सिल्वर वैडिंग
मनोहर श्याम जोशी
मनोहर श्याम जोशी
कहानी यशोधर बाबू और उनके परिवार के इर्द-गिर्द घूमती है। यशोधर बाबू एक परंपरावादी, सादगीप्रिय और विदेशी रीतियों के विरोधी व्यक्ति हैं। वे केक काटना, स्कूटर चलाना, सिल्वर वेडिंग जैसे भव्य समारोह पसंद नहीं करते। उनके लिए जीवन में सादगी, पारंपरिक मूल्य और परिवार का साथ सबसे महत्वपूर्ण हैं।
यशोधर बाबू की पत्नी बच्चों के प्रभाव में कुछ आधुनिक आदतें अपनाती हैं, जैसे हील सैंडल पहनना, खुले बाल और बगैर बाँह वाली ब्लाउज़ पहनना। लेकिन यशोधर बाबू को ये बदलाव पसंद नहीं आते।
यशोधर बाबू के चार बच्चे थे, 3 लड़के और 1लड़की :
उनका बड़ा लड़का एक प्रमुख विज्ञापन संस्था में नौकरी पर लग गया था। यशोधर बाबू को यह भी ‘समहाउ’ लगता था क्योंकि यह कंपनी शुरू में ही डेढ़ हजार रुपये प्रतिमाह वेतन देती थी। उन्हें कुछ गड़बड़ लगती थी।
उनका दूसरा बेटा आई.ए.एस. की तैयारी कर रहा था। उसका एलाइड सर्विसेज में न जाना भी उनको अच्छा नहीं लगता।
उनका तीसरा बेटा स्कॉलरशिप लेकर अमेरिका चला गया।
उनकी एकमात्र बेटी शादी से इनकार करती है। साथ ही वह डॉक्टरी की उच्चतम शिक्षा के लिए अमेरिका जाने की धमकी भी देती है। वे अपने बच्चों की तरक्की से खुश हैं, परंतु उनके साथ सामंजस्य नहीं बैठा पाते।
कहानी में लेखक ने यह दिखाया है कि आधुनिक समाज में परंपरा और रिश्तों के बीच टकराव होता है। यशोधर बाबू के दृष्टिकोण से पारिवारिक जीवन का अर्थ आत्मीयता, पारंपरिक संस्कार और सादगी है, जबकि अन्य सदस्य आधुनिकता और दिखावे को अपनाते हैं। कहानी का संदेश यह है कि जीवन में केवल आधुनिकता या दिखावे की चीजें पर्याप्त नहीं हैं, पारिवारिक मूल्य और संबंध बनाए रखना आवश्यक है।
1. यशोधर बाबू का व्यक्तित्व किस प्रकार का है?
(a) आधुनिक और दिखावटी
(b) परंपरावादी, सादगीप्रिय और विदेशी रीति विरोधी ✅
(c) मजाकिया और आलसी
(d) केवल व्यवसायिक
2. यशोधर बाबू किन चीज़ों को पसंद नहीं करते?
(a) परिवार के साथ समय बिताना
(b) केक काटना, स्कूटर चलाना और सिल्वर वेडिंग ✅
(c) पारंपरिक रीति-रिवाज
(d) बच्चों की पढ़ाई
3. यशोधर बाबू की पत्नी किन आदतों में आधुनिक हो गईं?
(a) खेलों में भाग लेना
(b) हील सैंडल पहनना, खुले बाल और बगैर बाँह वाली ब्लाउज़ पहनना ✅
(c) नौकरी करना
(d) यात्रा करना
4. यशोधर बाबू के कितने बच्चे हैं?
(a) 2
(b) 3
(c) 4 (3 लड़के और 1 लड़की) ✅
(d) 5
5. उनका बड़ा बेटा कहाँ काम कर रहा था?
(a) बैंक में
(b) प्रमुख विज्ञापन संस्था में ✅
(c) सरकारी कार्यालय में
(d) अमेरिका में
6. दूसरा बेटा किस तैयारी में लगा था?
