जीव जगत के अंतर्गत हम सभी जीवित जीवों का अध्ययन करते हैं।
सजीवों के लक्षण :
1) उपापचय (Metabolism) : उपापचय सजीवों का महत्वपूर्ण लक्षण हैं। सभी सजीवों में उपापचय की क्रिया पायी जातीं हैं।
Note : उपापचय क्रिया का रुक जाना मृत्यु कहलाता है।
2) संवेदनशीलता (Consciousness) : सभी सजीवों में संवेदनशीलता का गुण पाया जाता है।
Ex. सजीव तापमान, PH इत्यादि के प्रति संवेदनशीलता दर्शाते है।
3) कोशिकीय संगठन (Cellular organisation) : सभी जीव कोशिका या कोशिका के समूह से मिलकर बना होता हैं। कोशिका जीवन की मूलभूत इकाई मानी जाती है। कोशिका को जीवन का संरचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई भी कहते हैं।
4) वृद्धि (Growth) : द्रव्यमान या संख्या का बढ़ाना वृद्धि कहलाता हैं। वृद्धि सजीवों का प्रमुख लक्षण नहीं माना जाता है क्योंकि कुछ निर्जीव चीजें जैसे कि पर्वत इत्यादि सतही तौर पर वृद्धि करते हैं।
5) प्रजनन (Reproduction) : प्रजनन भी सजीवों का विशिष्ट लक्षण नहीं माना जाता है क्योंकि कुछ व्यक्तियों में गुणसूत्रीय असमानता (chromosomal disorder) जैसे क्लाइनफेल्टर एवं टर्नर सिंड्रोम के कारण व्यक्ति बांझ हो जाता है, जिससे वे प्रजनन नहीं कर पाते, किंतु वे सजीव ही होते हैं।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि दुनिया में विभिन्न प्रकार के जीव रहते हैं, इन जीवों को अलग-अलग स्थान पर अलग-अलग नामों से जाना जाता हैं।
उदाहरण के लिए,
• कुत्ता : कुत्ता को इंग्लिश में dog, हिंदी में कुत्ता, तमिल में नाई कहा जाता है।
इस प्रकार विभिन्न क्षेत्रों में जाकर किसी विशेष जीव के अध्ययन करने में विभिन्न कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है इसके साथ ही उस विशेष जीव के बारे में पूर्ण रूप से जानकारी भी प्राप्त नहीं हो पाती। अत: जीव को वैज्ञानिक नाम देने की आवश्यकता पड़ती है जिससे उसे पुरी दुनिया में एक ही नाम से पहचाना जा सके। जीवो का वैज्ञानिक नाम, उनके अध्ययन को आसान बना देते हैं।
वैज्ञानिक नाम (Scientific name) : वैज्ञानिक नामकरण की दो महत्वपूर्ण विधियां है जो निम्नलिखित है:
1) द्विपद नामकरण पद्धति (Binomial nomenclature):
कैरोलस लीनियस द्विपद नामकरण पद्धति के जनक माने जाते हैं।
द्विपद नामकरण पद्धति के नियम -
• जीव के वैज्ञानिक नाम दो पद में लिखा जाना चाहिए। प्रथम पद में जीव के वंश का नाम एवं द्वितीय पद में जाति का नाम लिखा जाता है।
• वंश के नाम का प्रथम अक्षर अंग्रेजी के कैपिटल लेटर में लिखा जाता है तथा जाति का नाम अंग्रेजी के छोटे अक्षरों में लिखा जाता है।
उदाहरण: मनुष्य का वैज्ञानिक नाम - Homo sapiens
Homo - मनुष्य के वंश का नाम
sapiens - मनुष्य के जाति का नाम
• वैज्ञानिक नाम लैटिन भाषा (एक मृत भाषा) में लिखा जाना चाहिए।
Ex. Homo sapiens
• वैज्ञानिक नाम तिरछे अक्षरों (italic) में लिखा जाना चाहिए।
• हाथ से लिखे जाने पर वैज्ञानिक नाम के दोनों पदों को अलग-अलग रूप से अंडरलाइन (underline) किया जाना चाहिए।
Ex. Homo sapiens
2) त्रिपद नामकरण पद्धति(Trinomial nomenclature):
त्रिपद नामकरण पद्धति में जीव के नाम तीन पद में लिखे जाते हैं ।
• प्रथम पद - वंश का नाम
• द्वितीय पद - जाति का नाम
• तृतीय पद - उपजाति का नाम या उस वैज्ञानिक का नाम जिन्होंने सर्वप्रथम उस जाति की खोज की हो।
Ex.
