कणों के निकाय से तात्पर्य उन कणों के समूह से है, जो एक साथ मिलकर किसी वस्तु या प्रणाली का निर्माण करते हैं। इन कणों का प्रत्येक का अपना द्रव्यमान, स्थिति और गति होती है। उदाहरण के लिए, एक ठोस छड़, जिसमें अनगिनत कण होते हैं, एक कणों का निकाय है। निकाय की गति का अध्ययन करने के लिए, हम द्रव्यमान केन्द्र (Centre of Mass) की अवधारणा का उपयोग करते हैं, जो निकाय के सभी कणों के द्रव्यमानों और उनकी स्थितियों का औसत होता है।
द्रव्यमान केन्द्र (Centre of Mass)
द्रव्यमान केन्द्र वह काल्पनिक बिन्दु है, जहाँ पर निकाय का सम्पूर्ण द्रव्यमान संकेंद्रित माना जाता है। यदि निकाय पर कोई बाह्य बल कार्य करता है, तो यह बल द्रव्यमान केन्द्र पर कार्य करता है, जिससे निकाय की गति निर्धारित होती है। द्रव्यमान केन्द्र की स्थिति ज्ञात करने के लिए, प्रत्येक कण के द्रव्यमान और उसकी स्थिति का ध्यान में रखते हुए गणना की जाती है।
रेखीय गति के समीकरण
निकाय की रेखीय गति का अध्ययन करते समय, हम निम्नलिखित समीकरणों का उपयोग करते हैं:
न्यूटन का द्वितीय नियम
F = ma
जहाँ F बाह्य बल है, m निकाय का कुल द्रव्यमान है, और a द्रव्यमान केन्द्र का त्वरण है।
रेखीय संवेग का संरक्षण:
यदि निकाय पर कोई बाह्य बल कार्य नहीं करता है, तो उसका कुल रेखीय संवेग स्थिर रहता है।
घूर्णी गति
जब कोई पिण्ड अपनी धुरी के चारों ओर घूमता है, तो उसे घूर्णी गति कहते हैं। इसमें पिण्ड के प्रत्येक कण की गति वृत्तीय होती है। घूर्णी गति का अध्ययन करने के लिए, हम निम्नलिखित अवधारणाओं का उपयोग करते हैं:
कोणीय विस्थापन (θ): घूर्णन के दौरान पिण्ड के किसी बिन्दु की स्थिति में परिवर्तन।
कोणीय वेग (ω): कोणीय विस्थापन का समय के साथ परिवर्तन।
कोणीय त्वरण (α): कोणीय वेग का समय के साथ परिवर्तन।
घूर्णी गति के समीकरण
घूर्णी गति के समीकरण स्थिर कोणीय त्वरण के तहत घूर्णी गति का वर्णन करते हैं। ये समीकरण हैं:
पहला समीकरण: ω = ω₀ + αt (अंतिम कोणीय वेग),
दूसरा समीकरण: θ = ω₀t + ½αt² (कोणीय विस्थापन), और
तीसरा समीकरण: ω² = ω₀² + 2αθ (कोणीय वेग और विस्थापन के बीच संबंध)
जहाँ :
ω (ओमेगा): वस्तु का अंतिम कोणीय वेग (रेडियन प्रति सेकंड)
ω₀ (ओमेगा-ज़ीरो): वस्तु का प्रारंभिक कोणीय वेग (रेडियन प्रति सेकंड)
α (अल्फा): कोणीय त्वरण (रेडियन प्रति सेकंड स्क्वायर)
t: समय (सेकंड)
θ (थीटा): कोणीय विस्थापन (रेडियन)
जड़त्व-आघूर्ण (Moment of Inertia)
जड़त्व-आघूर्ण वह माप है, जो किसी पिण्ड की घूर्णी गति के प्रति प्रतिरोध को दर्शाता है। यह पिण्ड के द्रव्यमान और उसके आकार पर निर्भर करता है। जड़त्व-आघूर्ण की गणना के लिए, निम्नलिखित सूत्र का उपयोग किया जाता है:
I = Σmiri^2
जहाँ ( mi ) प्रत्येक कण का द्रव्यमान है, और ( ri ) कण की धुरी से दूरी है।
घूर्णी गति के कार्य और ऊर्जा
घूर्णी गति में भी कार्य और ऊर्जा की अवधारणाएँ लागू होती हैं:
घूर्णी कार्य: जब कोई बल किसी पिण्ड पर कार्य करता है और वह पिण्ड घूर्णी गति करता है, तो कार्य किया जाता है।
घूर्णी ऊर्जा: पिण्ड की घूर्णी गति में उसकी गतिज ऊर्जा होती है, जिसे (1/2 Iω²) से व्यक्त किया जाता है।
घूर्णी गति में ऊर्जा का संरक्षण
यदि किसी पिण्ड पर कोई बाह्य बल कार्य नहीं करता है, तो उसकी कुल यांत्रिक ऊर्जा (रेखीय और घूर्णी) स्थिर रहती है। यह ऊर्जा का संरक्षण सिद्धांत घूर्णी गति में भी लागू होता है।
दैनिक जीवन में कणों के निकाय और घूर्णी गति के उदाहरण
घूर्णी गति: लट्टू, पंखा, घड़ी की सुई, पृथ्वी का घूर्णन।
कणों के निकाय: पानी की बाल्टी, बर्फ का गोला, क्रिकेट बॉल।
1. कणों के निकाय का द्रव्यमान केन्द्र क्या होता है?
