ऑक्सिन
ऑक्सिन की खोज डार्विन ने (1880) केनरी घास में की थी।
यह द्विबीजपत्री पौधों को प्रभावित करता है एकबीजपत्री पौधों को प्रभावित नहीं करता।
जड़ एवं तना के शीर्ष पर पाया जाता है।
यह पौधें की लंबाई में वृद्धि को प्रेरित करता है।
कार्य एवं महत्व
जड़ों के तीव्र निर्माण : कंटे हुए तनों में अपस्थानिक जड़ों के तीव्र निर्माण को प्रेरित करता है।
विलगन : विलगन को रोकता है ।
अनिषेकफलन : बीज रहित फलों के निर्माण (अनिषेकफलन) को प्रेरित करता है।Ex. टमाटर, केला।
खरपतवार पर नियंत्रण : खरपतवार पर नियंत्रण रखता है।
पुष्पन : पुष्पन को रोकता है, किंतु कपास एवं अन्नानास में पुष्पन को प्रेरित करता है।
लंबाई में वृद्धि : यह जड़ एवं तने के शीर्ष भाग में पाया जाता है तथा यह पौधें की लंबाई में वृद्धि को प्रेरित करता है।
प्रसुप्तावस्था : यह बीज प्रसुप्तावस्था को प्रेरित करता है। Ex. आलू।
जिबरेलिन
जिबरेलिन की खोज कुरोसावा ने धान की खेत में की थी।
यावुता एवं हयाशी ने जिबरेला फ्यूजिकोराई (कवक) की खोज की जो धान की फसल में बेकानी रोग उत्पन्न करता है।
यह ऐसा पादप हार्मोन है जो पौधे के तने की लंबाई में वृद्धि को प्रेरित करता है।
कार्य एवं महत्व
तने के लंबाई में वृद्धि : तने के लंबाई में वृद्धि को प्रेरित करता है।
अनिषेकफलन : बीज रहित फलों के निर्माण (अनिषेकफलन) को प्रेरित करता है।
बीज प्रसुप्ति : बीज प्रसुप्ति को रोकता है। बीज के अंकुरण को प्रेरित करता है।
पुष्पन : पुष्पन को प्रेरित करता है।
बौने पौधों का दीर्घीकरण : बौने पौधों के दीर्घीकरण को प्रेरित करता है।
साइटोकाइनिन
साइटोकाइनिन की खोज मिलर एवं उनके सहयोगियों ने की थी।
मिलर ने काइनेटिन की खोज थी, किंतु यह पादप से नहीं दिया गया। इसे Herring fish's sperm DNA से प्राप्त किया गया।
जिएटिन पादप से प्राप्त होने वाला पदार्थ है जो साइटोकाइनिन के उत्पादन को प्रमोट करता है।
यह पौधें में कोशिका विभाजन को प्रेरित करता है।
कार्य एवं महत्व
कोशिका विभाजन : कोशिका विभाजन को प्रेरित करता है अर्थात् पादप वृद्धि को प्रेरित करता है।
कोशिका का दीर्घीकरण : कोशिका का दीर्घीकरण करता है।
अंग निर्माण : अंग निर्माण को प्रेरित करता है।
बीज प्रसुप्ति : बीज प्रसुप्ति को रोकता है। बीज के अंकुरण को प्रेरित करता है।
जीर्णता : जीर्णता को रोकता है।
इथलीन गैस
इसकी खोज H. H. Cousins के द्वारा की गई।
यह गैसीय हार्मोन है जो फलों को पकाने में मदद करता है।
कार्य एवं महत्व
फलों को पकाना : फलों को पकाने में मदद करता है।
पुष्पन : पुष्पन को प्रेरित करता है।
तनों की मोटाई में वृद्धि : तनों की मोटाई में वृद्धि (सुजन द्वारा) को प्रेरित करता है। किंतु लंबाई में वृद्धि को रोकता है।
विलगन : पुष्प, पत्ती एवं फल के विलगन को प्रेरित करता है।
एब्सिसिक एसिड
एब्सिसिक एसिड को तनाव हार्मोन भी कहते हैं।
Why?
