सबसे ख़तरनाक
अवतार सिंह ‘पाश'
अवतार सिंह ‘पाश'
मेहनत की लूट सबसे ख़तरनाक नहीं होती
पुलिस की मार सबसे ख़तरनाक नहीं होती
गद्दारी और लोभ की मुट्ठी सबसे ख़तरनाक नहीं होती
बैठे‑बिठाए पकड़े जाना‑ बुरा तो है
सहमी‑सी चुप में जकड़े जाना‑ बुरा तो है
पर सबसे ख़तरनाक नहीं होता
भावार्थ
कवि इसमें बाहरी बुराइयों जैसे मेहनत की लूट, पुलिस की मार, गद्दारी और लोभ का उल्लेख करते हैं। ये बुराइयाँ बुरी हैं, लेकिन सबसे खतरनाक नहीं, क्योंकि ये बाहरी हैं और इनके खिलाफ लड़ाई की जा सकती है। असली खतरा मनुष्य की अंदरूनी संवेदनहीनता और निष्क्रियता है।
Questions & Answers
1. कवि ने इस stanza में सबसे पहले किन बुराइयों का उल्लेख किया है?
उत्तर: मेहनत की लूट, पुलिस की मार, गद्दारी और लोभ।
2. क्यों कहा कि ये “सबसे ख़तरनाक नहीं होती”?
उत्तर: ये बाहरी हैं और संघर्ष/जागरूकता से सामना किया जा सकता है।
3. “बिठाए पकड़े जाना” और “सहमी‑सी चुप में जकड़े जाना” का क्या अर्थ है?
उत्तर: मनुष्य की डर और निष्क्रियता को दर्शाता है।
4. कवि यहाँ किस प्रकार का अंतर कर रहे हैं?
उत्तर: बाहरी बुराइयों और अंदरूनी संवेदनहीनता में।
5. मुख्य संदेश क्या है?
उत्तर: असली खतरा मनुष्य की मृत चेतना और संवेदनहीनता है।
कपट के शोर में
सही होते हुए भी दब जाना‑ बुरा तो है
किसी जुगनू की लौ में पढ़ना‑ बुरा तो है
मुट्ठियां भींचकर बस वक़्त निकाल लेना‑ बुरा तो है
सबसे ख़तरनाक नहीं होता
भावार्थ
यह stanza सूक्ष्म बुराइयों को दर्शाता है — कपट, दब जाना, निष्क्रिय समय बिताना। ये बुराइयाँ भी बुरी हैं, लेकिन सबसे ख़तरनाक नहीं। कवि बताता है कि केवल जब भीतर की चेतना और सोच मर जाए, तब खतरा वास्तविक होता है।
Questions & Answers
1. कवि ने किन सूक्ष्म बुराइयों का उल्लेख किया है?
उत्तर: कपट, दब जाना, समय निकालना बिना संघर्ष के, जुगनू की लौ में पढ़ना।
2. “कपट के शोर में सही होते हुए भी दब जाना” का अर्थ?
उत्तर: सही होते हुए भी डर के कारण मौन रहना।
3. “मुट्ठियां भींचकर बस वक़्त निकाल लेना” का अर्थ?
उत्तर: जीवन को केवल समय बिताने के रूप में जीना।
4. ये सबसे ख़तरनाक क्यों नहीं हैं?
उत्तर: ये बाहरी बाधाएँ हैं; मनुष्य की चेतना अभी जीवित है।
5. सीख क्या है?
उत्तर: निष्क्रियता बुरी है, पर सबसे बड़ा खतरा सपनों और संवेदना की मृत्यु है।
सबसे ख़तरनाक होता है
मुर्दा शांति से भर जाना
तड़प का न होना सब सहन कर जाना
घर से निकलना काम पर
और काम से लौटकर घर आना
सबसे ख़तरनाक होता है
हमारे सपनों का मर जाना
भावार्थ
कवि बताता है कि सबसे ख़तरनाक स्थिति मुर्दा शांति और सपनों का मर जाना है। जब व्यक्ति सिर्फ़ रोजमर्रा का जीवन जीता है और अंदर से तड़प, उम्मीद और संवेदना नहीं बचती, तब जीवन असली अर्थ खो देता है।
Questions & Answers
1. सबसे ख़तरनाक क्या है?
उत्तर: मुर्दा शांति और सपनों का मर जाना।
2. “तड़प का न होना” का अर्थ?
उत्तर: इच्छाओं और संघर्ष की भावना का न होना।
3. रोज़मर्रा के काम का प्रतीक क्या है?
