विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति
एक इलेक्ट्रॉन वोल्ट का मान कितना होता है?
1eV = 1.6×10-¹⁹ J
इलेक्ट्रॉन वोल्ट किसका मात्रक है?
ऊर्जा का
फोटोन का विराम द्रव्यमान कितना होता है?
शून्य
गतिक अवस्था में फोटोन का द्रव्यमान कितना होता है?
शून्य
इलेक्ट्रॉन का विशिष्ट आवेश कितना होता है?
इलेक्ट्रॉन का विशिष्ट आवेश = e- का आवेश/e- का द्रव्यमान = 1.7×10¹¹ C/Kg
f आवृत्ति वाले फोटोन की ऊर्जा कितनी होती है?
E = hf
कार्यफलन का SI मात्रक क्या है?
जूल
धातु सतह पर उपयुक्त प्रकाश की तीव्रता बढ़ाने पर क्या होता है?
उत्सर्जित इलेक्ट्रॉन की संख्या बढ़ जाती है।
आपतित प्रकाश की आवृत्ति बढ़ाने पर क्या होता है?
उत्सर्जित इलेक्ट्रॉन की संख्या में कोई परिवर्तन नहीं होता।
किस धातु हेतु कार्य फलन कम होता है?
सीजियम का।
किस धातु हेतु कार्य फलन अधिक होता है?
प्लैटिनम का
डी ब्रोग्ली का संबंध क्या है?
λ = h/P
कार्यफलन किसे कहते हैं? संकेत एवं सी मात्रक लिखिए।
जब कोई प्रकाश ऊर्जा किसी धातु की सतह पर आपतित होता है तब धातु की सतह से इलेक्ट्रॉन मुक्त होते हैं। यह कार्य फलन कहलाता है। इसे . से प्रदर्शित करते हैं। इसे इलेक्ट्रॉन वोल्ट (eV) में मापा जाता है।
एक इलेक्ट्रॉन वोल्ट को परिभाषित कीजिए।
जब किसी इलेक्ट्रॉन को एक वोल्ट विभवांतर से त्वरित किया जाता है तो उत्पन्न ऊर्जा को एक इलेक्ट्रॉन वोल्ट कहते हैं तथा इसे eVसे प्रदर्शित करते हैं।
निरोधी विभव किसे कहते हैं?
प्रकाश विद्युत सेल के एनोड पर आरोपित वह ऋणात्मक विभव जिस पर प्रकाश विद्युत धारा शून्य हो जाती है, निरोधी विभव कहलाता है।
देहली आवृत्ति किसे कहते हैं?
किसी धातु की सतह पर आपतित होने वाले प्रकाश ऊर्जा की वह न्यूनतम आवृत्ति जिसके कारण धातु के सतह से इलेक्ट्रॉन मुक्त होते हैं, देहली आवृत्ति कहलाती है। इसे . से प्रदर्शित करते हैं।
विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति संबंधी डी ब्रोग्ली की अवधारणा को समझाइए।
विकिरण कुछ घटनाओं में तरंग की भांति तथा कुछ घटनाओं में कण के समान व्यवहार करते है, जिसे विकिरण की द्वैत प्रकृति कहते हैं।
द्रव्य के गतिमान कण उपयुक्त परिस्थितियों में तरंग की भांति व्यवहार करते हैं। इन तरंगों को द्रव्य तरंगे या डी ब्रोग्ली तरंगे कहते हैं तथा इनके तरंगदैर्ध्य को डी ब्रोग्ली तरंगदैर्ध्य कहते हैं।
तरंगदैर्ध्य का व्यंजन (डी ब्रोग्ली समीकरण)
डी ब्रोग्ली ने तरंग के तरंगदैर्ध्य तथा संवेग में संबंध प्रदर्शित करते हुए एक समीकरण प्रस्तुत किया जिसे डी ब्रोग्ली समीकरण कहते हैं।
माना कि m द्रव्यमान का कण v वेग से गतिमान है तथा उसकी आवृत्ति f है तब प्लांक के फोटाॅन संबंधी ऊर्जा समीकरण से
E = hf-----(1)
तथा आइंस्टीन के द्रव्यमान ऊर्जा तुल्यता समीकरण के अनुसार,
E = mc²-----(2)
समीकरण (1) और समीकरण (2) से,
hf = mc²
hc/λ = mc²
h/λ = mc
h/λ = P
Or
λ = h/P