A) वह बिंदु जहाँ सभी कणों का द्रव्यमान स्थित होता है ✅
B) वह बिंदु जहाँ कोई बल नहीं लगता
C) धुरी का मध्य
D) कोई विशेष कण
2. यदि किसी बंद प्रणाली पर कोई बाहरी बल कार्य नहीं करता है, तो क्या स्थिर रहता है?
A) कोणीय वेग
B) कुल रेखीय संवेग ✅
C) घूर्णी बल
D) Moment of Inertia
3. जड़त्व-आघूर्ण किसे दर्शाता है?
A) किसी पिण्ड की स्थिरता
B) किसी पिण्ड की घूर्णन के प्रति प्रतिरोध ✅
C) कोणीय त्वरण
D) द्रव्यमान केन्द्र
4. घूर्णी ऊर्जा का सूत्र क्या है?
A) ( \frac{1}{2} m v^2 )
B) ( m g h )
C) (1/2 Iω²) ✅
D) ( I \alpha )
5. कोणीय त्वरण और Torque के बीच सम्बन्ध क्या है?
A) (τ = I \α ) ✅
B) ( \tau = m a )
C) ( \tau = F d )
D) ( \tau = m g h )
6. रेखीय गति और घूर्णी गति का समानता सूत्र क्या है?
A) ( v = r \ω ) ✅
B) ( F = m a )
C) ( W = F \cdot d )
D) ( K.E. = \frac{1}{2} m v^2 )
7. कणों के निकाय में कुल बल का प्रभाव कहाँ पर देखा जाता है?
A) किसी भी कण पर
B) द्रव्यमान केन्द्र पर ✅
C) धुरी पर
D) घूर्णी धुरी पर
8. यदि कोई पिण्ड स्थिर अक्ष पर घूम रहा है, तो उसकी कोणीय गति क्या होगी?
A) 0
B) अपरिवर्तनीय
C) स्थिर या परिवर्तित हो सकती है ✅
D) हमेशा बढ़ती है
9. घूर्णी गति में कार्य का सूत्र क्या है?
A) ( W = F \cdot d )
B) ( W = τ.θ ) ✅
C) ( W = m g h )
D) ( W = \frac{1}{2} I \omega^2 )
10. यदि कोई पिंड जड़त्व-आघूर्ण ( I ) और कोणीय वेग (ω) से घूम रहा है, तो घूर्णी गतिज ऊर्जा कितनी होगी?
A) ( \frac{1}{2} m v^2 )
B) ( I \alpha )
C) (1/2 Iω²) ✅
D) ( m g h )
1. कणों के निकाय क्या होते हैं?
Ans: कणों के निकाय से तात्पर्य उन कणों के समूह से है, जो एक साथ मिलकर किसी वस्तु या प्रणाली का निर्माण करते हैं। प्रत्येक कण का अपना द्रव्यमान, स्थिति और गति होती है। ठोस छड़, पानी का टैंक या बर्फ का गोला कणों के निकाय के उदाहरण हैं। कणों के निकाय की गति का अध्ययन करने के लिए हम द्रव्यमान केन्द्र की अवधारणा का उपयोग करते हैं। यह अध्ययन यांत्रिकी और गति के नियमों को समझने में मदद करता है।
2. द्रव्यमान केन्द्र क्या है?
Ans: द्रव्यमान केन्द्र वह काल्पनिक बिंदु है, जहाँ निकाय का कुल द्रव्यमान संकेंद्रित माना जाता है। किसी निकाय पर यदि कोई बाह्य बल कार्य करता है, तो यह बल द्रव्यमान केन्द्र पर कार्य करता है, जिससे निकाय की गति निर्धारित होती है। द्रव्यमान केन्द्र की स्थिति ज्ञात करने के लिए प्रत्येक कण के द्रव्यमान और उसकी स्थिति का औसत लिया जाता है। यह सिद्धांत रेखीय गति और संवेग के विश्लेषण में महत्वपूर्ण है।
3. जड़त्व-आघूर्ण क्या है?
