Q.1 वायरस की खोज किसने की?
Ans: इवानोवस्की ने।
Q.2 सर्वप्रथम किस विषाणु (वायरस) की खोज हुई?
Ans: टोबैको मोजेक वायरस।
Q.3 टोबैको मोजेक वायरस किस आकार का होता है?
Ans: छड़ाकार।
Q.4 जीवाणुओं को संक्रमित करने वाला वायरस क्या कहलाता है?
Ans: जीवाणुभोजी (bacteriophage)।
Q.5 वायरस में कौन सा अनुवांशिक पदार्थ पाया जाता है?
Ans: DNA या RNA
Q.6 वायरस में प्रोटीन का बाह्य आवरण पाया जाता है उसे क्या कहते हैं?
Ans: कैप्सिड।
Q.7 कैप्सिड की इकाई क्या है?
Ans: कैप्सोमियर।
Q.8 लैम्डा जीवाणुभोजी में कैसा DNA पाया जाता है?
Ans: डबल स्टैंडर्ड DNA।
Q.9 Φ×174 जीवाणुभोजी में कैसा DNA पाया जाता है?
Ans: सिंगल स्टैंडर्ड DNA।
Q.10 वायरस को क्या कहते हैं?
Ans: संजीव एवं निर्जीव के बीच की संयोजक कड़ी।
Q.11 वायराॅइड की खोज सर्वप्रथम किसने की?
Ans: थियोडोर ओट्टो डीनर ने।
Q.12 सर्वप्रथम किस वायराॅइड की खोज हुई?
Ans: पोटैटो स्पिंडल ट्यूबर वायराॅइड।
Q.13 वायराॅइड में कौन सा अनुवांशिक पदार्थ पाया जाता है?
Ans: RNA
Q.14 वायराॅइड किस जीव को संक्रमित करता है?
Ans: पादप।
Q.15 क्या वायराॅइड में कैप्सिड उपस्थित होता है?
Ans: नहीं।
Q.16 जीवाणु भोजी की खोज किसने की?
Ans: F. W. ट्वर्ट ने।
Q.17 जीवाणुभोजी के किस भाग में संक्रामक कण उपस्थित होते हैं?
Ans: सिर वाले भाग में।
Q.18 पांच जगत वर्गीकरण में आर.एच व्हिटेकर ने किसे स्थान नहीं दिया?
Ans: वायरस।
Q.19 वायरस के सजीव एवं निर्जीव लक्षण लिखिए।
Ans:
A) वायरस के सजीव लक्षण
वायरस न्यूक्लियोप्रोटीन के बने होते हैं।
वायरस जीवित कोशिका के अंदर वृद्धि करते हैं।
जीवित कोशिकाओं के अंदर वृद्धि एवं प्रजनन का गुण पाया जाता है।
इनमें अनुवांशिक पदार्थ DNA या RNA होता है।
इनमें संवेदनशीलता पाई जाती है।
इनमें उत्परिवर्तन पाया जाता है।
B) वायरस के निर्जीव लक्षण
जीवित कोशिकाओं के बाहर निर्जीव होते हैं।
इनमें श्वसन एवं श्वसनांग नहीं पाए जाते हैं।
इनमें कोशिका द्रव्य, कोशिकांग नहीं पाए जाते हैं।
इनमें उपापचयी क्रियाएं नहीं पाई जाती है।
रवीकरण (क्रिस्टल फॉम) में पाए जाते हैं।
Q.20 जीवाणु भोजी का सचित्र वर्णन कीजिए।
Ans: जीवाणु भोजी के विभिन्न भाग एवं उनके कार्य निम्नलिखित है-
1) सिर (Head) : इस भाग में अनुवांशिक पदार्थ पाया जाता है। सिर के चारों ओर प्रोटीन का आवरण पाया जाता है।
2) ग्रीवा (Neck) : यह सिर और पूंछ को जोड़ने का कार्य करता है। यह प्रोटीन आवरण से घिरा होता है।
3) पूंछ (Tail) : ग्रीवा के नीचे का भाग पूंछ कहलाता है। इसमें निम्नलिखित भाग शामिल है -
प्रोटीन शीथ (Protein sheath) : यह प्रोटीन का बना होता है, जो सुरक्षा प्रदान करता है।
पूंछ प्लेट (Tail plate) : इसमें षट्कोणीय प्लेट होता है, जो आधारीय भाग का कार्य करता है। इससे स्पाइक एवं पूंछ तंतु निकलते हैं।
स्पाइक (Spike) : ये छोटे-छोटे खूंटी नुमा संरचनाएं होती है, जो पूंछ प्लेट से जुड़ा होता है। यह पोषक कोशिका से जुड़ने का कार्य करता है।
पूंछ तंतु (Tail filament) : पूंछ प्लेट के ऊपरी कोनों से 6 पतले-पतले तंतु पाए जाते हैं, जो पोषक कोशिका से जुड़ने में मदद करता है।
जब पूछ तंतु एवं स्पाइक पोषक कोशिका से जुड़ जाते हैं, तब जीवाणु भोजी एक एंजाइम स्रावित करता है, जो जीवाणु के (पोषक) कोशिका भित्ति में चला जाता है जिससे जीवाणु भोजी का डीएनए पोषक कोशिका में प्रवेश करता है।