एब्सिसिक एसिड प्रसूता अवस्था एवं विलगन को प्रेरित करता है। पादप वृद्धि का दमन करता है। यह बीज अंकुरण को रोकता है तथा रंध्र के बंद होने को उत्तेजित करता है। इस प्रकार यह पादप को विभिन्न प्रकार के तनाव को झेलने की क्षमता देता है इसलिए इसे तनाव हार्मोन कहते हैं।
कार्य एवं महत्व
कोशिका विभाजन एवं कोशिका के दीर्घीकरण : कोशिका विभाजन एवं कोशिका के दीर्घीकरण को रोकता है।
विलगन : पत्तियों के विलगन को प्रेरित करता है।
बीज प्रसूप्तावस्था : बीज प्रसूप्तावस्था को प्रेरित करता है। बीज अंकुरण को रोकता है।
वाष्पोत्सर्जन : वाष्पोत्सर्जन कम करने के लिए रंध्र बंद कर देता है।
जलहानि : इसके कारण जलहानि कम होती है।
MCQs
ऑक्सिन की खोज किसने की?
Ans: डार्विन ने।
डार्विन ने ऑक्सिन की खोज किसमें की?
Ans: केनरी घास में।
ऑक्सिन कहां पाया जाता है?
Ans: जड़ एवं तना के शीर्ष पर।
जिबरेलिन की खोज किसने की?
Ans: कुरोसावा ने।
जिबरेलिन की खोज कहां पर की गई?
Ans: धान की खेत में।
बेकानी रोग किसके कारण होता है?
Ans: जिबरेला फ्यूजिकोराई (कवक)
जिबरेला फ्यूजिकोराई की खोज किसने की?
Ans: यावुता एवं हयाशी ने।
साइटोकाइनिन की खोज किसने की?
Ans: मिलर एवं उनके सहयोगियों ने।
एथिलीन गैस का क्या उपयोग है?
Ans: फलों को पकाना।
एब्सिसिक एसिड को क्या कहते हैं?
Ans: तनाव हार्मोन।
बोल्टिंग प्रभाव किसके कारण होता है?
Ans: जिबरेलिन के कारण।
IAA का पूरा नाम लिखिए।
Ans: इण्डोल एसिटिक एसिड।
फ्लोरीजेन हार्मोन क्या है?
Ans: पुष्पन हार्मोन।
फाइटोक्रोम क्या है?
Ans: पुष्पन वर्णक।
फाइटोक्रोम किस रंग के प्रकाश को अवशोषित करता है?
Ans: लाल।
पौधें की वृद्धि किस यंत्र से मापते हैं?
Ans: ऑक्जेनोमीटर।
बसंतीकरण की खोज किसने की?
Ans: लाइसेंको (1938) ने।
Short Type Questions
Q.1 ऑक्सिन का उपयोग खरपतवार को नष्ट करने के लिए किया जाता है। क्यों?
Ans: ऑक्सिन द्विबीजपत्री पौधों को प्रभावित करता है, एकबीजपत्री पौधों को प्रभावित नहीं करता इसलिए इसका उपयोग खरपतवार को नष्ट करने के लिए किया जाता है।
Q.2 जिबरेला फ्यूजिकोराई की खोज किसने की एवं इसके कारण धान में कौन सा रोग उत्पन्न होता है?
Ans: यावुता एवं हयाशी ने जिबरेला फ्यूजिकोराई (कवक) की खोज की। यह धान की फसल में बेकानी रोग उत्पन्न करता है।
Q.3 पादपों में एथिलीन गैस का क्या महत्व है?
Ans: एथिलीन गैस एक पादप हार्मोन है, जो फलों को पकाने के लिए आवश्यक होता है। कृत्रिम रूप से भी फलों को पकाने के लिए एथिलीन गैस का उपयोग किया जाता हैं।
Q.4 साइटोकिनिन का मुख्य कार्य क्या है? किस पौधे में इसकी मात्रा सबसे ज्यादा होती है?
Ans: साइटोकिनिन एक पादप हार्मोन है, जो कोशिका विभाजन को प्रेरित करता है। इस प्रकार यह पादप की वृद्धि में मदद करता है। मक्का में इसकी मात्रा सबसे अधिक होती है।
Q.5 एब्सिसिक एसिड को तनाव हार्मोन क्यों कहते हैं?
Ans: एब्सिसिक एसिड प्रसूता अवस्था एवं विलगन को प्रेरित करता है। पादप वृद्धि का दमन करता है। यह बीज अंकुरण को रोकता है तथा रंध्र के बंद होने को उत्तेजित करता है। इस प्रकार यह पादप को विभिन्न प्रकार के तनाव को झेलने की क्षमता देता है इसलिए इसे तनाव हार्मोन कहते हैं।
Q.6 बोल्टिंग प्रभाव किसे कहते हैं?
