Q.1 किस गाय के दूध में अल्फा लैक्टा एल्ब्यूमिन पाया जाता है।
Ans: रोजी गाय
Q.2 रोजी गाय के दूध में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है या लिपिड की?
Ans: प्रोटीन की।
Q.3 गोल्डन राइस में कौन सा पोषक तत्व पाया जाता है?
Ans: बीटा कैरोटीन एवं प्रो विटामिन ए।
Q.4 मानव द्वारा निर्मित इंसुलिन का क्या नाम है?
Ans: ह्यूमुलिन
Q.5 आणविक कैची किसे कहते हैं?
Ans: रिस्ट्रिक्शन एंजाइम।
Q.6 एडिनोसिन डीएमिनेज एंजाइम का उपयोग बताइए।
Ans: प्रतिरक्षा तंत्र हेतु उपयोगी।
Q.7 एडिनोसिन डीएमिनेज एंजाइम से सर्वप्रथम किसका उपचार किया गया?
Ans: 4 वर्षीय बालिका में एडिनोसिन डीएमिनेज एंजाइम की कमी को दूर करने के लिए।
Q.8 कृत्रिम इंसुलिन (ह्यूमुलिन) किसके द्वारा बनाया गया?
Ans: एली लिली कम्पनी द्वारा।
Q.9 कौन सी कोशिका ऊतक, अंग का निर्माण करती है?
Ans: स्टेम कोशिका।
Q.10 BT कॉटन क्या है?
Ans: ट्रांसजेनिक पौधा।
Q.11 बेसिलस थ्यूरिजिएंसिस में कौन सा विशिष्ट जीन पाया जाता है?
Ans: क्राई जीन।
Q.12 प्रोटीन किसके लिए विषैला होता है?
Ans: कीटों के लिए।
Q.13 बेसिलस थ्यूरिजिएंसिस कीटों के किन-किन वर्गों को नष्ट करता है?
Ans:
लेपिडोप्टेरन Lepidopterans (butterflies and moths)
कोलेप्टेरन Coleopterans (beetles)
डिप्टेरन Dipterans (flies and mosquitoes)
Q.14 रिकाॅम्बिनेंट डीएनए तकनीक के उपयोग लिखिए।
Ans: रिकाॅम्बिनेंट डीएनए तकनीक के उपयोग निम्नलिखित है -
औद्योगिक क्षेत्र में
रिकाॅम्बिनेंट वैक्सीन का निर्माण किया गया है।
एंटीबायोटिक का अधिक मात्रा में उत्पादन संभव हुआ है।
इसकी सहायता से अनेक प्रकार के उपयोगी प्रोटीन जैसे-ह्यूमुलिन, विटामिन का उत्पादन संभव हुआ है।
कृषि के क्षेत्र में
रोग तथा कीट प्रतिरोधी फसलों के किस में तैयार किए गए हैं।
BT कॉटन का निर्माण किया गया है।
फ्लेवर सावर टमाटर में कैनामाइसिन के लिए प्रतिरोधकता पाई जाती है।
रेप सीड तेल में बास्टा खरपतवार नाशी के प्रति प्रतिरोधकता पाई जाती है।
इसके द्वारा उत्तम जैविक खाद का उत्पादन किया गया है।
चिकित्सा के क्षेत्र में
जीन थेरेपी द्वारा किसी जीव के गड़बड़ी युक्त जीन को सही जीन द्वारा प्रतिस्थापित किया जा सकता है।
उदाहरण सिकल सेल एनीमिया। यह DNA के एक क्षार क्रम में प्रतिस्थापन के कारण होता है। इसे अनुवांशिक अभियांत्रिकी द्वारा ठीक किया जा सकता है।
अनेक प्रकार के एंटीबायोटिक का उत्पादन संभव हुआ है।
एडिनोसिन डीएमिनेज एंजाइम प्रतिरक्षा तंत्र हेतु उपयोगी है। इसकी कमी से SCID रोग उत्पन्न होता है। रिकाॅम्बिनेंट डीएनए तकनीक के द्वारा एडिनोसिन डीएमिनेज की कमी को दूर किया जा सकता है।
ह्यूमुलिन का उपयोग डायबिटीज के उपचार में किया जाता है।