उत्तर: जीवन की निष्क्रिय और रूटीन दिनचर्या।
4. “सपनों का मर जाना” क्यों खतरनाक है?
उत्तर: सपने जीवन की प्रेरणा और ऊर्जा देते हैं।
5. मुख्य संदेश?
उत्तर: सक्रिय सोच और उम्मीद जीवन के लिए ज़रूरी हैं।
सबसे ख़तरनाक वो आँख होती है
जो सबकुछ देखती हुई जमी बर्फ़ होती है
जिसकी नज़र दुनिया को मोहब्बत से चूमना भूल जाती है
जो चीज़ों से उठती अंधेपन की भाप पर ढुलक जाती है
जो रोज़मर्रा के क्रम को पीती हुई
एक लक्ष्यहीन दुहराव के उलटफेर में खो जाती है
भावार्थ
कवि बताता है कि सबसे खतरनाक वे आँखें हैं जो संवेदनशीलता खो चुकी हों, जो दुनिया के दुख और अन्याय को देखकर भी प्रतिक्रिया नहीं करतीं। यह निष्क्रियता और उद्देश्यहीन जीवन की चेतना को दर्शाता है।
Questions & Answers
1. सबसे ख़तरनाक आँखें कौन-सी हैं?
उत्तर: जो सब देखकर भी संवेदनशील नहीं हैं।
2. “जमी बर्फ़” का प्रतीक क्या है?
उत्तर: ठंड, संवेदनहीनता और निष्क्रियता।
3. रोज़मर्रा के क्रम में खो जाना क्या दर्शाता है?
उत्तर: उद्देश्यहीन और एकरस दिनचर्या।
4. “अंधेपन की भाप पर ढुलक जाना” का अर्थ?
उत्तर: वास्तविक दुख और अन्याय को न समझना।
5. मुख्य संदेश?
उत्तर: संवेदनशीलता और जागरूकता ही जीवन की शक्ति हैं।
सबसे ख़तरनाक वो चाँद होता है
जो हर हत्याकांड के बाद
वीरान हुए आँगन में चढ़ता है
लेकिन आपकी आंखों में मिर्चों की तरह नहीं गड़ता है
भावार्थ
चाँद यहाँ संवेदनहीनता और निष्क्रियता का प्रतीक है। जब हिंसा और अन्याय के बाद भी लोग सामान्य रहते हैं और पीड़ा महसूस नहीं करते, तब वह चाँद सबसे खतरनाक बन जाता है।
Questions & Answers
1. चाँद का प्रतीक क्या है?
उत्तर: समाज की संवेदनहीनता और स्थिरता।
2. “हर हत्याकांड के बाद” क्यों कहा?
उत्तर: हिंसा और अन्याय के बावजूद लोगों की निष्क्रियता दिखाने के लिए।
3. “वीरान हुए आँगन में चढ़ना” का अर्थ?
उत्तर: सुनसान माहौल, विनाश के बावजूद सामान्य जीवन।
4. “आंखों में मिर्चों की तरह नहीं गड़ना” का अर्थ?
उत्तर: व्यक्ति पीड़ा महसूस नहीं करता।
5. मुख्य संदेश?
उत्तर: समाज की संवेदनहीनता और निष्क्रियता सबसे खतरनाक है।
सबसे ख़तरनाक वो गीत होता है
आपके कानों तक पहुँचने के लिए
जो मरसिए पढ़ता है
आतंकित लोगों के दरवाज़ों पर
जो गुंडों की तरह अकड़ता है
भावार्थ
यह stanza चेतना और जागरूकता की शक्ति को दिखाता है। केवल आवाज़ उठाना पर्याप्त नहीं; अगर यह केवल दिखावा या डर पैदा करे, तो वह भी खतरनाक है।
Questions & Answers
1. गीत का प्रतीक क्या है?
उत्तर: आवाज़, चेतना और जागरूकता।
2. “मरसिए पढ़ना” का अर्थ?
उत्तर: केवल पीड़ा का बयाना, निष्क्रिय।
3. “आतंकित लोगों के दरवाज़ों पर” का क्या अर्थ?
उत्तर: समाज में भय और दबाव।
4. “गुंडों की तरह अकड़ना” का अर्थ?
उत्तर: चेतना का दिखावा, प्रभावहीनता।
5. मुख्य संदेश?
