Q.1 अनुवांशिकी अभियांत्रिकी के पिता कौन है?
Ans: पालबर्ग।
Q.2 प्लाज्मिड की खोज किसने की?
Ans: कुहन ने।
Q.3 रिस्ट्रिक्शन एंडोन्यूक्लिएज एंजाइम (अनुवांशिक कैंची) की खोज किसने की?
Ans: बोयर ने।
Q.4 सर्वप्रथम रिस्ट्रिक्शन एंडोन्यूक्लिएज एंजाइम कब हुई?
Ans: 1963
Q.5 सर्वप्रथम रिकंबाइनेंट डीएनए कब और किसने बनाया ?
Ans: बोयर एवं कुहन ने सन् 1972 में।
Q.6 सर्वप्रथम रिकंबाइनेंट डीएनए बनाने के लिए किससे एंटीबायोटिक रेसिस्टेंस जीन प्राप्त किया गया?
Ans: स्ट्रैप्टोकोक्कस से।
Q.7 सर्वप्रथम रिकंबाइनेंट डीएनए बनाने के लिए प्लाज्मिड किससे प्राप्त किया गया?
Ans: साल्मोनेला टायफिमुरियम से।
Q.8 सर्वप्रथम किस रिस्ट्रिक्शन एंडोन्यूक्लीज एंजाइम की खोज हुई?
Ans: Hind II
Q.9 सर्वप्रथम किस रिस्ट्रिक्शन एंडोन्यूक्लीज एंजाइम को जीव से प्राप्त (isolate) किया गया?
Ans: EcoRI
Q.10 रिस्ट्रिक्शन एंडोन्यूक्लीज एंजाइम डीएनए को कहा पर कांटता है?
Ans: पैलिंड्रोमिक सीक्वेंस पर।
Q.11 अब तक कितने रिस्ट्रिक्शन एंजाइम की खोज हो चुकी है?
Ans: 900 रिस्ट्रिक्शन एंजाइम (230 स्ट्रेन से)।
Q.12 PCR पूरा नाम लिखिए।
Ans: Polymerase Chain Reaction
Q.13 PBR322 पूरा नाम लिखिए।
Ans: Plasmid Bolivar Rodriguez 322
Q.14 EFB पूरा नाम लिखिए।
Ans: European Federation of Biotechnology
Q.15 DNA को chilled ethanol में डालना क्या कहलाता है?
Ans: स्पूलिंग (Spooling)
Q.16 ई कोली में उपस्थित डीएनए को रिस्ट्रिक्शन एंडोन्यूक्लीज एंजाइम कांट नहीं पाता क्यों?
Ans: उसके डीएनए के चारों डीएनए मिथाइलेस पाया जाता है।
Q.17 PCR में कौन से एंजाइम का उपयोग किया जाता है?
Ans: टैक पाॅलीमरेस (Taq polymerase)
Q.18 टैक पाॅलीमरेस (Taq polymerase) किससे प्राप्त होता है?
Ans: थर्मस एक्विटिकस बैक्टीरिया से।
Q.19 बाहरी जीव से प्राप्त डीएनए को क्या कहते हैं?
Ans: फॉरेन डीएनए।
Q.20 डाउन स्ट्रीम प्रोसेस क्या है?
Ans: डाउन स्ट्रीम प्रोसेस : वह प्रक्रिया जिसमें उत्पाद को अलग तथा इसका शुद्धिकरण करके, उसमें प्रिजर्वेटिव मिलकर उसे मार्केटिंग के लिए भेजा जाता है, डाउन स्ट्रीम प्रोसेस कहलाता है।
Q.21 रिकंबाइनेंट डीएनए टेक्नोलॉजी के विभिन्न चरणों को समझाइए।
Ans: रिकंबाइनेंट डीएनए टेक्नोलॉजी के विभिन्न चरण निम्नलिखित है -
वांछित जीन प्राप्त करना : किसी बाहरी जीव से वांछित जीन को रिस्ट्रिक्शन एंडोन्यूक्लीज एंजाइम की सहायता से काटकर प्राप्त किया जाता है।
उपयोगी वेक्टर का चुनाव : वांछित जीन को पोषक कोशिका में प्रवेश कराने के लिए उपयुक्त वेक्टर का चुनाव किया जाता है। जैसे प्लाज्मिड, बैक्टीरियोफेज, रेट्रोवायरस आदि।
रिकंबाइनेंट डीएनए बनाना : वेक्टर के डीएनए को उसी रिस्ट्रिक्शन एंडोन्यूक्लीज एंजाइम की सहायता से काटा जाता है जिससे वांछित जीन प्राप्त किया गया। वांछित जीन एवं वेक्टर का डीएनए, डीएनए लाइगेस एंजाइम की उपस्थिति में आपस में जुड़ जाते हैं।
रिकाॅम्बिनेंट डीएनए का पोषक कोशिका में स्थानांतरण : इसके लिए निम्नलिखित विधि अपनाते हैं-
ट्रांसफार्मेशन इसमें बैक्टीरिया का उपयोग किया जाता है।
ट्रांसडक्शन इसमें जीवाणुभोजी का उपयोग किया जाता है।
रूपांतरित पोषक कोशिका की पहचान करना: इसकी पहचान वांछित जीन द्वारा बनाए जाने वाले पदार्थ की उपस्थिति या अनुपस्थिति के आधार पर किया जाता है।
Q.22 रिकंबाइनेंट डीएनए तकनीक के साधन कौन-कौन से हैं? लिखिए।
Ans: रिकंबाइनेंट डीएनए तकनीक के साधन निम्नलिखित है -
1 फॉरेन डीएनए : वह डीएनए जो बाहरी जीव से प्राप्त किया जाता है, फॉरेन डीएनए कहलाता है।
