना भी जनसंचार का प्रमुख कार्य है।
निगरानी रखना : जनसंचार लोकतंत्र के पहरेदार होते हैं यह सरकार के कामकाज पर निगरानी रखते हैं।
एजेंडा तैयार करना : जनसंचार मध्य किसी मुद्दे पर जन्म तैयार कर सकता है।
जनसंचार माध्यम
डाकतार माध्यम यह आधुनिक युग का सबसे पुराना संचार माध्यम है।
प्रिंट मीडिया इसके अंतर्गत छपाई वाले संचार माध्यम जैसे समाचार पत्र, पत्रिका आते हैं।
इलेक्ट्रॉनिक माध्यम इस माध्यम के अंतर्गत विद्युत उपकरण का उपयोग किया जाता है।
श्रव्य माध्यम ऐसे जनसंचार माध्यम जिसमें श्रव्य ध्वनि के माध्यम से संदेश पहुंचाया जाता है श्रव्य माध्यम कहलाता है।
उदाहरण रेडियो
रेडियो की विशेषताएं
इससे प्राप्त सूचना को कहीं भी सुन सकते हैं।
जनसंचार का सस्ता माध्यम है।
जो व्यक्ति देखा नहीं सकता वह भी संदेश सुन सकता है।
शिक्षित व अशिक्षित दोनों को लाभ होता है।
कमियां
जानकारी को दोबारा नहीं सुन सकते।
देखने की सुविधा नहीं होती है।
जो व्यक्ति सुन नहीं सकता वह इसका लाभ नहीं ले सकता।
दृश्य संचार माध्यम ऐसा जनसंचार माध्यम जिसमें दृश्य तथ्यों के आधार पर संदेश पहुंचाया जाता है दृश्य संचार माध्यम कहलाता है।
उदाहरण इंटरनेट, कंप्यूटर
विशेषताएं
इससे समय की बचत होती है।
पुरानी से पुरानी एवं नई से नई जानकारियां प्राप्त होती है।
कहीं भी घटने वाली घटना का शीघ्र ही पता चल जाता है।
यह मनोरंजन, ज्ञान, सूचनाओं का आदान-प्रदान करता है।
कमियां
केवल बिजली वाले क्षेत्रों में ही इसका उपयोग हो सकता है।
अशिक्षित वर्ग के लिए अनुपयोगी है।
यह जनसंचार का महंगा साधन है।
समय अधिक व्यतीत करने से समय की बर्बादी होती है।
दृश्य श्रव्य संचार माध्यम ऐसा संचार माध्यम जिसमें ध्वनि एवं दृश्य दोनों के माध्यम से संदेश पहुंचाया जाता है तो उसे दृश्य श्रव्य संचार माध्यम कहते हैं।
