डायरी के पन्ने
ऐन फ्रेक
ऐन फ्रेक
"डायरी के पन्ने" एनी फ्रैंक की डायरी है, जिसमें उसने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अपने अनुभवों और भावनाओं को लिखा। एनी का परिवार नाज़ियों के डर से जर्मनी छोड़कर नीदरलैंड्स में बस गया। जब नाज़ियों ने यहूदियों का उत्पीड़न शुरू किया, तो उनका परिवार एक गुप्त कमरे (Secret Annex) में छिप गया।
डायरी में एनी ने अपने डर, आशा, परिवार के साथ संबंध, और युवाओं के विचार साझा किए हैं। उसने अपने भीतर की भावनाओं और सपनों को बहुत ही ईमानदारी से लिखा। उसने यह भी व्यक्त किया कि बड़े लोग अक्सर उसकी भावनाओं और परेशानियों को समझने में असफल रहते थे, जिससे उसे अकेलेपन और संघर्ष का अनुभव होता था।
एनी फ्रैंक की डायरी में यह भी बताया गया है कि कठिन परिस्थितियों में भी सकारात्मक दृष्टिकोण और मानवता पर विश्वास बनाए रखना जरूरी है। डायरी न केवल युद्ध और उत्पीड़न की कहानी है, बल्कि यह एक युवा लड़की की साहस, आशा और संवेदनशीलता का प्रतीक भी है।
मुख्य पात्र
1. एनी फ्रैंक – डायरी लिखने वाली 13 वर्षीय लड़की, साहसी और संवेदनशील।
2. ओटो फ्रैंक – एनी के पिता, परिवार का मार्गदर्शक।
3. एडिथ फ्रैंक – एनी की माँ, संवेदनशील और सहायक।
4. मार्गोट फ्रैंक – एनी की बड़ी बहन, शांत और जिम्मेदार।
5. अन्य छिपने वाले लोग – वैन पेलेस परिवार और दोस्त।
मुख्य संदेश
* आशा और विश्वास बनाए रखना कठिन समय में भी जरूरी है।
* मानवता, सहानुभूति और अच्छाई का पालन करना चाहिए।
* युवा मनोभाव, साहस और आत्म-विश्वास को कभी खोना नहीं चाहिए।
1. एनी फ्रैंक अपनी डायरी को किस नाम से संबोधित करती हैं?
(a) प्रिय मित्र
(b) मेरी छोटी गुड़िया
(c) किट्टी (Kitty) ✅
(d) प्रिय बहन
2. एनी फ्रैंक ने अपनी डायरी में किसका वर्णन सबसे अधिक किया है?
(a) युद्ध में सेना की गतिविधियाँ
(b) अपने मन में उठने वाले सवाल और भावनाएँ ✅
(c) केवल स्कूल की पढ़ाई
(d) गाँव की यात्रा
3. एनी को किस बात से अकेलापन और दुख महसूस होता था?
(a) घर में कोई नहीं था
(b) बड़े लोग उसकी भावनाओं को समझते नहीं थे ✅
(c) स्कूल में दोस्त नहीं थे
(d) खाने में कमी थी
4. एनी फ्रैंक का परिवार क्यों छिपा हुआ था?
(a) युद्ध के कारण
(b) नाज़ियों के यहूदियों पर अत्याचार से बचने के लिए ✅
(c) चोरी से बचने के लिए
(d) प्राकृतिक आपदा से
5. एनी की डायरी का सबसे महत्वपूर्ण संदेश क्या है?
(a) केवल पढ़ाई जरूरी है
(b) कठिनाइयों में भी आशा, मानवता और सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखना ✅
(c) खेलकूद में सफलता
(d) केवल परिवार का पालन
6. एनी ने डायरी में किससे अपनी बातें साझा कीं?
(a) माता-पिता और बहन
(b) अन्य छिपने वाले लोग
(c) किट्टी (Kitty) ✅
(d) शिक्षक
7. एनी की डायरी में किस प्रकार की भावनाओं का विवरण है?
(a) डर, आशा, अकेलापन और प्रेम ✅
(b) केवल डर
(c) केवल खुशी
(d) केवल शिक्षा से संबंधित
8. एनी फ्रैंक किस देश में छिपकर रहती थीं?