(a) डॉक्टर बनने की तैयारी
(b) आई.ए.एस. की तैयारी ✅
(c) इंजीनियर बनने की तैयारी
(d) विदेश जाने की तैयारी
7. तीसरा बेटा क्या कर रहा था?
(a) अमेरिका में उच्च शिक्षा ले रहा था ✅
(b) भारत में नौकरी कर रहा था
(c) घर पर ही पढ़ाई कर रहा था
(d) खेलों में लगा था
8. उनकी बेटी ने क्या किया?
(a) नौकरी स्वीकार की
(b) शादी से इनकार किया और अमेरिका जाने की धमकी दी ✅
(c) परिवार की सलाह मानी
(d) विज्ञापन संस्था में गई
9. कहानी का मुख्य द्वंद्व किसमें है?
(a) यशोधर बाबू और पत्नी के बीच
(b) आधुनिक समाज और परंपरा के बीच ✅
(c) बच्चों और स्कूल के बीच
(d) परिवार और पड़ोसी के बीच
10. कहानी का मुख्य संदेश क्या है?
(a) केवल आधुनिकता ही पर्याप्त है
(b) केवल दिखावा महत्वपूर्ण है
(c) पारिवारिक मूल्य, आत्मीयता और संबंध बनाए रखना आवश्यक है ✅
(d) बच्चों की तरक्की ही सबसे महत्वपूर्ण है
प्रश्न 1: यशोधर बाबू की पत्नी समय के साथ चलने में सफल रही किंतु यशोधर बाबू नहीं क्यों?
उत्तर: यशोधर बाबू की पत्नी समय के साथ ढल सकने में सफल हुई किंतु यशोधर बाबू असफल रहे जिसके कारण निम्नलिखित है
परिवेश तथा वातावरण : यशोधर बाबू के माता-पिता का देहांत बचपन में ही हो गया था जिसके कारण परिवार की जिम्मेदारियाँ उनके गंधों पर आ गयी। वे गाँव के पुराने ख्याल वाले लोगों के बीच रहे, उनके बीच ही पले, बढ़े। वह चाहकर भी उनके पारंपरिक विचारों को भूल नहीं पाए।
यशोधर बाबू का आदर्श : यशोधर बाबू किशनंदा को अपना आदर्श मानते थे तथा अपने सभी काम उनको आदर्श मानकर ही करते थे।
पारंपरिक उसूल पसंद होना : यशोधर बाबू को पारंपरिक उसूल अत्यधिक प्रिय था तथा वह उन उसूलों को हर हाल में जीवित रखना चाहता था।
संयुक्त परिवार की चाहत : यशोधर बाबू संयुक्त परिवार चाहते थे किंतु उनके बच्चे स्वतंत्र रहना चाहते थे तथा अपने-अपने जीवन के सभी फैसले स्वयं लेना चाहते थे । यशोधर बाबू जी की पत्नी अपने बच्चों के साथ आधुनिकता को आसानी से स्वीकार कर लेती है क्योंकि यशोधर बाबू से विवाह के पश्चात उन्हें उनके संयुक्त परिवार के कठोर नियमों का पालन करना पड़ा था।
यशोधर बाबू समय के साथ बदलते परिस्थितियों को समझते थे, किंतु पूरे मन से आधुनिकता को स्वीकार न कर पाने के कारण असफल रहे ।
प्रश्न 2: यशोधर बाबू 'समहाऊ इंप्रापर' वाक्यांश का प्रयोग लगभग सभी वाक्य के प्रारंभ में तकिया कलाम की तरह करते है। इस वाक्यांश का उनके व्यक्तित्व और कहानी के तथ्य से क्या संबंध बनता है?