Q.15 बायोपायरेसी किसे कहते हैं? किसी राष्ट्र पर इसके प्रभाव को लिखिए।
Ans: बायोपायरेसी : आज विश्व में ऐसे बहुत से संगठन एवं बहु राष्ट्रीय कंपनियां आ गई है जो किसी भी देश के जैविक संसाधनों का बिना किसी अधिकार के दोहन कर रही है इसे बायोपायरेसी कहते हैं।
मुख्य बिंदु
बायोपायरेसी किसी भी देश के जैविक संसाधनों का अनाधिकृत उपयोग है।
इसके अंतर्गत किसी देश के जैविक संसाधनों तथा उसके उत्पादों को व्यावसायिक स्तर पर तैयार किया जाता है।
जैविक उत्पादों के अंतर्गत सूक्ष्मजीव, पौधे एवं जंतु आदि शामिल है।
राष्ट्र पर इसका प्रभाव
आर्थिक स्थिति कमजोर होना बायोपायरेसी से केवल बहुराष्ट्रीय कंपनियों एवं संगठनों को ही लाभ होता है। इससे उसे देश को किसी भी प्रकार का कोई लाभ नहीं होता है।
स्थानीय लोग लाभ से वंचित बायोपायरेसी के कारण स्थानीय लोग लाभ से वंचित रह जाते हैं।
Q.16 बायोपेटेंट किसे कहते हैं? बायोपेटेंट की आवश्यकता क्यों पड़ी समझाइए?
Ans: आज जैविक संसाधनों का उपयोग करने वाले अथवा उनके उत्पादों को तैयार करने वाले कंपनियों एवं संगठनों को कानूनी रूप से उन जैविक संसाधनों के निर्माण व उपयोग हेतु अधिकार प्रदान किया जाता है इस बायोपेटेंट कहते हैं।
बायो पेटेंट की आवश्यकता : आज विश्व में ऐसी बहू से संगठन एवं बहुराष्ट्रीय कंपनियां आ गई है जो बिना किसी अधिकार के किसी राष्ट्र की जैविक संसाधनों का दोहन कर रही है जिसे हम बायोपायरेसी के नाम से जानते हैं इससे केवल बहुराष्ट्रीय कंपनियों को ही लाभ होता है तथा स्थानीय लोग लाभ से वंचित हो जाते हैं इसलिए बायोपेटेंट की आवश्यकता हुई।
बायोपेटेंट कहां तक? : आज गैर कानूनी रूप से भी जैविक संसाधनों का बायोपेटेंट कराया जा रहा है, जिसके कारण बायोपायरेसी और बायोपेटेंट के बीच संघर्ष की स्थिति आ गई है।
Q.17 पारजीनी जीवाणु क्या है? मानव निर्मित इंसुलिन कैसे बनाया जाता है?
Ans: पारजीनी जीवाणु (Transgenic bacteria) : वह जीवाणु जिसमें किसी अन्य जंतुओं के जीन को स्थानांतरित किया गया हो, पारजीनी जीवाणु कहलाता है।
इंसुलिन उत्पादन मानव इंसुलिन दो पॉलीपेप्टाइड चैन A व B से मिलकर बना होता है जिसके मध्य डाईसल्फाइड बंध पाया जाता है।
सन 1983 में एली लिली एक अमेरिकी कंपनी ने मानव निर्मित इंसुलिन का निर्माण किया वैज्ञानिकों ने मानव के इंसुलिन का अध्ययन कर रासायनिक रूप से इंसुलिन की शृंखलाऊं चैन A व B का निर्माण किया तत्पश्चात इन श्रृंखलाओं को रिकंबाइनेंट डीएनए तकनीक के अंतर्गत जीवाणु कोले में स्थानांतरित कराया गया| इस जीवाणु को ट्रांसजेनिक बैक्टीरिया कहते हैं| प्राप्त दोनों श्रृंखलाओं को डाई सल्फाइड बैंड द्वारा जोड़ दिया गया, इसे ह्यूमुलिन कहा गया।