आत्म परिचय, एक गीत
पतंग
कविता के बहाने,बात सीधी थी पर
कैमरे में बंद अपाहिज
सहर्ष स्वीकारा है
उषा
बादल राग
कवितावली (उत्तर कांड से),लक्ष्मण मूर्च्छा और राम का विलाप
रुबाइयाॅं
छोटा मेरा खेत, बगुलों के पंख
भक्तिन
बाजार दर्शन
काले मेघा पानी दे
पहलवान की ढोलक
चार्ली चैपलिन यानी हम सब
नमक
शिरीष के फूल
श्रम विभाजन और जाति प्रथा, मेरी कल्पना का आदर्श समाज
क्या लिखूं
सिल्वर वैडिंग
जूझ
अतीत में दबे पांव
डायरी के पन्ने