उदाहरण टेलीविजन
टेलीविजन की विशेषताएं
इसमें संदेश को देखने व सुनने की सुविधा होती है।
किसी भी क्षेत्र में घटित घटना की जानकारी शीघ्र ही प्राप्त हो जाती है।
दिन भर समाचार प्रकाशित होते रहता है।
इससे मनोरंजन भी होता है तथा ज्ञान भी प्राप्त हो सकता है।
Q. जनसंचार का सबसे खर्चीला माध्यम क्या है?
Ans: इंटरनेट कंप्यूटर
Q. जनसंचार का सबसे सस्ता साधन क्या है?
Ans: रेडियो
Q. जनसंचार का सबसे पुराना माध्यम कौन सा है?
Ans: समाचार पत्र
Q. जनसंचार का सबसे आधुनिक माध्यम कौन सा है?
Ans: टेलीविजन
पत्रकारिता के विविध आयाम
पत्रकारिता : देश-विदेश में घटने वाली विभिन्न घटनाओं को एकत्रित कर उसे समाचार पत्र के रूप में ढल कर हमारे सामने प्रस्तुत करने की संपूर्ण प्रक्रिया को पत्रकारिता कहते हैं। पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है।
Q. पत्रकारिता के प्रकार
Ans: निम्नलिखित छः प्रकार के होते हैं
खोजपरक पत्रकारिता : ऐसी पत्रकारिता जो गहराई से छानबीन करके सूचनाओं को सामने लाने की कोशिश करती है जिन्हें छिपाने का प्रयास किया जा रहा हो, उसे खोजपरक पत्रकारिता कहते हैं। यह भ्रष्टाचार, गड़बड़ियों को सामने लाने का प्रयास करती है।
वॉच डॉग पत्रकारिता : वे पत्रकारिता जो सरकार के कामकाज पर निगरानी रखती है तथा कहीं भी गड़बड़ी होने पर उसे उजागर करती है वॉच डॉग पत्रकारिता कहलाती है।
एडवोकेसी या पक्षधर पत्रकारिता : वे पत्रकारिता जो किसी खास मुद्दे को लेकर आगे बढ़ती है तथा उस मुद्दे पर जनमत तैयार करने के लिए अभियान चलाती है उसे एडवोकेसी पत्रकारिता कहते हैं।
विशेषीकृत पत्रकारिता : वे पत्रकारिता जो किसी खास क्षेत्र की विशेष जानकारी देते हुए उसका विश्लेषण करती है विशेषीकृत पत्रकारिता कहलाती है।
पेज थ्री या पीत पत्रकारिता : वे पत्रकारिता जो सनसनी खेज, चकाचौंध या ग्लैमर फैलाते हैं उसे पेज थ्री या पीत पत्रकारिता कहते हैं।
वैकल्पिक पत्रकारिता : सामान्यतः ऐसी पत्रकारिता जिसमें मीडिया स्थापित व्यवस्था के विकल्प के रूप में अपनी सोच को व्यक्त करता है, उसे वैकल्पिक पत्रकारिता कहते हैं। इन्हें प्रायः सरकारों का, विज्ञापनों का, पूंजीपतियों का समर्थन प्राप्त नहीं होता है।
पत्रकारिता के आयाम
संपादकीय : यह समाचार पत्र का महत्वपूर्ण पृष्ठ होता है। इसके माध्यम से अखबार विभिन्न विषयों पर अपनी राय देता है।
फोटो पत्रकारिता : ऐसी पत्रकारिता जिसमें बात या संदेश को तस्वीर द्वारा बयां किया जाए उसे फोटो पत्रकारिता कहते हैं। फोटो का असर पाठक पर सीधे पड़ता है।
कार्टून कोना : यह समाचार पत्र को अधिक प्रभावशाली बनती है। कार्टून के द्वारा उन संदेशों को पाठकों तक पहुंचना आसान हो जाता है जो बड़े-बड़े लेखों द्वारा नहीं पहुंचाएं जा सकते। यह पाठक को सीधे छूती है।
रेखांकन एवं कार्टोग्राफ : यह समाचार पत्र को रोचक बनता है। इसके माध्यम से समाचार विभिन्न विषय पर टिप्पणी देता है।
उदाहरण सेंसेक्स के आंकड़ों से लेकर खेल की दुनिया तक पूरी बातें एक नजर में ही सामने आ जाती है।
Q. विशेष लेखन किसे कहते हैं?
Ans: विशेष लेखन : किसी विशेष विषय पर लिखा गया लेखन विशेष लेखन कहलाता है। उदाहरण खेल विज्ञान फिल्म व्यापार से संबंधित लिखा गया लेखन।
Q. बीट लेखन किसे कहते हैं? उदाहरण दीजिए।
Ans: बीट लेखन : पत्रकारिता की भाषा में किसी विशेष विषय पर लिखा गया लेखन बीट लेखन कहलाता है।
उदाहरण : खेल विज्ञान फिल्म व्यापार से संबंधित लिखा गया लेखन।
Q. बीट रिपोर्टर किसे कहते हैं?
Ans: किसी विशेष क्षेत्र जैसे खेल, विज्ञान, व्यापार आदि के लिए लेख लिखने वाला रिपोर्टर बीट रिपोर्टर कहलाता है।