(a) जर्मनी
(b) नीदरलैंड्स, एम्स्टर्डम ✅
(c) फ्रांस
(d) बेल्जियम
9. एनी की डायरी का युवाओं के लिए मुख्य प्रेरणा क्या है?
(a) मेहनत से धन कमाना
(b) संघर्ष और कठिनाइयों में धैर्य और आशा बनाए रखना ✅
(c) केवल साहसिक खेल खेलना
(d) केवल पढ़ाई पर ध्यान देना
10. एनी फ्रैंक के लेखन में सबसे अधिक क्या झलकता है?
(a) युद्ध की भयावहता
(b) साहस, संवेदनशीलता और सकारात्मक दृष्टिकोण ✅
(c) केवल परिवार का प्यार
(d) सिर्फ स्कूल की दिनचर्या
प्रश्न 1: ऐन ने अपनी डायरी किट्टी को संबोधित चिट्ठी की शक्ल में लिखने की जरूरत क्यों महसूस की होगी?
उत्तर: ऐन का जन्म 12 जून सन् 1929 में जर्मनी में हुआ था तथा मार्च या अप्रैल 1945 में उनकी मृत्यु हो गयी। ऐन ने अपनी डायरी किट्टी को संबोधित चिट्ठी की शक्ल में लिखने की जरूरत निम्नलिखित कारणों से महसूस की होगी -
युद्ध का प्रभाव : द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाजीवाद से बचने के लिए ऐन ने अपने परिवार के साथ अज्ञातवास में रहते हुए अनेक समस्याओं, जरूरतों, परेशानियों का सामना किया। 13 वर्ष की बच्ची के लिए यह दर्दनाक, भयावह समय था।
परिस्थितियां : ऐन अज्ञातवास में जिन परिस्थितियों में रहती थी उन परिस्थितियों को स्वीकार कर पाना मुश्किल था। ऐसे विकट परिस्थितियों में ऐन अपने मन की बातों को लोगों से साझा करना चाहती थी, किंतु लोग उसे डांट फटकार-कर चुप करा देते थे।
लोगों का रवैया : जब ऐन अपनी भावनाओं, विचारों को लोगों को बताने का प्रयास करती थी, तब लोग उसकी भावनाओं को गंभीरता से नहीं लेते थे तथा उसे घमंडी कह देते थे।
एकाकीपन : परिवार वालों के बीच रहते हुए भी ऐन एकाकीपन महसूस करती थी। अपने एकाकीपन में बातों, भावनाओं, विचारों को साझा करने के लिए डायरी को माध्यम बनाया तथा संबोधित करने के लिए अपनी गुड़िया 'किट्टी' को चुना।
प्रश्न 2: यह 60 लाख लोगों की तरफ से बोलने वाली एक आवाज है। एक ऐसी आवाज जो किसी संत या कवि की नहीं बल्कि एक साधारण लड़की की है। इहरनबुर्ग की इस टिप्पणी के संदर्भ में ऐन फ्रेंक की डायरी के पठित अंश पर विचार करें।
उत्तर: 'ऐन की डायरी एक ऐतिहासिक दौर का जीवंत दस्तावेज है' जिसमें यहूदियों के ऊपर किए गए अत्याचार, उनके दुख, भय का वर्णन मिलता है। जैसे -
अज्ञातवास में रहने हेतु बाध्य : द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाजीवाद द्वारा यहूदियों पर अत्याचार किया जा रहा था जिससे बचने के लिए यहूदी लोग अज्ञातवास में रहने लगे। यहां रहते हुए उन्हें अनेक दुख, भय, अत्याचार का सामना करना पड़ा।
अंधेरे में जीवन व्यतीत करना : अज्ञातवास में रहने वाले लोगों को अंधेरे में रहना पड़ता था। सूर्य तथा चंद्रमा की रोशनी से दूर अंधेरे में रहना उनके लिए किसी सजा से कम नहीं था।
अकेलेपन की पीड़ा :अज्ञातवास में रहते हुए किशोर ऐन फ्रेंक अपने मन की भावनाओं, विचारों को लोगों के साथ साझा करना चाहती थी, किंतु कोई उसकी भावनाओं को गंभीरता से नहीं लेता था। वह अकेलापन महसूस करती थी।
चोरी की समस्या : गोला बारूद होने के कारण चोरी चकारी भी बहुत बढ़ गई थी। इन सभी यातनाओं को झेलने वाले 60 लाख लोगों के अनुभव को एकमात्र 13 वर्ष की लड़की ने अनुभव किया तथा उसे अपनी गुड़िया किट्टी को संबोधित करते हुए डायरी में लिखा।
अतः इहरनबुर्ग की टिप्पणी सत्य है कि 'यह 60 लाख लोगों की तरफ से बोलने वाली एक आवाज है। एक ऐसी आवाज जो किसी संत या कवि की नहीं बल्कि एक साधारण लड़की की है।'
प्रश्न 3: 'काश कोई तो होता जो मेरी भावनाओं को गंभीरता से समझ पाता। अफसोस ऐसा व्यक्ति मुझे अब तक नहीं मिला' क्या आपको लगता है कि ऐन के इस कथन में उसके डायरी लेखन का कारण छिपा है?