Ans: जिबरेलिन पौधों में पर्व दीर्घन द्वारा लंबाई में वृद्धि को प्रेरित करता है। रोजेट स्वभाव वाले द्विवर्षीय पादपों में जिबरेलिन दीर्घित पर्णरहित पर्व के निर्माण को प्रेरित करता है। इस दीर्घित पर्णरहित पर्व को बोल्ट तथा इस प्रभाव को बोल्टिंग प्रभाव कहते हैं।
Q.7 दीप्तकालिता किसे कहते हैं? इसके महत्व लिखिए।
Ans: वह क्रिया जिसके कारण प्रकाश तथा अंधकार अंतरालों के अनुक्रिया के फलस्वरुप पादपों में पुष्पन प्रारंभ होता है, प्रकाशकालिता या दीप्तकालिता कहलाती है।
दीप्तकालिता के महत्व निम्नलिखित है -
दीप्तकालिता के कारण एकवर्षीय पौधों को द्विवर्षीय और द्विवर्षीय पौधों को एकवर्षीय पौधों में परिवर्तित किया जा सकता है।
पुष्पन क्रिया को नियंत्रित करके इच्छा के अनुसार पुष्प, फल प्राप्त कर सकते हैं।
प्याज के बल्बों को लंबा दीप्तकाल व अधिक तापमान देने पर उनका अंकुरण शीघ्र होने लगता है।
Q.8 बसंतीकरण किसे कहते हैं? इसके क्या महत्व है?
Ans: अनेक द्विवर्षीय पादपों को शीतकाल में पुष्पन के लिए अत्यंत कम तापमान की आवश्यकता होती है, इसे बसंतीकरण कहते हैं।
बसंतीकरण के महत्व
शुष्कता प्रतिरोध उत्पन्न करता है. उदाहरण गेहूं।
एकवर्षीय पौधें कम समय में पुष्पन करते हैं।
प्रकाश संश्लेषण में वृद्धि होती है।
बीज स्वस्थ होते हैं एवं पैदावार अधिक होती है।
Q.9 साइटोक्रोम क्या है? इसके महत्व लिखिए।
Ans: साइटोक्रोम पुष्पन वर्णक है। यह लाल रंग के प्रकाश को अवशोषित करता है। यह वर्णक कोशिका के अंदर कोशिका झिल्ली में होता है।
महत्व
पुष्पन को प्रेरित करता है।
पत्ती एवं तने की लंबाई में वृद्धि को प्रेरित करता है।
डीएनए व प्रोटीन के संश्लेषण में मदद करता है।
Q.10 किस आधार पर पादप वृद्धि का मापन किया जाता है?
Ans: निम्नलिखित आधार पर पादप वृद्धि का मापन किया जाता है -
पौधें की लंबाई में वृद्धि होना
पौधें की क्षेत्रफल में वृद्धि होना
पौधें की कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि होना
पौधें के आयतन में वृद्धि होना
पौधें के आकार में वृद्धि होना इत्यादि।
Q.11 पादप वृद्धि मापन के उदाहरण दीजिए।
Ans:
पादप वृद्धि मापन के उदाहरण निम्नलिखित है -
मक्का का जड़ (example of cell number)
मक्का के जड़ के एपिकल मेरिस्टेम की कोशिकाओं में प्रति घंटे 17500 कोशिकाओं की वृद्धि होती है।
तरबूज (example of cell size)
तरबूज की कोशिकाओं में 3,50,000 टाइम्स वृद्धि होती है।
पराग नलिका (example of length)
पराग नलिका (Pollen tube) की लंबाई में वृद्धि होती है।
Q.12 प्लास्टिसिटी क्या है? उदाहरण देकर समझाइए।
Ans:
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Long Type Questions
Q.1 बीज प्रसूप्ति किसे कहते हैं? इसके कारण एवं इसे दूर करने के उपाय लिखिए?