Q. विशेष रिपोर्ट के लेखन में किन बातों पर अधिक बल दिया जाता है?
Ans: विशेष विषय के बारे में गहरी जानकारी होना चाहिए।
उस विशेष विषय से संबंधित रोचक भाषा शैली का प्रयोग करना चाहिए।
जैसे व्यापार की भाषा में - सोने का दाम छूने लगा आसमान।
Q. विशेष लेखन की भाषा शैली कैसी होनी चाहिए?
Ans: विशेष लेखन की भाषा शैली भी विशेष होती है।
जैसे व्यापार की भाषा में - सोने का दाम छूने लगा आसमान।
खेल की भाषा में - भारत ने पाक को 9 विकटों से रौंदा।
Q. संवाददाता और विशेष संवाददाता किसे कहते हैं?
Ans: संवाददाता किसी भी बीट के लिए लेखन करने वाले पत्रकार को संवाददाता कहते हैं।
किसी विशेष विषय के विशेषज्ञ और विश्लेषक को विशेष संवाददाता कहा जाता है।
Q. संवाददाता की बैसाखियों का उल्लेख कीजिए।
Ans: प्रथम स्रोत तक पहुंचाना
समाचार के सभी पक्षों की सही और संतुलित जानकारी
निरपेक्षता
Q. इंटरनेट पत्रकारिता क्या है?
Ans: पत्रकारिता के अंतर्गत जो जो कार्य किए जाते हैं वे सब इंटरनेट के माध्यम से किए जाते हैं इसी को इंटरनेट पत्रकारिता/ ऑनलाइन पत्रकारिता/ साइबर पत्रकारिता/ वेब पत्रकारिता कहते हैं।
Q. इंटरनेट पत्रकारिता अन्य प्रकार की पत्रकारिता से किस प्रकार भिन्न है?
Ans: इंटरनेट पत्रकारिता में मुद्रण पत्रकारिता रेडियो पत्रकारिता और टीवी पत्रकारिता तीनों का संगम होता है। इसमें शब्द ध्वनि और दृश्य तीनों का प्रयोग होता है।
Q. भारत में कौन-कौन से समाचार पत्र इंटरनेट पर उपलब्ध है?
Ans: टाइम्स ऑफ़ इंडिया हिंदुस्तान टाइम्स इंडियन एक्सप्रेस ज़ी न्यूज़ आज तक एनडीटीवी आदि।
Q. भारत की कौन सी नेट साइट भुगतान देकर देखी जा सकती है?
Ans: इंडिया टुडे
Q. भारत की कौन सी साइटें नियमित रूप से अपडेट होती है?
Ans: टाइम्स ऑफ़ इंडिया एनडीटीवी आज तक ज़ी न्यूज़ इंडियन एक्सप्रेस।
Q. वेबसाइट पर विशुद्ध पत्रकारिता किसने शुरू की?
Ans: tahlaka.com में
Q. भारत की पहली साइट कौन सी है जो इंटरनेट पत्रकारिता कर रही है?
Ans: रीडिफ
Q. हिंदी वेब जगत में कौन-कौन सी साहित्यिक पत्रिकाएं चल रही है?
Ans: सराय, अनुभूति, अभिव्यक्ति, हिंदी नेस्ट।
Q. इंटरनेट पत्रकारिता के लोकप्रिय होने के कारण बताइए।
Ans: इंटरनेट पत्रकारिता में मुद्रण, रेडियो तथा टीवी तीनों के गुण पाए जाते हैं।
यह सबसे अधिक तेज पत्रकारिता हैं जो ताजा खबर देता है।
इंटरनेट पत्रकारिता 24 घंटे में नहीं बल्कि हर 2 घंटे के बाद अपडेट होते रहता है।
Q. पत्रकारिता में बीट किसे कहते हैं?
Ans: बीट अर्थात् लेखन या रिपोर्टिंग का विशेष क्षेत्र। जैसे खेल विज्ञान कृषि फिल्म आदि अलग-अलग बीट हैं।
Q. डिस्क से क्या तात्पर्य है?
Ans: समाचार पत्र, टीवी, रेडियो के लिए विशेष लेखन लिखने हेतु एक अलग स्थान होता है जिसे डेस्क कहते हैं। यहां किसी विशेष विषय पर विशेषज्ञ आपस में मिलकर विशेष विषय का लेखन करते हैं।