2 रिस्ट्रिक्शन एंजाइम : यह पैलिंड्रोमिक सीक्वेंस को काटता है। सर्वप्रथम हिमोफिलस इनफ्लुएंजा में Hind II रिस्ट्रिक्शन एंडोन्यूक्लीज एंजाइम की खोज हुई। किंतु सर्वप्रथम इस कोली से EcoRI रिस्ट्रिक्शन एंडोन्यूक्लीज एंजाइम को isolate किया गया। अब तक 230 स्ट्रेन से 900 रिस्ट्रिक्शन एंजाइम की खोज हो चुकी है।
3 वेक्टर
वेक्टर के गुण
Ori-C (Origin of replication) पाया जाना चाहिए। यहीं से रिप्लिकेशन की शुरुआत होती है। जब बाहरी डीएनए अथवा जीन इस Ori-C से जुड़ता है, तो वह भी प्रतिकृति (replication) करता है।
वरणयोग्य चिन्ह पाए जाने चाहिए। ई कोली मैं एम्पिसिलिन एवं टेट्रासाइक्लिन रेसिस्टेंस वरणयोग्य चिन्ह होता है।
क्लोनिंग साइट पाया जाना चाहिए। डीएनए काटने हेतु विपरीत अनुक्रम की पहचान करता है।
बैक्टीरिया के लिए वेक्टर - बैक्टीरियोफेज (bacteriophage)
मनुष्य के लिए वेक्टर - रेट्रोवायरस (retrovirus)
पौधे या पादप के लिए वेक्टर - Ti plasmid
4 डीएनए लाइगेस : यह दो डीएनए को आपस में जोड़ने में मदद करता है।
5 पोषक कोशिका : जिस कोशिका में रिकंबाइनेंट डीएनए को प्रवेश कराया जाता है, उसे पोषक कोशिका कहते हैं। इससे पोषक कोशिका के गुणों में परिवर्तन हो जाता है।
Methods
बैक्टीरिया के लिए - Ice-Heat-Ice method
जंतु के लिए - Microinjection technique
पादप के लिए - Gene gun (gold/tungsten)
Q.23 PCR क्या है? सचित्र वर्णन कीजिए।
Ans: PCR इसका पूरा नाम Polymerase Chain Reaction है। इसका उपयोग डीएनए अथवा जीन की अनेक कॉपियां तैयार करने के लिए किया जाता है।
PCR के निम्नलिखित चरण होते हैं -
डिनेचुरेशन (Denaturation) : उच्च ताप पर डीएनए के दोनों स्ट्रैंड्स का अलग होना, डिनेचुरेशन कहलाता है। इस प्रक्रिया में तापमान लगभग 90 से 94 डिग्री सेल्सियस होता है। इस ताप पर डीएनए के दोनों स्ट्रैंड्स के मध्य उपस्थित हाइड्रोजन बॉन्ड टूट जाता है, जिसके कारण डीएनए स्ट्रैंड्स अलग हो जाते हैं।
एनेलिंग (Annealing) : इस चरण में तापमान लगभग 50 से 60 डिग्री सेल्सियस होता है। पॉलीमरेस के लिए free 3'OH end पाया जाता है। इस प्रक्रिया में ओलिगोसैकेराइड प्राइमर जुड़ता है।
एक्सटेंशन (Extension) : इस शरण में तापमान लगभग 72 डिग्री सेल्सियस होता है। इसमें टेक पॉलीमरेस एंजाइम की उपस्थिति में डीएनए अथवा जीन का एप्लीकेशन होता है। टेक पॉलीमरेस एंजाइम थर्मस एक्विटिकस से प्राप्त होता है। परिणामस्वरूप एक डीएनए अथवा जीन से दो डीएनए अथवा जीन प्राप्त होते है।
Note : PCR के 30 चक्र से डीएनए की 1 बिलियन कॉपियां बनते हैं।
Q.24 बायोरिएक्टर क्या है? यह कितने प्रकार के होते हैं?
Ans: बायोरिएक्टर बायोरिएक्टर एक पात्र होता है, जिसमें अत्यधिक मात्रा में किसी पदार्थ को कल्चर करने के लिए प्रयुक्त किया जाता है। इसमें फर्मेंटेशन की प्रक्रिया होती है।
बायोरिएक्टर की विशेषताएं निम्नलिखित है
इसमें फर्मेंटेशन की क्रिया होती है।
इसमें पदार्थ अच्छी तरह से मिक्स हो जाते हैं।
pH को नियंत्रित किया जा सकता है।
तापमान (Temperature) को नियंत्रित किया जा सकता है।
झाग उत्पन्न नहीं होता।
बायोरिएक्टर के प्रकार बायोरिएक्टर दो प्रकार के होते हैं जो निम्नलिखित है -
A) Simple stirred-tank bioreactor
यह वक्रीय (curved) होता है।
इसमें बबल (bubble) नहीं बनता।
B) Sparged stirred-tank bioreactor
यह समतल (flat) होता है।
इसमें ऑक्सीजन के लिए Sparged tube होता है।
इसमें बबल (bubble) बनता है।
Q.25 PBR322 का चित्र बनाइए।