Ans: बीजों के निर्माण से लेकर बीजों के अंकुरण तक के समय को बीज प्रसूप्ति कहते हैं। बीज प्रसूप्ति को बसंतीकरण तथा हार्मोन के प्रयोग से कम या ज्यादा किया जा सकता है।
बीज प्रसूप्ति के कारण
बीज प्रसूप्ति के कारण निम्नलिखित है -
कठोर बीज कवच
प्रसुप्त भ्रूण
बीज अंकुरण अवरोध
बीज प्रसूप्ति को दूर करने के उपाय
निम्नलिखित है -
कम तापमान पर बीज को उपचारित करना।
यांत्रिक उपचार करना।
बसंतीकरण द्वारा बीज प्रसूप्ति को दूर किया जा सकता है।
हार्मोन उपचार करना।
उपयुक्त प्रकाश उपलब्ध कराना इत्यादि।
Q.2 दीप्तकालिता किसे कहते हैं? इसके आधार पर पौधें कितने प्रकार के होते हैं? इसके महत्व लिखिए।
Ans: वह क्रिया जिसके कारण प्रकाश तथा अंधकार अंतरालों के अनुक्रिया के फलस्वरुप पादपों में पुष्पन प्रारंभ होता है, प्रकाशकालिता या दीप्तकालिता कहलाती है।
इसके आधार पर पौधें तीन प्रकार के होते हैं -
शॉर्ट डे प्लांट (Sort day plant) : ऐसे पौधें जिन्हें पुष्पन क्रिया के लिए अपेक्षाकृत छोटे दीप्तकाल (सामान्यतः 10 से 14 घंटे से कम अंधकार अवस्था) की आवश्यकता होती है, उसे शॉर्ट डे प्लांट (Sort day plant) कहते हैं।
Ex. सोयाबीन, तंबाकू।
लौंग डे प्लांट (Long day plant) : ऐसे पौधें जिन्हें पुष्पन क्रिया के लिए अपेक्षाकृत अधिक दीप्तकाल (सामान्यतः 12 घंटे से अधिक प्रकाश) की आवश्यकता होती है, उसे लौंग डे प्लांट (Long day plant) कहते हैं।
Ex. मटर, गेहूं, चुकंदर।
डे न्यूट्राल प्लांट (Day neutral plant) : ऐसे पौधें जिन्हें पुष्पन क्रिया के लिए किसी विशेष दीप्तकाल की आवश्यकता नहीं होती है, उसे डे न्यूट्राल प्लांट (Day neutral plant) कहते हैं।
Ex. टमाटर, कपास।
दीप्तकालिता के महत्व निम्नलिखित है -
दीप्तकालिता के कारण एकवर्षीय पौधों को द्विवर्षीय और द्विवर्षीय पौधों को एकवर्षीय पौधों में परिवर्तित किया जा सकता है।
पुष्पन क्रिया को नियंत्रित करके इच्छा के अनुसार पुष्प, फल प्राप्त कर सकते हैं।
प्याज के बल्बों को लंबा दीप्तकाल व अधिक तापमान देने पर उनका अंकुरण शीघ्र होने लगता है।
Q.3 विभेदीकरण, निर्विभेदीकरण एवं पुनः विभेदीकरण को परिभाषित कीजिए।
Ans: विभेदीकरण (Differentiation) : जब कोशिकाएं विभाजित होकर नयी कोशिकाएं बनाती है, जो विभाजन की क्षमता को खो देती है इस प्रक्रिया को विभेदीकरण कहते हैं।
निर्विभेदीकरण (De-differentiation) : वे कोशिकाएं जो विभाजन की क्षमता खो चुकी होती है किंतु किसी विशेष समय में विभाजन की क्षमता पुनः प्राप्त कर विभाजित होती है, इस प्रक्रिया को निर्विभेदीकरण कहते हैं।
पुनः विभेदीकरण (Re-differentiation) : निर्विभेदित कोशिकाएं विभाजित होकर नयी कोशिकाएं बनाती है, जो पुनः विभाजन की क्षमता को देती है इस प्रक्रिया को पुनः विभेदीकरण कहते हैं।
Q.4 ऑक्सिन क्या है ? इसके कार्य एवं महत्व लिखिए।
Ans:
ऑक्सिन की खोज डार्विन ने (1880) केनरी घास में की थी।
यह द्विबीजपत्री पौधों को प्रभावित करता है एकबीजपत्री पौधों को प्रभावित नहीं करता।
जड़ एवं तना के शीर्ष पर पाया जाता है।
यह पौधें की लंबाई में वृद्धि को प्रेरित करता है।
कार्य एवं महत्व
जड़ों के तीव्र निर्माण : कंटे हुए तनों में अपस्थानिक जड़ों के तीव्र निर्माण को प्रेरित करता है।
विलगन : विलगन को रोकता है ।
अनिषेकफलन : बीज रहित फलों के निर्माण (अनिषेकफलन) को प्रेरित करता है।Ex. टमाटर, केला।