Q. विशेषीकृत रिपोर्टिंग किसे कहते हैं?
Ans: किसी विशेष विषय या घटना पर किया जाने वाला विशेष रिपोर्टिंग विशेषीकृत रिपोर्टिंग कहलाती है। इसके लिए लेखक को संबंधित विषय के बारे में गहरी जानकारी होनी चाहिए।
Q. विशेष लेखन के प्रकार लिखिए।
Ans: खेल, फिल्म, अपराध, विज्ञान, व्यापार आदि।
समाचार
समाचार किसी ताजा घटना, विचार या समस्या की रिपोर्ट होती है जिस पर अधिक से अधिक लोगों की रुचि होती है तथा जिसका प्रभाव अधिक से अधिक लोगों पर पड़ता है।
समाचार पत्र के तत्व
नवीनता : समाचार 24 घंटे के बाद का ना हो।
निकटता : समाचार पत्र आसपास ही प्राप्त हो।
प्रभाव : समाचार का लोगों पर प्रभाव पढ़ना चाहिए।
जनरूचि : समाचार पढ़ने से पाठक के मन में पढ़ने की रुचि बढ़नी चाहिए।
अनोखापन : समाचार में अनोखापन होना चाहिए यह पाठकों का ध्यान आकर्षित करता है जैसे गणेश जी की मूर्ति द्वारा दूध, पीना भूत प्रेत का साया होना इत्यादि।
समाचार के प्रकार
अंतरराष्ट्रीय समाचार : यह विभिन्न देशों में घटित घटनाओं की जानकारी प्रदान करता है।
राष्ट्रीय समाचार : यह किसी देश में घटित घटनाओं की जानकारी प्रदान करता है।
प्रादेशिक समाचार : यह किसी विशेष क्षेत्र में घटित घटनाओं की जानकारी प्रदान करता है।
स्थानीय समाचार : यह किसी स्थानीय क्षेत्र या छोटे क्षेत्र में घटने वाली विभिन्न घटनाओं की जानकारी प्रदान करता है।
Q. समाचार पत्र या मुद्रण माध्यमों की विशेषताएं लिखिए।
Ans:
इनमें स्थायित्व होता है।
इसे आराम से कहीं पर भी बैठकर पढ़ सकते हैं।
एक ही समाचार को कई बार पढ़ा जा सकता है।
इसे सुरक्षित रखकर संदर्भ की तरह प्रयुक्त किया जा सकता है।
इसकी भाषा शुद्ध एवं अनुशासित होती है।
Q. डेडलाइन क्या है?
Ans: कोई भी समाचार जिस अवधि के बाद छपता है उसे अवधि को ही समाचार के लिए डेडलाइन कहते हैं उदाहरण के लिए प्रयास समाचार 24 घंटे के बाद छपते हैं अतः 24 घंटे की अवधि इसकी डेडलाइन होगी।
Q. समाचार लेखन की शैली कैसी होती है?
Ans: समाचार लेखन की शैली उल्टा पिरामिड शैली कहलाती है। इसके अंतर्गत सबसे महत्वपूर्ण बात को पहले लिखी जाती है, उसके बाद कम महत्वपूर्ण बात लिखी जाती है उसके बाद सबसे कम महत्व वाली बातें लिखी जाती है।
Q. समाचार लेखन के कितने अंग/ अव्यय होते हैं?
Ans: समाचार लेखन के 3 अंग /अव्यय होते हैं -
शीर्षक : समाचार का शीर्षक लिखा जाता है।
मुखड़ा (इंट्रो) : समाचार के आरंभिक दो-तीन लाइन को उसका मुखड़ा कहते हैं। इसके अंतर्गत सामान्यतः क्या, कब, कहां और कौन की जानकारियां दी जाती है।
निकाय (बॉडी) : यह इंट्रो के बाद लिखा जाता है तथा इसमें सामान्यतः घटना से संबंधित कैसे और क्यों की जानकारी दी जाती है।
Q. रेडियो द्वारा प्रसारित समाचार किन माध्यमों से हम तक पहुंचाते हैं?
Ans: श्रव्य माध्यम (शब्द और आवाज)
