1. ऊष्मागतिकी का मुख्य उद्देश्य क्या है?
(a) ऊर्जा के निर्माण को समझना
(b) ऊष्मा और कार्य के आपसी परिवर्तन को समझना
(c) केवल तापमान मापना
(d) द्रव्यमान मापन
उत्तर: (b) ✔️
2. ऊष्मागतिकी का पहला नियम किस सिद्धांत पर आधारित है?
(a) न्यूटन का गति नियम
(b) ऊर्जा संरक्षण का नियम
(c) एंट्रॉपी का नियम
(d) गैलिलियो का नियम
उत्तर: (b) ✔️
3. पहला नियम का समीकरण क्या है?
(a) (ΔU = Q + W)
(b) (ΔU = Q - W)
(c) (Q = ΔU - W)
(d) (ΔU = W - Q)
उत्तर: (b) ✔️
4. आइसोथर्मल प्रक्रिया में क्या स्थिर रहता है?
(a) आयतन
(b) दबाव
(c) तापमान
(d) आंतरिक ऊर्जा
उत्तर: (c) ✔️
5. एडियाबैटिक प्रक्रिया में क्या शून्य होता है?
(a) कार्य
(b) ऊष्मा स्थानांतरण
(c) आंतरिक ऊर्जा
(d) तापमान
उत्तर: (b) ✔️
6. दूसरे नियम के अनुसार कौन सा कथन सही है?
(a) ऊर्जा का निर्माण हो सकता है
(b) ऊष्मा स्वाभाविक रूप से ठंडे से गर्म स्थान में जाएगी
(c) कोई इंजन पूर्ण रूप से कार्य में ऊष्मा परिवर्तित नहीं कर सकता
(d) आंतरिक ऊर्जा समय के साथ बढ़ती रहती है
उत्तर: (c) ✔️
7. एंट्रॉपी किसका माप है?
(a) ऊष्मा का संचरण
(b) प्रणाली की अव्यवस्था
(c) कार्य की क्षमता
(d) तापमान
उत्तर: (b) ✔️
8. कार्नोट इंजन की दक्षता का सूत्र क्या है?
(a) (\eta = 1 - T_h/T_c)
(b) (\eta = 1 - T_c/T_h)
(c) (\eta = T_c/T_h)
(d) (\eta = T_h/T_c)
उत्तर: (b) ✔️
9. कार्य (W) और ऊष्मा (Q)के बीच संबंध कौन सा है?
(a) (Q = W - Δ U)
(b) (Q = Δ U + W)
(c) (Q = Δ U - W)
(d) (Q = Δ U \times W)
उत्तर:(b) ✔️
10. रेफ्रिजरेटर में ऊष्मा कहाँ से कहाँ स्थानांतरित होती है?
(a) गर्म स्थान → ठंडा स्थान
(b) ठंडा स्थान → गर्म स्थान (कार्य द्वारा)
(c) केवल ठंडा स्थान में रहती है
(d) कोई ऊष्मा स्थानांतरण नहीं होता
उत्तर: (b) ✔️
1. ऊष्मागतिकी क्या है?
Ans: ऊष्मागतिकी भौतिक विज्ञान की वह शाखा है जो ऊष्मा, कार्य और ऊर्जा के आपसी परिवर्तन का अध्ययन करती है। इसका मुख्य उद्देश्य यह समझना है कि ऊर्जा कैसे स्थानांतरित होती है और कैसे कार्य में परिवर्तित होती है। यह इंजन, रेफ्रिजरेटर, थर्मल पावर प्लांट और प्राकृतिक प्रक्रियाओं में प्रयोग होती है। ऊष्मागतिकी के नियम ऊर्जा संरक्षण, आंतरिक ऊर्जा, थर्मोडायनामिक प्रक्रियाएँ और एंट्रॉपी को समझने में मदद करते हैं।
2. ताप और ऊष्मा में अंतर स्पष्ट कीजिए।
Ans: ताप (Heat) वह ऊर्जा है जो तापमान अंतर के कारण एक वस्तु से दूसरी में स्थानांतरित होती है। तापमान (Temperature) किसी पदार्थ के कणों की औसत गतिज ऊर्जा को मापता है। ताप ऊर्जा का प्रवाह उच्च तापमान से निम्न तापमान की ओर होता है। ठोस में अणु केवल कंपन करते हैं, द्रव में टकराते और गैस में स्वतंत्र गति करते हैं। ताप और ऊष्मा दोनों ऊष्मागतिकी की मूल अवधारणाएँ हैं।
3. ऊष्मागतिकी का पहला नियम (First Law of Thermodynamics) क्या है?
Ans: पहला नियम ऊर्जा संरक्षण का नियम है। यह कहता है कि किसी प्रणाली द्वारा ग्रहण की गई ऊष्मा का उपयोग आंतरिक ऊर्जा बढ़ाने और कार्य करने में होता है। समीकरण: (Δ U = Q - W), जहाँ (Δ U) = आंतरिक ऊर्जा परिवर्तन, (Q) = ग्रहण की गई ऊष्मा, (W) = किया गया कार्य। यह नियम इंजन, बॉयलर और पिस्टन सिस्टम में ऊष्मा और कार्य के बीच संबंध को समझने में प्रयोग होता है।
4. थर्मोडायनामिक प्रक्रियाएँ कौन-कौन सी हैं?