उत्तर: संवेदनशीलता, सक्रियता और प्रभावशीलता जरूरी हैं।
सबसे ख़तरनाक वो रात होती है
जो ज़िंदा रूह के आसमानों पर ढलती है
जिसमें सिर्फ उल्लू बोलते और हुआँ हुआँ करते गीदड़
हमेशा के अँधेरे बंद दरवाज़ों‑चौगाठों पर चिपक जाते हैं
भावार्थ
रात डर, अंधकार और निष्क्रियता की स्थिति का प्रतीक है। लोग भय और दबाव में अपनी चेतना को खो देते हैं।
Questions & Answers
1. रात का प्रतीक क्या है?
उत्तर: डर, अंधकार और निष्क्रियता।
2. “ज़िंदा रूह के आसमानों पर ढलना” का अर्थ?
उत्तर: भीतर से जिंदा लेकिन बाहर से निष्क्रिय होना।
3. उल्लू और गीदड़ का प्रतीक?
उत्तर: डर और चेतना की आवाज़।
4. “अँधेरे बंद दरवाज़ों‑चौगाठों पर चिपक जाना” का अर्थ?
उत्तर: डर में आत्मा की निष्क्रियता।
5. मुख्य संदेश?
उत्तर: डर और निष्क्रियता सबसे खतरनाक है।
सबसे ख़तरनाक वो दिशा होती है
जिसमें आत्मा का सूरज डूब जाए
और जिसकी मुर्दा धूप का कोई टुकड़ा
आपके जिस्म के पूरब में चुभ जाए
भावार्थ
जब आत्मा की प्रेरणा और रोशनी समाप्त हो जाए, तो जीवन में केवल दर्द और असंतोष बचता है।
Questions & Answers
1. “आत्मा का सूरज डूब जाना” का अर्थ?
उत्तर: जीवन शक्ति और प्रेरणा का समाप्त होना।
2. “मुर्दा धूप का कोई टुकड़ा” क्या है?
उत्तर: केवल शारीरिक दर्द और असंतोष।
3. क्यों खतरनाक?
उत्तर: चेतना और प्रेरणा न होने से जीवन मृत हो जाता है।
4. “जिस्म के पूरब में चुभना” का अर्थ?
उत्तर: लगातार असंतोष और कष्ट।
5. संदेश?
उत्तर: आत्मा की जागरूकता और सक्रियता ज़रूरी है।
1. कविता “सबसे ख़तरनाक” के रचनाकार कौन हैं?
a) नागार्जुन
b) अज्ञेय
c) अवतार सिंह ‘पाश’✅
d) केदारनाथ अग्रवाल
2. कवि के अनुसार सबसे ख़तरनाक क्या नहीं है?
a) भूख का होना
b) पुलिस का अत्याचार
c) मनुष्य का संवेदनहीन हो जाना✅
d) युद्ध का फैलना
3. कविता “सबसे ख़तरनाक” का मुख्य भाव क्या है?
a) देशभक्ति
b) प्रेम
c) जागरूकता और संवेदनशीलता✅
d) प्रकृति की सुंदरता
4. कवि ने सबसे ख़तरनाक आग किसे कहा है?
a) जंगल की आग
b) युद्ध की आग
c) मनुष्य के भीतर की बुझी हुई सोच✅
d) विनाश की आग
5. कवि के अनुसार सबसे ख़तरनाक आँखें कौन-सी हैं?
a) रोने वाली आँखें
b) खुश रहने वाली आँखें
c) सब देखकर भी चुप रहने वाली आँखें✅
d) सपनों से भरी आँखें
6. कवि किसे सबसे बड़ी मृत्यु मानता है?
a) शरीर की मृत्यु
b) सोच और सपनों की मृत्यु✅
c) भूख से मरना
d) युद्ध में मारा जाना
7. “सबसे ख़तरनाक” कविता में कवि किस चीज़ से डरने की बात करता है?
a) युद्ध से
b) गरीबी से
c) संवेदनहीनता और मौन से✅
d) जेल से
8. कवि किसे सबसे विनाशकारी मानता है?
a) हथियारों को
b) राजनैतिक सत्ता को
c) आम जन की चुप्पी को✅
d) विज्ञान को
9. कवि के अनुसार सच्चा जीवन किसमें निहित है?
a) आराम में
b) अन्याय के विरुद्ध आवाज़ उठाने में✅
c) धन संचय में
d) आत्म-संतोष में
10. कविता “सबसे ख़तरनाक” का संदेश क्या है?
a) जीवन का आनंद लेना
b) चुप रहना बेहतर है
c) विचार, संवेदना और विरोध की शक्ति को बनाए रखना✅
d) भाग्य पर निर्भर रहना
1. कविता “सबसे ख़तरनाक” का मूल भाव क्या है?