Q. रेडियो नाटक से आप क्या समझते हैं?
Ans: रेडियो पर प्रसारित होने वाले नाटक को रेडियो नाटक कहते हैं। इसमें दृश्यों की जगह ध्वनि को प्रभावी बनाकर प्रस्तुत किया जाता है।
Q. रेडियो समाचार की भाषा की विशेषताएं बताइए।
Ans: रेडियो समाचार की भाषा में व्याकरण की शुद्धता से ज्यादा उच्चारण एवं श्रवण की शुद्धि पर बल दिया जाता है। उसमें समाचार के क्रम पर भी अधिक ध्यान दिया जाता है।
Q. टेलीविजन पर प्रसारित समाचारों के विभिन्न रूपों पर प्रकाश डालिए।
Ans:
फ्लैश/ब्रेकिंग न्यूज़ : ऐसी बड़ी खबर जो तत्काल घटित हो तथा इसे कम से कम शब्दों में दशकों तक पहुंचाई जाए उसे ब्रेकिंग न्यूज़ कहते हैं।
उदाहरण अहमदाबाद प्लेन क्रैश से अनेक लोगों की मौतें।
ड्राई एंकर : जब एंकर खबर के बारे में दर्शकों को बताता है कि क्या, कहां, कब और कैसे हुआ तो वह ड्राई एंकर कहलाता है।
फोन इन : जब एंकर रिपोर्टर से फोन पर बात करके सूचनाओं को दर्शकों तक पहुंचता है तो उसे फोन इन कहते हैं।
एंकर विजुअल : जब एंकर किसी समाचार को पढ़कर सुनाता है तो उसे एंकर विजुअल कहते हैं।
लाइव : किसी समाचार या घटना का सीधे घटनास्थल से प्रसारण लाइव समाचार कहलाता है।
एंकर बाइट : बाइट का अर्थ है कथन। जब एंकर सूचना के साथ-साथ किसी संबंधित व्यक्ति का कथन भी दिखता है तो उसे एंकर बाइट कहते हैं।
एंकर पैकेज : इसमें एंकर द्वारा प्रस्तुत सूचनाएं, संबंधित घटना के दृश्य, बाइट, ग्राफिक आदि द्वारा सभी सूचनाएं व्यवस्थित ढंग से दिखाई जाती है।
संपादन
Q. संपादन किसे कहते हैं? इसके सिद्धांत लिखिए।
Ans: संपादन किसी लिखित सामग्री को त्रुटिरहित कर उसे पढ़ने के लिए प्रस्तुत करना संपादन कहलाता है।
Q. संपादन के सिद्धांत
Ans:
तथ्यों की शुद्धता : संपादन के दौरान सामग्री को त्रुटि रहित कर तथ्यों को शुद्ध किया जाता है।
संतुलन : जिन समाचारों एवं घटनाओं में अनेक पक्ष भागीदार होते हैं वहां संतुलन की अत्यधिक आवश्यकता होती है अर्थात् पत्रकारों को किसी घटना का एकतरफा रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करना चाहिए।
निष्पक्षता : निष्पक्षता का अर्थ है किसी एक के पक्ष में न झुकाना अर्थात् पत्रकार को किसी एक पक्ष में रहकर रिपोर्टिंग नहीं करनी चाहिए।
वस्तु की पहचान करना : इसका अर्थ यह है कि समाचार, घटनाएं, तथ्य उसी रूप में ही प्रस्तुत किए जाएं जिस रूप में वे घटित हुई हो।
Q. संपादक का प्रमुख कार्य बताइए।
Ans: संपादक संपादन के दौरान जो व्यक्ति किसी लिखित सामग्री को त्रुटिरहित कर उसे पढ़ने के योग्य बनाने का कार्य करता है संपादक कहलाता है।
लिखे सामग्री के अशुद्धियों को शुद्ध करना।
कम महत्व वाले गौण सूचनाओं को बाद में छापना।
महत्वहीन बातों को हटा देना।
Q. संपादकीय लेखन किसे कहते हैं?
Ans: किसी समाचार पत्र के नीति के अनुसार किसी सम्यक घटना पर टिप्पणी करता हुआ लेख लिखना संपादकीय लेखन कहलाता है। यह लेख प्रतिदिन छपता है। इसका लेखन संपादक मंडल में से कोई भी सदस्य कर सकता है।