उत्तर: 'समहाऊ इंप्रापर' वाल्यांश का प्रयोग यशोधर बाबू लगभग सभी वाक्य के अंत में तकिया कलाम की तरह करते है। जब भी उन्हें कोई बात अनुचित लगती है, तब यह वाक्यांश उनके मुंह से अचानक निकल पड़ता है।
पाठ सिल्वर वैडिंग में निम्नलिखित संदर्भों में यशोधर बाबू ने 'समहाऊ इंप्रापर' वाक्य का प्रयोग किया है -
साधारण पुत्र के असाधारण वेतन पर ।
केक काटने के विदेशी परंपरा पर।
स्कूटर की सवारी पर।
दफ्तर में सिल्वर वैडिंग मनाने पर।
DDA फ्लैट का वेतन न भरने पर।
खुशहाली में रिश्तेदारों की उपेक्षा करने पर
अपने छोटे साले के ओछेपन पर आदि।
इन सभी वाक्यांशों से यह स्पष्ट होता है, कि यशोधर बाबू सिद्धांतवादी है। वह समय के साथ आने वाले परिवर्तनों तथा आधुनिकता के विरुद्ध है। वह आधुनिकता को अपनाना नहीं चाहते तथा हर हाल में अपने पारंपरिक उसूल को जीवित रखना चाहते है। इसके कारण हमेशा उनका, उनके परिवार वालों के साथ तथा दफ्तर के लोगों के साथ मनमुटाव होते रहता है ।अस्वाभाविक परिस्थितियों में यह वाक्य उनके मुँह से निकल पड़ता है।
प्रश्न 3: सिल्वर वैडिंग के आधार पर पीढ़ी के अंतराल को समझाइए । बताएं कि इसमें कैसे सामंजस्य बनाया जा सकता है ?
उत्तर: सिल्वर वैडिंग' पाठ में दो पीढ़ियों के मध्य अंतराल देखने को मिलता है जैसे -
पारंपरिक उसूल को मानने वाली पीढ़ी : यशोधर बाबू आधुनिकता को स्वीकार नहीं करना चाहते तथा हर परिस्थितियों में अपने पारंपरिक उसूल को जीवित रखना चाहते है जिसके कारण हमेशा उनका, उनके दफ्तर वालों तथा परिवार वालों के साथ मतभेद होते रहता है।
आधुनिकता को स्वीकार करने वाली पीढ़ी : यशोदार बाबू के बच्चे स्वतंत्र रहना चाहते है तथा अपने जीवन के सभी निर्णय स्वयं लेना चाहते हैं। उन्हें अपने पिता जी का उसूल पसंद होना, अपनी बेज्जती लगाती है।
इस प्रकार यशोधर बाबू के बच्चे स्वतंत्र रहना चाहते है तथा यशोधर बाबू आधुनिकता को स्वीकार नहीं करना चाहते और दोनों पीढ़ियों के मध्य यह द्वंद चलते ही रहता है।
संकृति तथा समाज के संरक्षण हेतु स्वस्थ पारंपरिक उसूल को जीवित रखना आवश्यक है। अतः पारंपरिक उसूल को मानने वालों को थोड़ा आधुनिक होना होगा तथा आधुनिकता को मानने वालों को स्वस्थ पारंपरिक उसूलों को अपनाना होगा तभी सामंजस्य हो सकता है।
प्रश्न 4: सिल्वर वैडिंग कहानी के आधार पर यशोदार बाबू के स्वभाव की किन्हीं 4 विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
उत्तर: सिल्वर वैडिंग कहानी के आधार पर यशोदार बाबू के स्वभाव की 4 विशेषताएं निम्नलिखित है
आधुनिकता के विरोधी : यशोधर बाबू समय के साथ चलने में असमर्थ थे। वह पारंपरिक विचारों को पसंद करते थे। उन्होंने स्वयं आधुनिकता को स्वीकार नहीं किया तथा अपने बच्चों को भी आधुनिकता नहीं अपनाने दिया। वह सेक्शन अफसर होते हुए भी साइकिल से दफ्तर जाते थे।