उत्तर: इस कविता का मूल भाव है — मनुष्य का संवेदनहीन और निष्क्रिय हो जाना सबसे खतरनाक स्थिति है। कवि चेतावनी देता है कि जब व्यक्ति अन्याय, अत्याचार और असमानता देखकर भी चुप रहता है, तो उसका जीवित होना भी व्यर्थ है।
2. कवि ने “सबसे ख़तरनाक आग” से क्या तात्पर्य लिया है?
उत्तर: कवि के अनुसार सबसे ख़तरनाक आग वह नहीं जो खेतों या घरों को जलाती है, बल्कि वह है जो मनुष्य के भीतर की सोच और संवेदना को जला देती है। यह मनुष्य के विवेक और विरोध की शक्ति को नष्ट कर देती है।
3. कवि “सबसे ख़तरनाक आँखों” से क्या कहना चाहता है?
उत्तर: कवि के अनुसार सबसे ख़तरनाक आँखें वे हैं जो अन्याय देखकर भी मौन रहती हैं। ये आँखें समाज की संवेदना को मार देती हैं। ऐसी आँखें समाज में निष्क्रियता और भय का वातावरण बनाती हैं।
4. कवि किस मृत्यु को सबसे बड़ी मृत्यु मानता है?
उत्तर: कवि सोच और सपनों की मृत्यु को सबसे बड़ी मृत्यु मानता है। जब व्यक्ति अपने विचार, संघर्ष और उम्मीद खो देता है, तब उसका अस्तित्व समाप्त हो जाता है, चाहे वह जीवित क्यों न हो।
5. कविता में कवि किससे डरने की बात करता है?
उत्तर: कवि को डर किसी बाहरी खतरे से नहीं, बल्कि मनुष्य की संवेदनहीनता, चुप्पी और निष्क्रियता से है। यह डर समाज के भीतर की मृत चेतना का प्रतीक है, जो धीरे-धीरे इंसानियत को खत्म कर देती है।
6. कवि ने किसे सबसे विनाशकारी कहा है और क्यों?
उत्तर: कवि ने जनता की चुप्पी को सबसे विनाशकारी कहा है। जब लोग अन्याय देखकर भी बोलते नहीं, तो अत्याचारी शक्तियाँ और मजबूत हो जाती हैं। यह चुप्पी किसी भी हथियार से अधिक विनाशकारी होती है।
7. कवि के अनुसार सपनों का मर जाना क्यों खतरनाक है?
उत्तर: कवि मानता है कि सपने जीवन की प्रेरणा और संघर्ष की शक्ति हैं। जब व्यक्ति सपने देखना छोड़ देता है, तो उसके अंदर की जिजीविषा मर जाती है। इसलिए सपनों का मर जाना मनुष्य के जीवित रहते हुए भी उसकी मृत्यु है।
8. कवि के अनुसार सबसे ख़तरनाक क्या नहीं है?
उत्तर: कवि के अनुसार भूख, गरीबी या युद्ध खतरनाक नहीं हैं। ये बाहरी समस्याएँ हैं। असली ख़तरा तब है जब व्यक्ति अन्याय को देखकर भी चुप रहता है, अपने अधिकार और सोच छोड़ देता है।
9. “सबसे ख़तरनाक” कविता हमें क्या सिखाती है?
उत्तर: यह कविता हमें विचारशील, संवेदनशील और साहसी बनने की प्रेरणा देती है। कवि बताता है कि हमें अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध आवाज़ उठानी चाहिए, क्योंकि चुप रहना ही सबसे खतरनाक है।
10. कवि के अनुसार सच्चा मनुष्य कौन है?
उत्तर: कवि के अनुसार सच्चा मनुष्य वह है जो अन्याय के विरुद्ध बोलने का साहस रखता है। जो व्यक्ति अपने विचारों, संवेदनाओं और सपनों को जिंदा रखता है, वही समाज को आगे बढ़ाने में सक्षम होता है।
1. कवि ने किस आशय से मेहनत की लूट, पुलिस की मार, गद्दारी, लोभ को सबसे ख़तरनाक नहीं माना?