1) काॅवर्स स्प्लेंडेंस स्प्लेंडेंस
काॅवर्स : कौआ के वंश का नाम
स्प्लेंडेंस : जाति का नाम
स्प्लेंडेंस : उपजाति का नाम
2) होमो सैपिएंस लीनियस
होमो : मनुष्य के वंश का नाम
सैपिएंस : मनुष्य के जाति का नाम
लीनियस : सर्वप्रथम सैपिएंस (sapiens) जाति की खोज करने वाले वैज्ञानिक का नाम।
Carolus Linnaeus
वर्गिकी (Taxonomy)
जीवों की खोज करना, पहचान करना, नामकरण करना तथा वर्गीकरण करना वर्गिकी कहलाता है।
कैरोलस लीनियस वर्गिकी के जनक माने जातें हैं।
वर्गिकी के पदानुक्रम (Taxonomial hierarchy) :
वर्गिकी के कुल 7 टैक्सा/रैंक/category होते हैं। वर्गिकी पदानुक्रम का प्रत्येक कैटेगरी/रैंक (7 रैंको का केवल 1 रैंक) टेक्साॅन कहलाता हैं।
वर्गिकी के 7 पदानुक्रम इस प्रकार है -
1) जाति (Species) : जाति वर्गिकी की सबसे छोटी रैंक या इकाई होती हैं। विभिन्न वैज्ञानिकों ने जाति को भिन्न-भिन्न रूप से परिभाषित किया है जिसमें से प्रमुख परिभाषा इस प्रकार है -
मेयर के अनुसार,
जाति आपस में संकरण या संयोग करने वालें जीवों की जनसंख्या होती है।
किंतु वास्तव में, जाति आपस में अंतरा प्रजनन करने वाले जीवों का समूह होता है जिनमें एक समान जीन पूल पाया जाता है।
Ex. -
Panthera lio में lio सिंह के जाति का नाम है।
Canis familiaris में familiaris कुत्ते की जाति है।
Felis domestica में domestica बिल्ली की जाति है।
2) वंश (Genus) :- एक समान लक्षण वाले जातियों का समूह एक ही वंश के अंतर्गत आता है ।
Ex. -
Panthera बाघ, सिंह और चीता के वंश का नाम है।
सिंह - Panthera lio
बाघ - Panthera tigris
चिंता - Panthera pardes
3) कुल (Family) :- समान लक्षण वाले वंश का समूह एक कुल के अंतर्गत आता है।
Canidae family में कुत्ता (dogs), लोमड़ी (foxes) आते हैं।
Felidae family में बिल्ली (cat), बाघ (tiger), सिंह (lion) आते हैं।
4) गण (Order) :- समान लक्षण वाले कुल का समूह एक गण के अंतर्गत आता है।
Carnivora order के अंतर्गत Canidae एवं Felidae कुल आते हैं।
5) वर्ग (Class) :- समान लक्षण वाले गण का समूह एक वर्ग के अंतर्गत आता है।
Mammelia class के अंतर्गत carnivora एवं primata गण आते हैं।
6) संघ/विभाग (Phylum/Division) :- समान लक्षण वाले वर्ग का समूह एक संघ/विभाग के अंतर्गत आता है।
संघ : इस शब्द का उपयोग जंतुओं के लिए किया जाता है।
जंतुओं को दो मुख्य संघ में बांटा जाता है :
कशेरुक (chordata)
अकशेरूक (non-chordata)
विभाग : इस शब्द का उपयोग पादप के लिए किया जाता है।
आवृतबीजी (Angiospermy)
अनावृतबीजी (Gymnospermy)
7) जगत (Kingdom) :- आर.एच. व्हिटेकर ने विश्व के जीवों को कुल पांच जगतों में विभाजित किया है जो निम्नलिखित हैं :-
1) मोनेरा (Monera)
2) प्रोटिस्टा (Protista)
3) फंजाई (Fungi)
4) पादप (Plantae)
5) जंतु ( Animalia)
Note : जाति (species) से जगत (kingdom) की ओर जाने पर जीवों के मध्य सामानताएं घटती जाती है।
वर्गिकी (taxonomy): जीव विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत जीवों की खोज, पहचान, उनका नामकरण एवं उनका वर्गीकरण का अध्ययन किया जाता है वर्गिकी (taxonomy) कहलाता है।
आकारिकी (morphology): जीव विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत जीव के बाहरी आकार, स्वरूप का अध्ययन किया जाता है आकारिकी (morphology) कहलाता है।
शारीरिकी (anatomy): जीव विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत जीव की आंतरिक संरचना का अध्ययन किया जाता है शारीरिकी (anatomy) कहलाता है।
औतकी (histology): जीव विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत उत्तकों का अध्ययन किया जाता है औतकी (histology) कहलाता है।