Ans: जड़त्व-आघूर्ण वह माप है, जो किसी पिण्ड की घूर्णी गति के प्रति प्रतिरोध को दर्शाता है। यह पिण्ड के द्रव्यमान और उसके आकार पर निर्भर करता है। गणना के लिए सूत्र ( I = Σmiri^2 ) उपयोग किया जाता है, जहाँ ( mi ) प्रत्येक कण का द्रव्यमान और ( ri ) धुरी से दूरी है। जड़त्व-आघूर्ण पिण्ड की गति को नियंत्रित करने में, घूर्णी गति के विश्लेषण में और मशीनों के डिजाइन में महत्वपूर्ण है।
4. कोणीय वेग और कोणीय त्वरण क्या हैं?
Ans: कोणीय वेग (ω): किसी पिण्ड के कोणीय विस्थापन का समय के प्रति परिवर्तन है।
कोणीय त्वरण (α): कोणीय वेग का समय के साथ परिवर्तन है।
यदि पिण्ड तेजी से घूम रहा है, तो उसका कोणीय वेग अधिक होगा। घूर्णी गति का अध्ययन करते समय ये दोनों अवधारणाएँ आवश्यक हैं। उदाहरण: झूला, पंखा या घड़ी की सुई की गति में कोणीय वेग और त्वरण का उपयोग गति का विश्लेषण करने के लिए किया जाता है।
5. घूर्णी ऊर्जा क्या है?
Ans: घूर्णी ऊर्जा किसी पिण्ड की घूर्णी गति के कारण होती है। इसका सूत्र है ( K.E. = 1/2 Iω²), जहाँ ( I ) जड़त्व-आघूर्ण और ( ω ) कोणीय वेग है। उदाहरण: घूमती हुई चाकू की ब्लेड, पंखा, या लट्टू में घूर्णी ऊर्जा होती है। यह ऊर्जा कार्य करने की क्षमता प्रदान करती है और यांत्रिकी में पिण्ड की गति, बल और ऊर्जा परिवर्तन के अध्ययन में उपयोगी है।
6. Torque और घूर्णी त्वरण का सम्बन्ध क्या है?
Ans: Torque (घूर्णी बलाघूर्ण) किसी पिण्ड की घूर्णी गति को बदलने की क्षमता है। इसका सम्बन्ध सूत्र (τ = I \α) से दर्शाया जाता है, जहाँ ( τ ) Torque, ( I ) जड़त्व-आघूर्ण, और ( α ) कोणीय त्वरण है। उदाहरण: रॉकेट का उड़ना या दरवाजे का खुलना। Torque बढ़ाने से पिण्ड का कोणीय त्वरण बढ़ता है। यह सिद्धांत यांत्रिकी में मशीनों और घूर्णन गति के विश्लेषण में महत्वपूर्ण है।
7. रेखीय संवेग का संरक्षण क्या है?
Ans: यदि किसी बंद प्रणाली पर कोई बाह्य बल कार्य नहीं करता है, तो उसका कुल रेखीय संवेग स्थिर रहता है। इसका मतलब है कि प्रणाली के कणों के संवेग का योग हमेशा समान रहता है। उदाहरण: किसी बर्फ की सतह पर आपस में टकराती दो गोलियां। यह सिद्धांत यांत्रिकी और ठोस वस्तुओं की गति के अध्ययन में महत्वपूर्ण है।
8. रेखीय गति और घूर्णी गति में संबंध क्या है?
Ans: किसी पिण्ड की घूर्णी गति और रेखीय गति का संबंध ( v = rω ) से व्यक्त किया जाता है। जहाँ ( v ) पिंड के किसी बिंदु की रेखीय गति, ( r ) धुरी से दूरी और (ω) कोणीय वेग है। उदाहरण: घूमती चक्की में किनारे की रेखीय गति। यह संबंध रेखीय और घूर्णी गति के अध्ययन में महत्वपूर्ण है।
9. ऊर्जा का संरक्षण घूर्णी गति में कैसे लागू होता है?