उत्तर: कवि के अनुसार मेहनत की लूट, पुलिस की मार, गद्दारी और लोभ जैसे तत्व समाज में बुरे अवश्य हैं, लेकिन ये सबसे ख़तरनाक नहीं हैं क्योंकि इनसे मनुष्य लड़ सकता है। इनका अस्तित्व बाहरी स्तर पर है, जो संघर्ष और जागरूकता से समाप्त किया जा सकता है। परंतु जब व्यक्ति के भीतर की सोच, संवेदना और विरोध की भावना ही मर जाती है, तब वह अन्याय को देखकर भी मौन रहता है। यही स्थिति सबसे भयावह है। कवि का आशय यह है कि बाहरी बुराइयाँ समाज को कमजोर करती हैं, परंतु "अंतरात्मा की मृत्यु समाज को पूरी तरह नष्ट कर देती है।
2. “सबसे ख़तरनाक” शब्द के बार-बार दोहराए जाने से कविता में क्या असर पैदा हुआ है?
उत्तर: “सबसे ख़तरनाक” शब्द का बार-बार प्रयोग कविता की गंभीरता, चेतावनी और विचारात्मक प्रभाव को गहरा बनाता है। यह दोहराव एक प्रकार से पाठक के मन पर लगातार दस्तक देता है, जिससे वह अपने भीतर झाँकने को विवश होता है। यह तकनीक कवि की भावनाओं की तीव्रता को व्यक्त करती है और कविता में लयात्मकता तथा नाटकीयता का संचार करती है। इस दोहराव से कविता एक घोषणापत्र जैसी बन जाती है — जो समाज की संवेदनहीनता के विरुद्ध खुला आह्वान करती है।
3. कवि ने कविता में कई बातों को “बुरा है” न कहकर “बुरा तो है” कहा है। ‘तो’ के प्रयोग से कथन की भंगिमा में क्या बदलाव आया है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: कवि ने “बुरा है” के स्थान पर “बुरा तो है” का प्रयोग कर अपने कथन में संवेदनात्मक स्वीकृति और यथार्थवादी दृष्टिकोण जोड़ा है। यह प्रयोग यह दर्शाता है कि कवि उन बुराइयों से इंकार नहीं करता, बल्कि स्वीकार करता है कि वे मौजूद हैं — परंतु उनसे भी बड़ी बुराई कुछ और है। “तो” शब्द कविता को संवादात्मक, मानवीय और चिंतनशील लहजा देता है। इससे कवि का स्वर उपदेशात्मक न होकर आत्मनिरीक्षणात्मक बन जाता है, जिससे पाठक खुद सोचने लगता है कि वास्तविक खतरा कहाँ है।
4. “मुर्दा शांति से मर जाना” और “हमारे सपनों का मर जाना” सबसे ख़तरनाक क्यों माना गया है?
उत्तर: कवि के अनुसार जब व्यक्ति मुर्दा शांति यानी निष्क्रियता और संवेदनहीनता में जीने लगता है, तो वह वास्तव में जीवित नहीं रहता। इसी तरह, सपनों का मर जाना व्यक्ति की आत्मा की मृत्यु है, क्योंकि सपने ही संघर्ष, आशा और परिवर्तन की प्रेरणा देते हैं। जब मनुष्य अन्याय देखकर भी मौन रहता है और अपने आदर्शों को त्याग देता है, तब उसकी मानवता समाप्त हो जाती है। यही कारण है कि कवि ने इसे सबसे ख़तरनाक कहा है, क्योंकि यह धीरे-धीरे पूरे समाज की चेतना को मार देता है।
5. “वह चाँद सबसे ख़तरनाक क्यों होता है, जो हर हत्याकांड के बाद आपकी आँखों को मिर्चों की तरह नहीं गड़ता?”
उत्तर: कवि यहाँ संवेदनहीनता और नैतिक पतन की आलोचना करता है। वह कहता है कि जब किसी हिंसा या अन्याय के बाद भी प्रकृति और समाज सामान्य दिखाई देते हैं — जब चाँदनी भी अपराध पर शर्मिंदा नहीं होती, तब वह चाँद सबसे ख़तरनाक हो जाता है। यह प्रतीकात्मक है — कवि बताना चाहता है कि अगर समाज अपनी संवेदना और लज्जा खो देता है, तो वह अन्याय को स्वीकार करने लगता है। जब खूनी घटनाओं पर भी लोगों की आँखों में आँसू नहीं आते, तब वह चुप्पी, वह शांति, वह चाँद — सबसे खतरनाक बन जाते हैं, क्योंकि वे अन्याय के प्रति मौन सहमति का प्रतीक हैं।