रूढ़िवादी : यशोधर बाबू रूढ़िवादी थे। वह संयुक्त परिवार ही रखना चाहते थे। उन्हें पारंपरिक उसूल अच्छे लगते थे। वह प्रतिदिन लक्ष्मी नारायण मंदिर जाता था उन्हें अपनी पत्नी का सजना सवरना अच्छा नहीं लगता था।
भौतक सुख के विरोधी : यशोधर बाबू भौतिक सुख सुविधाओं के विरोधी थे उन्हें अपने घर में पार्टी करना अच्छा नहीं लगता था वह प्रतिदिन अपने दफ्तर पैदल या फिर साइकिल से जाता था तथा उनकी वेशभूषा भी अत्यंत साधारण रहती थी।
विदेशी परंपराओं के विरोधी : यशोधर बाबू को विदेशी परंपराएं जैसे दफ्तर में सिल्वर वैडिंग मनाना, केक काटना, स्कूटर की सवारी, आदि पसंद नहीं थे ।
प्रश्न 5: यशोधर बाबू आत्मीय और पारिवारिक जीवन शैली के समर्थक है आप इस बारे में क्या सोचते हैं
उत्तर: यशोधर बाबू आत्मीय और पारिवारिक जीवन शैली के समर्थक हैं यह निम्नलिखित तथ्यों से पता चलता है -
यशोधर बाबू अपने सभी रिश्तेदारों से अच्छे संबंध बनाए रखना चाहते हैं ।
वह अपने गरीब रिश्तेदारों के साथ संबंध जोड़ रखना चाहते हैं।
उन्हें उनकी पत्नी और बच्चों के द्वारा गरीब रिश्तेदारों की अपेक्षा करना अच्छा नहीं लगता इसलिए वह इसे संभव इंप्रोपर कहता हैं।
यशोधर बाबू अपनी बहन को निरंतर पैसे भेजता है।
यशोधर बाबू अपने जीजा जी की बीमार होने पर उनसे मिलने हेतु अहमदाबाद जाना चाहते हैं।
जब उनकी पत्नी और बच्चे गरीब रिश्तेदारों की अपेक्षा करते हैं तथा ऐसी रिश्तेदारी निभाने को मूर्खतापूर्ण कहते हैं तब उन्हें बहुत ही दुख होता है।
यशोधर बाबू संयुक्त परिवार की कामना करते हैं किंतु उनके बच्चे अलग रहना चाहते हैं तथा अपने जीवन के सभी निर्णय स्वयं लेना चाहते हैं।
यशोधर बाबू चाहता है कि उनके बच्चे अपनी कमाई उनके हाथ में रखें क्योंकि वह मुखिया है।
इस विषय में मेरा विचार यह है कि यशोधर बाबू घर के मुखिया है तो वह उसी प्रकार के मान सम्मान जाएंगे परंतु उन्हें अपने बच्चों के साथ मित्रता पूर्ण व्यवहार करना चाहिए।
प्रश्न 6: यशोधर बाबू के व्यक्तित्व की विशेषताएं लिखिए।
उत्तर: यशोधर बाबू के व्यक्तित्व की विशेषताएं निम्नलिखित हैं -
धार्मिक व्यक्ति यशोधर बाबू धार्मिक प्रकृति के व्यक्ति थे वह रोज शाम को बिड़ला मंदिर जाते थे।
परंपरावादी यशोधर बाबू परंपरावादी थे वह आधुनिक युग में भी अपने पारंपरिक उसूलों को जीवित रखना चाहते थे।
सत्यवादी यशोधर बाबू सत्यवादी थे उन्हें झूठ बोलने वाले लोगों से नफरत थी।
भारतीय संस्कृति से लगाव यशोधर बाबू विदेशी परंपराओं की विरोधी थे जैसे दफ्तर में सिल्वर वैडिंग मनाना, केक काटना, स्कूटर की सवारी, आदि।
