पतंग
आलोक धन्वा
आलोक धन्वा
प्रश्न 1: 'सबसे तेज बौछारें गयी, भादो गया 'के बाद प्रकृति में जो परिवर्तन कवि ने दिखाया है उसका वर्णन अपने शब्दों में करें।
उत्तर: पतंग कविता में कवि आलोक धन्वा जी ने बच्चों के बालपन की सुलभ (सुंदर) इच्छाओं व उमंगों का प्रकृति के साथ उनके संबंधो के साथ अत्यन्त सुंदर चित्रण करते हुए यह अभिव्यक्त किया है कि भादों महीना के गुजर जाने के बाद बारिश समाप्त हो जाता है तथा शरद ऋतु का आगमन होता है। शरद ऋतु में उगते हुए सूर्य की लालिमा खरगोश के आँखों के समान दिखाई देती हैं अर्थात् चमकीली धूप निकलती है। आकाश बिल्कुल साफ व मुलायम हो जाता है, हवा मंद गति से बहती है। शरद ऋतु के आगमन से चारों ओर नई उमंग व उत्साह का वातावरण होता है, पतंगबाजी का माहौल बन जाता है।
प्रश्न 2: सोचकर बताइएं कि पतंग के लिए सबसे हल्की और रंगीन चीज, सबले पतला कागज सबसे, पतली कमानी जैसे विशेषणों का प्रयोग क्यों किया है?
उत्तर: पतंग के लिए सबसे हल्की और रंगीन चीज, सबसे पतला कागज, सबसे पतली कमानी जैसे विशेषणों का प्रयोग कवि ने इसलिए किया है क्योंकि वह पाठकों के सामने पतंग का साकार रूप रखना चाहते हैं, उनके मन में जिज्ञासा उत्पन्न करना चाहते है। इस प्रकार पतंग को विशिष्ट बनाकर पाठकों का ध्यान आकर्षित करना चाहते है, क्योंकि विशेष वस्तु को प्राप्त करने की चाह सबके भीतर होती है।
प्रश्न 3: बिंब स्पष्ट करें
सबसे तेज बौछारें गयी भादो गया - दृश्य (गतिशील) बिंब
सवेरा हुआ - दृश्य (स्थिर) बिंब
खरगोश की आंखों जैसा लाल सवेरा - दृश्य (स्थिर) बिंब
शरद आया पुलों की पार करते हुए - दृश्य (गतिशील) बिंब
अपनी नयी चमकीली साइकिल तेज चलाते हुए - दृश्य (गतिशील) बिंब
घंटी बजाते हुए जोर-जोर से - श्रव्य बिंब
चमकीले इशारों से बुलाते हुए और - दृश्य (गतिशील) बिंब
आकाश को इतना मुलायम बनाते हुए - स्पर्श बिंब
कि पतंग ऊपर उठ सके - दृश्य (स्थिर) बिंब
प्रश्न 4: जन्म से ही वे अपने साथ लाते है कपास, कपास के बारे में सोचे कि कपास से बच्चों का संबंध क्या बन सकता है?
उत्तर: जन्म से ही वे अपने साथ लाते है कपास पंक्ति के माध्यम से कवि यह बताना चाहते है कि बच्चों के पैर कपास के समान नरम, मुलायम होते हैं, इसलिए वे दिनभर नाच - कूद करते रहते हैं। वे पतंगों को ऊंचाईयों तक पहुंचाने के धुन में इतने मग्न होते हैं कि उन्हें जमीन की कठोरता का अनुभव ही नहीं होता है।
प्रश्न 5: पतंगों के साथ-साथ वे भी उड़ रहे है बच्चों का उड़ान से कैसा संबंध बनता है ?
उत्तर: पतंगो के साथ-साथ वे भी उड़ रहे है- पंक्ति के माध्यम से कवि यह बताना चाहते हैं कि पतंग उड़ाते हुए बच्चे बहुत आनंदित होते हैं। जब मुलायम, साफ आकाश में उड़ती उसी प्रकार बच्चे भी छतों पर डोलते हैं। वे किसी भी खतरे से बिल्कुल बेख़बर होते हैं। उनका शरीर हवा में लहराते रहता हैं, जैसे वे खुद पतंग बन गए हो । पतंग उड़ाते-उड़ाते मानों उनके छोटे-छोटे सपनों को पंख से लग जाते है।
प्रश्न 6: आसमान में रंग-बिरंगी पतंगों को देखकर आपके मन में कैसा ख्याल आता है?
उत्तर: आसमान में रंग-बिरंगी पतंगों को देखकर मेरे मन में यह ख्याल आता है कि एक दिन मैं भी इन पतंगों के समान मुलायम आकाश की ऊंचाईयों को छू सकूं।
प्रश्न 7: रोमांचित शरीर का संगीत' का जीवन के लय से क्या संबंध है ?
उत्तर: जब हम किसी भी कार्य को पूरा करने के लिए मग्न हो जाते हे तब हमारा शरीर उस कार्य की लय में डूब जाता है, उसी प्रकार संगीत सुनते हुए हम उसकी लय ताल में खो जाते हैं, इसलिए कहा गया है रोमांचित शरीर का संगीत।
प्रश्न 8: दिशाओं को मृदंग की तरह बजाने का क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:दिशाओं को मृदंग की तरह बजाने का यह तात्पर्य है कि पतंग उड़ाने की धुन में बच्चे इधर-उधर दौड़ते है, जिसके कारण उनके पैरों की आवाज सभी दिशाओं में गुंजती रहती है। उनके पैरों की आवाज, मृदंग की आवाज की तरह प्रतीत होता है।