Ans: यदि पिण्ड पर कोई बाह्य बल कार्य नहीं करता है, तो उसकी कुल यांत्रिक ऊर्जा स्थिर रहती है। घूर्णी गति में स्थितिज ऊर्जा और घूर्णी गतिज ऊर्जा का योग स्थिर रहता है। उदाहरण: झूले में सबसे ऊँचाई पर स्थितिज ऊर्जा अधिक, गति बढ़ने पर घूर्णी और गतिज ऊर्जा अधिक। यह सिद्धांत मशीनों और इंजीनियरिंग में ऊर्जा का विवेकपूर्ण उपयोग समझने में मदद करता है।
10. दैनिक जीवन में घूर्णी गति और कणों के निकाय के उदाहरण दीजिए।
Ans: घूर्णी गति: लट्टू, पंखा, घड़ी की सुई, पृथ्वी का घूर्णन।
कणों के निकाय: पानी की बाल्टी, बर्फ का गोला, क्रिकेट बॉल।
1. कणों के निकाय का परिचय और द्रव्यमान केन्द्र समझाइए।
Ans: कणों के निकाय से तात्पर्य उन कणों के समूह से है जो मिलकर किसी वस्तु या प्रणाली का निर्माण करते हैं। प्रत्येक कण का द्रव्यमान, स्थिति और गति होती है। ठोस छड़, पानी की बाल्टी और बर्फ का गोला कणों के निकाय के उदाहरण हैं। किसी निकाय की गति का अध्ययन करने के लिए द्रव्यमान केन्द्र (Centre of Mass) की अवधारणा का प्रयोग किया जाता है। द्रव्यमान केन्द्र वह काल्पनिक बिंदु है, जहाँ पर पूरे निकाय का द्रव्यमान संकेंद्रित माना जाता है। यदि किसी बाह्य बल द्वारा कार्य किया जाता है, तो वह द्रव्यमान केन्द्र पर लागू होता है और निकाय की गति का निर्धारण करता है। द्रव्यमान केन्द्र का स्थान ज्ञात करने के लिए प्रत्येक कण के द्रव्यमान और उसकी स्थिति का औसत लिया जाता है। यह अवधारणा रेखीय गति, संवेग और यांत्रिकी के अन्य सिद्धांतों के अध्ययन में उपयोगी है।
2. रेखीय संवेग और उसके संरक्षण का सिद्धांत समझाइए।
Ans: रेखीय संवेग किसी कण की गति और द्रव्यमान का गुणनफल होता है। इसे (p = mv) से व्यक्त किया जाता है। यदि किसी बंद प्रणाली पर कोई बाह्य बल कार्य नहीं करता है, तो उसका कुल रेखीय संवेग स्थिर रहता है। इसे रेखीय संवेग का संरक्षण कहते हैं। उदाहरण: बर्फ की सतह पर आपस में टकराती दो गोलियां, जहाँ टक्कर के बाद कुल संवेग पूर्ववत रहता है। यह सिद्धांत यांत्रिकी में ठोस वस्तुओं के गति विश्लेषण, टकराव, और मशीनों के डिज़ाइन में महत्वपूर्ण है। संवेग का संरक्षण बलों के प्रभाव को कम समझने और प्रणालियों का अनुमान लगाने में मदद करता है।
3. घूर्णी गति और इसके प्रकार समझाइए।
Ans: घूर्णी गति तब होती है जब कोई पिण्ड अपनी धुरी के चारों ओर घूमता है। इसमें पिण्ड के प्रत्येक कण की गति वृत्तीय होती है। घूर्णी गति के लिए महत्वपूर्ण परिमाण हैं:
1. कोणीय विस्थापन (θ) – कोणीय स्थिति का परिवर्तन।
2. कोणीय वेग (ω) – कोणीय विस्थापन का समय के प्रति परिवर्तन।
3. कोणीय त्वरण (α) – कोणीय वेग का समय के प्रति परिवर्तन।
घूर्णी गति के उदाहरण: झूला, लट्टू, पंखा, पृथ्वी का घूर्णन। यह अवधारणा मशीनों और प्राकृतिक घटनाओं के विश्लेषण में अत्यंत उपयोगी है।
4. जड़त्व-आघूर्ण (Moment of Inertia) और इसका महत्व समझाइए।
Ans: जड़त्व-आघूर्ण किसी पिण्ड की घूर्णन गति के प्रति प्रतिरोध का माप है। यह पिण्ड के द्रव्यमान और आकार पर निर्भर करता है। गणना का सूत्र है: ( I = Σmiri^2 ), जहाँ ( mi ) प्रत्येक कण का द्रव्यमान और ( ri ) धुरी से दूरी है। उदाहरण: घूमती हुई चक्की या दरवाजा खोलना। जड़त्व-आघूर्ण अधिक होने पर पिण्ड की घूर्णी गति बदलना कठिन होता है। यह मशीनों, इंजीनियरिंग उपकरणों और घूर्णी गति के विश्लेषण में अत्यंत महत्वपूर्ण है।
5. Torque और कोणीय त्वरण का संबंध समझाइए।
Ans: Torque या घूर्णी बलाघूर्ण किसी पिण्ड की घूर्णी गति को बदलने की क्षमता है। इसका संबंध सूत्र (τ = I \α ) से व्यक्त होता है। यहाँ ( I ) जड़त्व-आघूर्ण और ( α ) कोणीय त्वरण है। उदाहरण: दरवाजे को खोलते समय लगाई गई शक्ति Torque उत्पन्न करती है, जिससे दरवाजा घूमता है। Torque बढ़ाने से कोणीय त्वरण अधिक होता है। यह सिद्धांत रॉकेट, पंखे और मशीनों की डिजाइन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।