आत्मीय संबंध यशोधर बाबू अपने ही रिश्तेदारों से आत्मीय संबंध रखते थे।
सादगी पूर्ण जीवन यशोधर बाबू सादगी पूर्ण जीवन जीते थे।
प्रश्न 7: सिल्वर वेडिंग के आधार पर उन जीवन मूल्यों को सो उदाहरण समीक्षा कीजिए जो समय के साथ बदल रहे हैं।
उत्तर: सिल्वर वेडिंग पाठ में यशोधर बाबू और उनके बच्चों के विचार रहन-सहन से यह ज्ञात होता है की पुरानी पीढ़ी और नई पीढ़ी के बीच जीवन मूल्यों में बहुत अंतर आ गया है उनमें से कुछ अंतर निम्नलिखित है -
सामूहिक उन्नति : पारंपरिक विचार उसूल को अपनाने वाले यशोधर बाबू अपनी उन्नति के लिए जितना चिंतित रहते हैं उतना ही वह अपने परिवार वालों साथियों तथा दफ्तर वालों की उन्नति के लिए भी चिंतित रहते हैं किंतु नई पीढ़ी अकेली उन्नति करना चाहती है।
पूर्वजों का आदर : पुरानी पीढ़ी अपने पूर्वजों का बहुत आदर करती थी किंतु नई पीढ़ी अपने पूर्वजों बुजुर्गों की उपेक्षा करने लगते हैं उनका आदर ही नहीं करते।
परंपराओं से लगाव : पुराने विचार वाले व्यक्तियों को अपनी संस्कृति, परंपराओं आदि से गहरा लगाव होता था किंतु नहीं पीढ़ी में परंपराओं का कोई अस्तित्व ही नहीं रह गया है।
त्याग की भावना : पुरानी पीढ़ी के लोग दूसरों की खुशी के लिए अपनी सुख सुविधाओं का क्या कर देते थे किंतु आज की नई पीढ़ी में क्या की भावना ही नहीं है नई पीढ़ी के लोग स्वार्थी हो गए हैं।
भारतीय संस्कृति से लगाव : पुरानी पीढ़ी के लोग भारतीय संस्कृति के रक्षक की तरह होते थे वह विदेशी परंपराओं की विरोधी थी किंतु आज नहीं पीढ़ी विदेशी परंपराओं के आदी हो गई है।
प्रश्न 8: पाठ सिल्वर वैडिंग में 'जो हुआ होगा' वाक्यांश का प्रयोग क्यों किया गया है?
उत्तर: पाठ सिल्वर वैडिंग में 'जो हुआ होगा' वाक्यांश का प्रयोग निम्नलिखित संदर्भ में हुआ है -
किशनदा के जाति भाई द्वारा : जब यशोधर बाबू ने किशनदा के जाति भाई से उनके मृत्यु का कारण पूछा, तो उन्होंने जवाब में कहा 'जो हुआ होगा' अर्थात पता नहीं।
यशोधर बाबू की सोच -अकेलापन : यशोधर बाबू का यह मानना था कि किशनदा की मृत्यु का कारण अकेलापन हो सकता है। अकेलेपन के कारण घुट-घुटकर उनकी मृत्यु हो गयी होगी।
बिरादरी से तिरस्कार होने पर : यशोधर बाबू का मानना था कि किशनदा को अपनी बिरादरी से तिरस्कार कर दिया गया होगा जिसके कारण शर्मिंदगी से उनकी मृत्यु हो गयी होगी।
ड्रेसिंग गाउन के संदर्भ में : जब यशोधर बाबू ड्रेसिंग गाउन पहने हुए थे, तब उनके अंगों में किशनदा उतर आए थे तब उनके पुत्र भूषण द्वारा ड्रेसिंग गाउन पहनकर दूध लाने की बात यशोधर बाबू को चुभ जाती है। तब उन्हें किशनदा की मृत्यु का कारण 'जो हुआ होगा' याद आ जाता है अर्थात अपनों के होते हुए भी साथ न होने से वह दुखी हो जाता है।