Ans: मुख्य प्रक्रियाएँ:
1. आइसोथर्मल (Isothermal): तापमान स्थिर (ΔT = 0))
2. आइसोकोरिक (Isochoric): आयतन स्थिर (ΔV = 0))
3. आइसोबारिक (Isobaric): दबाव स्थिर ((P) स्थिर)
4. एडियाबैटिक (Adiabatic): ऊष्मा आदान-प्रदान नहीं ((Q = 0))
ये प्रक्रियाएँ पिस्टन, इंजन और बॉयलर में ऊष्मा और कार्य का गणितीय विश्लेषण करने में उपयोगी हैं।
5. ऊष्मागतिकी का दूसरा नियम (Second Law of Thermodynamics) क्या कहता है?
Ans: दूसरा नियम प्राकृतिक प्रक्रियाओं में अव्यवस्था (Irreversibility) को दर्शाता है। Kelvin-Planck कथन: कोई भी इंजन पूरी तरह कार्य में ऊष्मा नहीं बदल सकता। Clausius कथन: ऊष्मा अपने आप ठंडे से गर्म स्थान में नहीं जाएगी। यह एंट्रॉपी (Entropy) के सिद्धांत से जुड़ा है, जो प्रणाली की अव्यवस्था का माप है। यह नियम ऊर्जा रूपांतरण, इंजन दक्षता और प्राकृतिक घटनाओं की दिशा को निर्धारित करता है।
1. दूसरा नियम (Second Law of Thermodynamics) और एंट्रॉपी को स्पष्ट कीजिए
Ans: दूसरा नियम ऊष्मागतिकी की दिशा और अव्यवस्था को बताता है। Kelvin-Planck कथन: कोई भी इंजन पूर्ण रूप से कार्य में ऊष्मा परिवर्तित नहीं कर सकता। Clausius कथन: ऊष्मा स्वयं ठंडे से गर्म स्थान में नहीं जाएगी। एंट्रॉपी ((S)) प्रणाली की अव्यवस्था का माप है। प्राकृतिक प्रक्रियाओं में एंट्रॉपी हमेशा बढ़ती है, जो ऊर्जा प्रवाह और संतुलन को नियंत्रित करती है। इसका प्रयोग ऊर्जा दक्षता, इंजन और प्राकृतिक घटनाओं की भविष्यवाणी में होता है।
2. कार्नोट इंजन और उसकी दक्षता समझाइए।
Ans: कार्नोट इंजन आदर्श ऊष्मा इंजन है जो उच्च तापमान स्रोत से ऊष्मा ग्रहण करता है, कार्य करता है और शेष ऊष्मा निम्न तापमान पर छोड़ता है। इसमें चार चरण होते हैं: आइसोथर्मल विस्तार, एडियाबैटिक विस्तार, आइसोथर्मल संपीड़न, एडियाबैटिक संपीड़न। इसकी दक्षता: (η = 1 - T_c/T_h)। यह वास्तविक इंजन की तुलना में अधिक कार्यक्षम है। कार्नोट इंजन सिद्धांत वास्तविक जीवन में ऊर्जा रूपांतरण और थर्मल मशीनों के डिजाइन में मार्गदर्शक है।
3. कार्य और ऊष्मा के बीच संबंध समझाइए।
Ans: पहले नियम के अनुसार: (Δ U = Q - W)। कार्य ((W)) और ऊष्मा ((Q)) प्रणाली में ऊर्जा स्थानांतरण को परिभाषित करते हैं। उदाहरण: सिलेंडर में गैस को गर्म करने पर पिस्टन कार्य करता है और गैस की आंतरिक ऊर्जा बढ़ती है। कार्य और ऊष्मा के बीच यह संबंध ऊर्जा संरक्षण और थर्मोडायनामिक प्रक्रिया का मूल सिद्धांत है। वास्तविक मशीनों में इसकी गणना दक्षता और ऊर्जा हानि को नियंत्रित करने में मदद करती है।
4. रेफ्रिजरेटर और एयर कंडीशनर में ऊष्मा स्थानांतरण समझाइए।
Ans: रेफ्रिजरेटर में ऊष्मा ठंडे स्थान (कम्पार्टमेंट) से गर्म स्थान (पर्यावरण) में स्थानांतरित होती है। इसके लिए कार्य (Work) आवश्यक है, जो कम्प्रेसर द्वारा प्रदान किया जाता है। वाष्पीकरण और कंडेंसेशन साइकिल ऊष्मा स्थानांतरण में सहायक हैं। उद्देश्य: ठंडे स्थान का तापमान कम रखना और ऊष्मा नियंत्रित ढंग से बाहर निकालना। यह ऊष्मागतिकी का प्रत्यक्ष अनुप्रयोग है और ऊर्जा दक्षता के अध्ययन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
5. ऊष्मागतिकी का आधुनिक विज्ञान और इंजीनियरिंग में महत्व।
Ans: ऊष्मागतिकी आधुनिक विज्ञान और इंजीनियरिंग का आधार है। यह ऊर्जा रूपांतरण, इंजन, पावर प्लांट, रेफ्रिजरेटर, एयर कंडीशनर और ऊर्जा संरक्षण में उपयोगी है। इसका अध्ययन प्राकृतिक घटनाओं, पर्यावरण नियंत्रण और औद्योगिक प्रक्रियाओं के डिज़ाइन में किया जाता है। ऊर्जा दक्षता बढ़ाना, ऊर्जा हानि कम करना और कार्यकुशल मशीन डिजाइन करना इसके प्रमुख लाभ हैं। ऊष्मागतिकी सिद्धांत भविष्य में स्थायी ऊर्जा प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण में भी अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।