उत्तर: 'काश कोई तो होता जो मेरी भावनाओं को गंभीरता से समझ पाता। अफसोस ऐसा व्यक्ति मुझे अब तक नहीं मिला' ऐन के इस कथन में उसके डायरी लेखन का कारण छिपा है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाजीवाद की यातनाओं से बचने के लिए अज्ञातवास में रहने वाली ऐन के लिए इन परिस्थितियों को स्वीकार करना कठिन था। अज्ञातवास में रहते हुए अनेक प्रकार के दुख, अत्याचार, आतंक, जरूरत की वस्तुओं की कमी जैसे अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता था। अज्ञातवास में रहते हुए ऐन फ्रेंक, जो 13 वर्ष की थी के मन में अनेक भावनाएं, विचार उठते थे जिसे वह लोगों के साथ साझा करना चाहती थी। किंतु लोग उसकी भावनाओं को गंभीरता से नहीं लेते थे तथा उसे घमंडी मानते थे। जब वह भावुक होकर अपने मन की बातें डसेल को कहती थी तब वह उन बातों की चुगली ऐन की मां से करता था तथा उसकी मां उसे डांट लगाती थी। ऐसी परिस्थितियों में ऐन अकेलापन महसूस करती थी तथा अपने मन की भावनाओं, विचारों को साझा करने के लिए अपनी गुड़िया किट्टी को संबोधित करते हुए डायरी लिखती थी।
प्रश्न 4: ऐन की डायरी अगर एक ऐतिहासिक दौर का जीवंत दस्तावेज है, तो साथ ही उसके निजी सुख-दुख और भावनात्मक उथल-पुथल का भी। इन पृष्ठों में दोनों का फर्क गिर गया है। इस कथन पर विचार करते हुए अपनी सहमति या असहमति तर्क पूर्वक व्यक्त करें।
उत्तर: ऐन की डायरी अगर एक ऐतिहासिक दौर का जीवंत दस्तावेज है, तो साथ ही उसके निजी सुख-दुख और भावनात्मक उथल-पुथल का भी। इन पृष्ठों में दोनों का फर्क गिर गया है। इस कथन से मैं पूर्णतः सहमत हूं। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाजीवाद द्वारा यहूदियों पर अत्याचार किया जा रहा था, उन्हें अनेक यातनाएं दी जा रही थी। इन यातनाओं से बचने के लिए यहूदी लोग अज्ञातवास में रहने लगे। यहां रहते हुए उन्हें अनेक प्रकार के दुख, भय, अत्याचार, जरूरत की साधनों की कमी, चोरी, गरीबी, शारीरिक व मानसिक तनाव इत्यादि का सामना करना पड़ा। लोगों के द्वारा ऐसी परिस्थितियों को स्वीकार कर पाना मुश्किल था। इसके कारण किशोरों जैसे ऐन, मार्गोट, पीटर के मन में गहरा प्रभाव पड़ा। इनमें से ऐन सर्वाधिक प्रभावित हुई, जो किशोरावस्था में प्रवेश ही की थी। वह सबसे छोटी व अकेली थी। अन्य बड़े लोग उसकी भावनाओं, विचारों को गंभीरता से नहीं लेते थे तथा बालपन के कारण किसी बात का विरोध करने पर लोग उसे घमंडी कहते थे। इस प्रकार स्पष्ट होता है कि यह ऐतिहासिक दौर का जीवंत दस्तावेज है।