खरपतवार पर नियंत्रण : खरपतवार पर नियंत्रण रखता है।
पुष्पन : पुष्पन को रोकता है, किंतु कपास एवं अन्नानास में पुष्पन को प्रेरित करता है।
लंबाई में वृद्धि : यह जड़ एवं तने के शीर्ष भाग में पाया जाता है तथा यह पौधें की लंबाई में वृद्धि को प्रेरित करता है।
प्रसुप्तावस्था : यह बीज प्रसुप्तावस्था को प्रेरित करता है। Ex. आलू।
Q.5 जिबरेलिन क्या है ? इसके कार्य एवं महत्व लिखिए।
Ans:
जिबरेलिन की खोज कुरोसावा ने धान की खेत में की थी।
यावुता एवं हयाशी ने जिबरेला फ्यूजिकोराई (कवक) की खोज की जो धान की फसल में बेकानी रोग उत्पन्न करता है।
यह ऐसा पादप हार्मोन है जो पौधे के तने की लंबाई में वृद्धि को प्रेरित करता है।
कार्य एवं महत्व
तने के लंबाई में वृद्धि : तने के लंबाई में वृद्धि को प्रेरित करता है।
अनिषेकफलन : बीज रहित फलों के निर्माण (अनिषेकफलन) को प्रेरित करता है।
बीज प्रसुप्ति : बीज प्रसुप्ति को रोकता है। बीज के अंकुरण को प्रेरित करता है।
पुष्पन : पुष्पन को प्रेरित करता है।
बौने पौधों का दीर्घीकरण : बौने पौधों के दीर्घीकरण को प्रेरित करता है।
Q.6 एथिलीन गैस क्या है ? इसके कार्य एवं महत्व लिखिए।
Ans:
इसकी खोज H. H. Cousins के द्वारा की गई।
यह गैसीय हार्मोन है जो फलों को पकाने में मदद करता है।
कार्य एवं महत्व
फलों को पकाना : फलों को पकाने में मदद करता है।
पुष्पन : पुष्पन को प्रेरित करता है।
तनों की मोटाई में वृद्धि : तनों की मोटाई में वृद्धि (सुजन द्वारा) को प्रेरित करता है। किंतु लंबाई में वृद्धि को रोकता है।
विलगन : पुष्प, पत्ती एवं फल के विलगन को प्रेरित करता है।
Q.7 साइटोकिनिन क्या है ? इसके कार्य एवं महत्व लिखिए।
Ans:
साइटोकाइनिन की खोज मिलर एवं उनके सहयोगियों ने की थी।
मिलर ने काइनेटिन की खोज थी, किंतु यह पादप से नहीं दिया गया। इसे Herring fish's sperm DNA से प्राप्त किया गया।
जिएटिन पादप से प्राप्त होने वाला पदार्थ है जो साइटोकाइनिन के उत्पादन को प्रमोट करता है।
यह पौधें में कोशिका विभाजन को प्रेरित करता है।
कार्य एवं महत्व
कोशिका विभाजन : कोशिका विभाजन को प्रेरित करता है अर्थात् पादप वृद्धि को प्रेरित करता है।
कोशिका का दीर्घीकरण : कोशिका का दीर्घीकरण करता है।
अंग निर्माण : अंग निर्माण को प्रेरित करता है।
बीज प्रसुप्ति : बीज प्रसुप्ति को रोकता है। बीज के अंकुरण को प्रेरित करता है।
जीर्णता : जीर्णता को रोकता है।
Q.8 एब्सिसिक एसिड क्या है ? इसके कार्य एवं महत्व लिखिए।
Ans:
एब्सिसिक एसिड को तनाव हार्मोन भी कहते हैं।
Why?
एब्सिसिक एसिड प्रसूता अवस्था एवं विलगन को प्रेरित करता है। पादप वृद्धि का दमन करता है। यह बीज अंकुरण को रोकता है तथा रंध्र के बंद होने को उत्तेजित करता है। इस प्रकार यह पादप को विभिन्न प्रकार के तनाव को झेलने की क्षमता देता है इसलिए इसे तनाव हार्मोन कहते हैं।
कार्य एवं महत्व
कोशिका विभाजन एवं कोशिका के दीर्घीकरण : कोशिका विभाजन एवं कोशिका के दीर्घीकरण को रोकता है।
विलगन : पत्तियों के विलगन को प्रेरित करता है।
बीज प्रसूप्तावस्था : बीज प्रसूप्तावस्था को प्रेरित करता है। बीज अंकुरण को रोकता है।
वाष्पोत्सर्जन : वाष्पोत्सर्जन कम करने के लिए रंध्र बंद कर देता है।
जलहानि : इसके कारण जलहानि कम होती है।
शॉर्ट डे प्लांट एवं लौंग डे प्लांट में अंतर लिखिए।