कोशिका जीव विज्ञान (cell biology): जीव विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत कोशिका की संरचना, उसके कार्य, जीवन चक्र के बारे में अध्ययन किया जाता है कोशिका जीव विज्ञान (cell biology) कहलाता है।
जीव रसायन (biochemistry): जीव विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत जीवो में पाए जाने वाले रासायनिक पदार्थ जैसे कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन, वसा का अध्ययन किया जाता है जीव रसायन (biochemistry) कहलाता है।
कार्यिकी (physiology): जीव विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत जीवो में होने वाली क्रियाओं जैसे श्वसन, पाचन, उत्सर्जन का अध्ययन किया जाता है कार्यिकी (physiology) कहलाता है।
भ्रूणिकी (embryology): जीव विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत युग्मनज, युग्मक जनन, भ्रूण की संरचना का अध्ययन किया जाता है भ्रूणिकी (embryology) कहलाता है।
पारिस्थितिकी (ecology): जीव विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत जीवों का आपसी एवं वातावरण के साथ संबंधों का अध्ययन किया जाता है पारिस्थितिकी (ecology) कहलाता है।
अनुवांशिकी (genetics): जीव विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत जीवों के मध्य विभिन्नता, समानता, अनुवांशिकता का अध्ययन किया जाता है अनुवांशिकी (genetics) कहलाता है।
जीवाश्मिकी (paleontology): जीव विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत जीवाश्म का अध्ययन किया जाता है जीवाश्मिकी (paleontology) कहलाता है।
सुजननिकी (eugenics): जीव विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत आनुवांशिकता के आधार पर मानव को श्रेष्ठ बनाने की विधियों का अध्ययन किया जाता है सुजननिकी (eugenics) कहलाता है।
मधुमक्खी पालन (apiculture): जीव विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत मधुमक्खियों के पालन-पोषण का अध्ययन किया जाता है मधुमक्खी पालन (apiculture) कहलाता है।
मानव विज्ञान (anthropology): जीव विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत मानव के विकास संबंधी तथ्यों का अध्ययन किया जाता है मानव विज्ञान (anthropology)कहलाता है।
जीवाणु विज्ञान (bacteriology): जीव विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत जीवाणुओं का अध्ययन किया जाता है जीवाणु विज्ञान (bacteriology) कहलाता है।
रोग विज्ञान (pathology): जीव विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत विभिन्न प्रकार के रोगों, उनके कारकों, उनके लक्षणों एवं उनके निदान के उपायों का अध्ययन किया जाता है रोग विज्ञान (pathology) कहलाता है।
अंतरिक्ष जीव विज्ञान (exobiology): जीव विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत दूसरे ग्रह में जीवन है या नहीं इसका अध्ययन किया जाता है अंतरिक्ष जीव विज्ञान (exobiology) कहलाता है।
जीव विज्ञान की खोज किसने की?
Ans: अरस्तु ने।
जंतु विज्ञान की खोज किसने की?
Ans: अरस्तु ने।
जीव विज्ञान शब्द सबसे पहले किसने दिया?
Ans: लैमार्क एवं ट्रैविरेनस (1801) ने।
जीव जगत के अंदर किसका अध्ययन करते हैं?
Ans: जीवित जीवों का।
सजीव का सबसे महत्वपूर्ण लक्षण क्या है?
Ans: उपापचय का पाया जाना।
द्विपद नामकरण पद्धति के जनक किसे कहते हैं?
Ans: कैरोलस लीनियस
द्विपद नामकरण पद्धति में जंतु के नाम का प्रथम एवं द्वितीय पद किसे प्रदर्शित करता है?
Ans: क्रमशः उसके वंश एवं जाति को।
वर्गिकी के जनक किसे कहते हैं?
Ans: कैरोलस लिनियस को।
वर्गिकी के कुल कितने पदानुक्रम है?
Ans: 7
वर्गिकी की सबसे छोटी इकाई क्या है?
Ans: जाति (species)।
वर्गिकी की सबसे बड़ी इकाई क्या है?
Ans: जगत (kingdom)।
जाति से जगत की ओर जाने पर जीवों के मध्य समानताओं में क्या परिवर्तन आता है?
Ans: घटती है।